मध्यप्रदेश में वोटिंग हो रही है। बीजेपी को चुनाव परिणाम की खुशबू आने लगी है। उधर कांग्रेस “अंगूर खट्टे हैं” वाली कहावत चरितार्थ करने लगी है। ऐसे में ईवीएम मशीन पर सवाल न उठें, ऐसा भला कैसे हो सकता है। कांग्रेस ने पूर्वानुमानित अपने संस्कार का पालन करना शुरू कर दिया है और अब ईवीएम की खराबी का विलाप शुरू कर चुकी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने ईवीएम की खराबी का रोना शुरु कर दिया है। जबकि वहीं एक कांग्रेसी उम्मीदवार धरने पर बैठ गए हैं।
भोपाल में EVM में खराबी का बहाना बनाकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने ट्वीट किया “प्रदेश भर से बड़ी संख्या में ईवीएम मशीन ख़राब या उसके बंद की जानकारी सामने आ रही है… इससे मतदान प्रभावित हो रहा है….मतदान केंद्रो पर लंबी लाइनें लगी हैं ऐसे में ये इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हुई? चुनाव आयोग अविलंब इस पर निर्णय ले…तत्काल बंद मशीनो को बदले…”
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के पक्ष के कई मतदान केंद्रों में ईवीएम खराब होने की सूचनाएं आ रही हैं। सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि “कई ऐसे मतदान केंद्रों पर, जो कांग्रेस के पक्ष के हैं, वहां से ईवीएम ख़राब होने के समाचार आ रहे हैं।“
ये नाटक यहीं नहीं रुका। कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा सेंटमेरी स्कूल के मतदान केंद्र में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने एकसाथ चार EVM को ख़राब बताया। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया।
आपको बता दें कि ये सब उस स्थिति में हो रहा है, जब चुनाव आयोग स्पष्ट रुप से कह चुका है कि ईवीएम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी आने पर हम 15 मिनट के भीतर दूसरी ईवीएम मशीन उपलब्ध कराएंगे।
Congress leader Kamal Nath after casting his vote in Chhindwara #MadhyaPradeshElections2018 pic.twitter.com/z5WozQVNA8
— ANI (@ANI) November 28, 2018
हार को नजदीक देखकर कांग्रेस ईवीएम की खराबी को लेकर कितने भी आरोप लगाये लेकिन कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की करतूत नहीं बताएगी। दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने वोट देने के बाद चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दिखाया। इसे लेकर भी प्रदेश में हंगामा चल रहा है लेकिन कांग्रेस ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। जबकि मतदान प्रक्रिया के दौरान चुनाव निशान दिखाना जनप्रतिनिधित्व कानून 126 का उल्लंघन माना जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा “हम अभी अपने विधानसभा क्षेत्र में हैं, हमारी पार्टी इस मामले को देखेगी। मध्य प्रदेश में मतदान को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘उत्साहित होकर जनता वोट कर रही है। मुझे यकीन है कि भारतीय जनता पार्टी को जनता आशीर्वाद देगी।“ वहीं दूसरी ओर खंडवा से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा, “निश्चित तौर पर इस मामले में एफआईआर होनी चाहिए। चुनाव आयोग को इसे संज्ञान में लेना चाहिए क्योंकि ये बेतुका प्रयास है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए।“
इन सभी बातों से एक बात तो स्पष्ट है कि एक ओर जहां बीजेपी जीत रही है और जीत को लेकर उत्साहित है तो दूसरी तरफ कांग्रेस हार को एक बार फिर से नजदीक देखकर निराश है। यही कारण वह आरोप लगा रही है। दरअसल ईवीएम का रोना रोकर कांग्रेस बस मतदान प्रक्रिया में बाधा डालना चाहती है और इस आरोप लगाने के सबसे बड़ा कारण ये है कि कांग्रेस हार के बाद अपना बचाव करने के लिए बहाने ढूंढ़ रही है।