तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सत्ता में आते ही कांग्रेस की बदले की राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस की यह बदले से प्रेरित राजनीति राजस्थान में ही नहीं, मध्यप्रदेश में भी शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने अब गुना सर्किट हाउस में से प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर हटवा दी है। कांग्रेस ने गुना सर्किट हाउस में लगी तमाम तस्वीरों में से केवल प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर ही हटाई है, बाकी तस्वीरें नहीं हटाई गई हैं। कांग्रेस की यह हरकत बताती है कि, कांग्रेस बदले और नफरत की भावना से ऐसी राजनीति कर रही है।
बता दें कि, गुना जिले के सर्किट हाउस के कक्ष में दीवार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगी हुई थी। गुना के सर्किट हाउस में केवल प्रधानमंत्री मोदी की ही तस्वीर नहीं लगी थी। वहां दीवार पर मोदी की तस्वीर के साथ ही राष्ट्रपति कोविंद समेत पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, भीमराव अंबेडकर और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की भी तस्वीरें लगी थीं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर वहां से हटा ली गई। गौर करने वाली बात यह है कि, दीवार से सिर्फ पीएम मोदी की ही तस्वीर हटाई गई है। प्रधानमंत्री मोदी के अलाव बाकी अन्य तस्वीरें नहीं हटाई गई हैं। कांग्रेस की इस हरकत की इस घटना की जानकारी होते ही लोगों में यह समाचार चर्चा का विषय बन गया। एक ओर जहां आम जनता के बीच कांग्रेस के इस कदम की आलोचना हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी बोलने से कतरा रहा है। प्रशासन की ओर से भी अभी इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है।
कांग्रेस और बीजेपी की विचारधारा में कितना अंतर है, उसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि लंबे समय तक सत्ता सुख भोगने के बावजूद कांग्रेस में बदले की भावना जीवित है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसकी सबसे अच्छी मिसाल अटलजी ने पेश की जब उन्होंने नेहरू की तस्वीर खुद लगवाई थी।
दरअसल, सत्तर के दशक में साउथ ब्लॉक से एक बार देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटवा दी गई थी। उस समय अटल जी विदेशमंत्री थे। अटल जी को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने हैरानी जताते हुए तुरंत उस तस्वीर को वहां लगाने का आदेश दिया। उनके आदेश के बाद वहां उनकी तस्वीर फिर से लगा दी गई थी। बाद में अटल जी के इस निर्णय और इस दरियादिली की सबने तारीफ भी की थी।
कांग्रेस और बीजेपी की विचारधारा और राजनीति करने के तरीकों में यह मूलभूत अंतर दिखाई पड़ता हैं। कांग्रेस सत्ता में आते ही बदले और नफरत की विचारधारा के साथ राजनीति करने लगती है जबकि बीजेपी देशप्रेम की भावना को सबसे पहला महत्व देती है।