चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस का मंदिरों की ओर भागना, भगवा धारण करना, जनेऊधारी बनना तो पुरानी बात हो गई। इस बार कांग्रेस ने बड़ा चुनाव नजदीक देखते हुए ‘बड़ी’ गेंद डाली है। इस बार कांग्रेस ने चुनाव जीतने पर राम मंदिर बनवाने की बात कही है। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। ये वही कांग्रेस है जिसने कभी सत्ता के मद में रामसेतु के अस्तित्व को ही नकार दिया था। उस समय उसे एक बार भी नहीं लगा था कि इससे हिंदुओं के जनमानस पर कितना घातक असर होगा।
#Congress will make #Ramtemple when cleared by court: @CPJoshi pic.twitter.com/hNSFNka3Uc
— Newsroompost (@NewsroomPostCom) November 21, 2018
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ। सीपी जोशी ने बड़े ही मझे हुए अंदाज में बीजेपी पर राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। जयपुर में न्यूज18 राजस्थान के एक कार्यक्रम ‘एजेंडा राजस्थान’ कार्यक्रम के तीसरे सत्र संपादक जेपी शर्मा ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीजेपी को चुनाव आते ही राम याद आने लगते हैं। अभी इसके टाइटल का विवाद सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बीजेपी राम मंदिर का निर्माण नहीं करा सकती बल्कि मंदिर का निर्माण कांग्रेस ही करेगी। कांग्रेस का प्रधानमंत्री ही राम मंदिर बनवाएगा। उन्होंने राम मंदिर का श्रेय लेते हुए आगे कहा कि वर्ष 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही उस विवादित परिसर का ताला खुलवाया था, जहां राम मंदिर स्थित है।
बताते चलें, इससे पहले कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उसने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। यही नहीं इस पुरानी पार्टी ने रामसेतु तक पर बांध बनाने पर काम शुरू करने की तैयारी शुरु कर दी थी। उस समय भाजपा ने कांग्रेस का पुरजोर विरोध किया था। जबकि तत्कालीन यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि राम के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं हैं और इस बात के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं कि ‘राम-सेतु’ का निर्माण पौराणिक चरित्रों द्वारा किया गया। जबकि हिंदू समुदाय का मानना है कि ‘राम सेतु’ का निर्माण भगवान राम ने बंदरों की सेना के जरिए कराया। सेतुसमुद्रम परियोजना का भाजपा विरोध करती आई है। वो बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ही थे जिन्होंने राम सेतु को कांग्रेस-डीएमके जोड़ी द्वारा खंडित करने से रोका था। तत्कालीन यूपीए सरकार ने लाखों हिंदुओं की भावनाओं को ताक पर रख कर राम सेतु को हटाने की योजना बनाई थी जिसके तहत तत्कालीन सरकार ने 2005 में सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट (SSCP) का ऐलान किया था। हालांकि, सुब्रमण्यम स्वामी ने तब इस प्रोजेक्ट के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके बाद उन्होंने तत्कालीन सरकार की इस योजना को फेल कर मामले में विजयी हुए थे। इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस की गंदी साजिश को सफल होने से उन्होंने रोका था और एक बड़ी न्यायिक लड़ाई होने से भी रोका था।
आज जब राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों मे विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और आम चुनाव भी नजदीक हैं, ऐसे में कांग्रेस हिंदुओं को लुभाने के भरपूर प्रयास कर रही है और इसी दिशा में उसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात भी कह रही है जबकि सालों से देश में कांग्रेस का ही शासन था तब उसने ये फैसला क्यों नहीं लिया था? स्पष्ट रूप से ये कांग्रेस के ‘नर्म हिन्दुत्व’ का ढोंग है जो हिंदुओं को लुभाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। वास्तव में इस पुरानी पार्टी को पता है कि अब हालात बदल चुके हैं और हिंदुओं को नाराज करना उसके लिए कितना भारी पड़ सकता है उसका स्वाद भी कांग्रेस चख चुकी है। शायद इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए खुद को मुसलमानों की पक्की पार्टी बताने वाले राहुल गांधी और उनकी इस राष्ट्रीय पार्टी को अब समझ में आ गया है कि हिंदुओं की आस्था पर प्रहार करके वो राजनीति नहीं कर सकते। या फिर सत्ता में आने के लिए ये इस पार्टी का एक ढोंग है। हालांकि, ये ढोंग किसी कम नहीं आने वाला है।