कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा लगता है अपना आपा खो बैठे हैं तभी तो खुलकर कह दिया कि कांग्रेस जाने-माने पत्रकार अर्नब गोस्वामी को हटा देगी जिन्हें नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी के लिए सदस्य के तौर पर चुना गया है। ये बेहद निंदनीय हैं कि कैसे पूर्वाग्रह से पीड़ित राजनेता खुलेआम पत्रकारों को उनका करियर बर्बाद करने की धमकी देते हैं।
'Dissenters' removed from the Nehru Memorial Museum and Library and replaced by 'non-dissenters'. Here is a sample of what this translates to — Pratap Bhanu Mehta has been replaced by Arnab Goswami. https://t.co/Z7OxCyE0tQ
— Pragya Tiwari (@PragyaTiwari) November 3, 2018
प्रज्ञा तिवारी ने पहले ट्वीट किया कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी के लिए अर्नब गोस्वामी की जगह प्रताप भानु मेहता को जगह मिलेगी। उन्होंने ये भी दावा किया कि वो अपने लोगों को शामिल करेंगे।
ये वास्तव में पक्षपातपूर्ण है। लेफ्ट-लिबरल हर बार जब कोई व्यक्ति उनके कैबल से संबंधित नहीं होता है तो उसे हटा दिया जाता है। इसके बाद चीजें और स्पष्ट हो गयीं जब कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा भी नजर आये।
संजय झा ने प्रज्ञा तिवारी के ट्वीट को री-ट्वीट किया और खुलेआम ये घोषणा कर दी कि अर्नब गोस्वामी को हटा दिया जायेगा जब कांग्रेस सत्ता में आएगी। अपने ट्वीट में झा ने बहुत अभद्र भाषा का उपयोग किया। उन्होंने अर्नब गोस्वामी को ‘कट्टपंथी’ बताया जो नफरत और फेक न्यूज फैलाते हैं और समाज का ध्रुवीकरण करते हैं और एक आरएसएस-बीजेपी के ‘मोल’ के रूप में पत्रकारिता का मजाक उड़ा रहे हैं।
When we win in 2019, this religious bigot, who regularly spews hatred, spreads fake news and polarises society, a #RSS–#BJP mole masquerading as a TV anchor will be sacked. It is a promise, Arnab Goswami. https://t.co/9z6kCM2sHB
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) November 3, 2018
ऐसा लगता है कि संजय झा एक कांग्रेस नेता होने के नातें उन्हें ऐसा लगता है कि सरकारी संस्थान समेत देश में मौजूद सभी चीजों पर कांग्रेस का अधिपत्य हैं और जैसे चाहें वैसे मन मुताबिक काम कर सकें। अर्नब गोस्वामी पर लगाये गये आरोपों की जहाँ तक बात ये पार्टी की कार्यप्रणाली और उसकी निम्न स्तर की मानसिकता को दर्शाता है। यदि कोई कांग्रेस के विचारों का समर्थन नहीं करता या उसकी आलोचना करता है तब कांग्रेस उसके पूरे समर्थक और उस व्यक्ति को धमकाते हैं। अर्नब गोस्वामी पर ये हमलें कांग्रेस की इस विरोधाभासी राजनीति का उदाहरण है।
किसी के काम को पसंद करना न करना अलग बात है लेकिन संजय झा ने अर्नब गोस्वामी को खुलेआम चेतावनी दे दी। ये दर्शाता है कि अगर कोई कांग्रेस की विचारधाराओं को नहीं मानता तो कांग्रेस अपनी मनवाने के लिए क्या करती है। यदि आप कांग्रेस से सहमत नहीं तो कांग्रेस आपको आगे बढ़ने नहीं देगी। खासकर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया पर कांग्रेस का ये सीधा हमला है। ये वही पार्टी है जो बार बार एनडीए पर मीडिया पर हमले की बात करती है और आज खुलेआम एक पत्रकार को धमकी दे रही है।
हालाँकि, जिस तरह से कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा जिस तरह के बेतुके ट्वीट से वो कहीं न कहीं खुद कांग्रेस का ही मजाक उड़ा रहे हैं जो 2019 में जीत के सपने देख रही है। लगभग वो 29 जुलाई 2013 के ट्वीट में ट्वीट को भूल गयी है जिसमें कहा था कि, “कृपया इस ट्वीट को संभाल कर रखें साल 2014 के लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।” हालाँकि, कांग्रेस को बुरी हार का मुंह देखना पड़ा था।
"Please save this tweet; Congress will be the single largest party in 2014 and will lead a coalition comfortably above the majority ".
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) July 29, 2013
सभी को पता है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ था। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।