छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के एक घोषणा पत्र में सत्ता में आने के बाद दुर्गा पूजा और रावण वध को बंद करने की बात कही गई है। जिला कांग्रेस कमेटी कोंडागांव द्वारा जारी किये गए पंफलेट में भी यह बात साफ लिखी हुई नजर आ रही है। पंफलेट में सबसे ऊपर स्थानीय प्रत्याशी मोहन मरकाम और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की फोटो लगी है। साथ ही नीचे कांग्रेस का चुनाव चिन्ह भी दिया हुआ है। इस घोषणा पत्र में कुल 15 वादे किये गए हैं। कांग्रेस पार्टी के इस घोषणा पत्र के पहले प्वाइंट में ही प्रत्याशी ने लिखा है कि, “मेरे जीतते ही छठवीं अनुसूची लागू करवाऊंगा और बस्तर में गोंडवाना राज होगा।“ पत्र के 11 वें प्वाइंट में लिखा है, “कोई भी गैर आदिवासी बस्तर में किसी प्रकार का कोई व्यवसाय ग्राम सभा की अनुमती से ही कर सकेगा।“ इसके बाद 12 वें प्वाइंट में लिखा है, “बस्तर में रावण वध और दुर्गा पूजा पूरी तरह बंद किया जाएगा।“ आगे घोषणा पत्र के 14 वें प्वाइंट में सरकारी पदों पर सिर्फ आदिवासियों की भर्ती करने की बात कही गई है। बस्तर में आदिवासी वोट बैंक को पाने के लिए कांग्रेस के इस घोषणा पत्र फॉर्मूले को देखकर हर कोई हैरान है। गौरतलब है कि बस्तर में मां दंतेश्वरी का धाम है और बस्तर का दशहरा भी काफी मशहूर है। इन सब के बावजूद कांग्रेस अपने हिंदू विरोधी एजेंडे को लेकर राजनीति करने में लगी है। हालांकि मीडिया में पंफलेट के वायरल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, ”ये मेरी जानकारी में नहीं है। ऐसा लगता है कि, भाजपा के लोग मतदान होने के बाद इस तरह का षड़यंत्र कर रहे हैं। पंफलेट को देखने के बाद जो भी उचित होगा किया जाएगा।“ इस पंफलेट के मीडिया में वायरल होने के बावजूद बघेल कह रहे हैं कि, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं को इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए जल्द ही सामने आना चाहिए।
एक ही प्रदेश में कांग्रेस अपना रही दोहरा रवैया
छत्तीसगढ़ में सभी जातियों के लोग हैं और कांग्रेस इन सब को बांट ने का काम करती हुई नजर आ रही है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी किसानों को बहकाने के लिए गंगाजल लेकर कसमें खाती दिख रही है, तो दूसरी और दूर्गा पूजा और दशहरा मनाने पर रोक लगाना चाहती है। कांग्रेस एक तरफ गंगा मां पर सम्मान दिखा रही है तो दूसरी ओर दुर्गा पूजा पर रोक लगाने की बात कह रही है। कांग्रेस का ये दोहरा रवैया बांटने की घटिया राजनीति का ही परिचायक है। जहां राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम कर हिंदू धर्म में आस्था दिखा रहे हैं वहीं दूसरी और इस तरह के घोषणा पत्रों का सामने आना कांग्रेस के राजनीतिक स्वार्थ की घटिया राजनीति को दर्शाता है।