प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश की कमान संभाली, तो देश के सामने अनेकों चुनौतियां थी। जहां एक तरफ अमेरिका व चीन जैसे देशों के सभी बड़े शहर हवाई सेवाओं से जुड़े थे, वहीं भारत इस दौड़ में काफी पीछे था। देश में आजादी के बाद के 70 वर्षों में सिर्फ 70 हवाई अड्डे ही थे। यही नहीं, हवाई यात्रा सिर्फ पैसो वालों तक के लिए सीमित थी। देश में हवाई सेवाओं के इस परिदृश्य को बदलने के लिए हज़ारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा को चुना गया। वह इसलिए क्योंकि पीएम मोदी अपने मंत्रीमंडल में शिक्षित और इंडस्ट्रीज की बारीकियां समझने वाले नेताओं को ला रहे थे। ऐसा हुआ भी, जयंत सिन्हा के आने के बाद देश ने हवाई सेवाओं के मामले में काफी विकास किया है।
डायनेमिक मंत्री, कर्मठ सांसद
बीते वर्षों में उड्डयन क्षेत्र की प्रगति चर्चा में रही है। देश में उड़ानों और यात्रियों की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है। पीएम मोदी ने हवाई सफर को आम जनता तक पहुँचाने का जो काम जयंत सिन्हा को दिया था, उसे वे बखूबी पूरा कर रहे हैं। हवाई चप्पल पहनने वाले को हवाई यात्रा करवाने का वादा पूरा किया जा रहा है। अब आम आदमी के लिए प्लेन में सफर करना सपना नहीं है बल्कि हकीकत बन गया है।
यह सिन्हा के विकास का उन्नत मॉडल ही है कि, झारखण्ड में उनके संसदीय क्षेत्र हज़ारीबाग के विकास की देश भर में काफी चर्चा होती है। यही नहीं अपने क्षेत्र में सबसे अधिक समय व्यतीत करने वाले मंत्रियों में भी सिन्हा की गिनती होती है। बता दें कि, संसद में भी जयंत सिन्हा की उपस्थिति काफी ज्यादा रही है।
देश के उच्च शिक्षित नेताओं में से एक
जयंत सिन्हा देश के कुछ चुनिंदा उच्च शिक्षित नेताओं में शामिल हैं। सिन्हा ने आईआईटी दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंनयसिल्वेनिया व हार्वर्ड विश्वविद्याल जैसे बड़े संस्थानों से अपनी शिक्षा पूरी की है। जयंत सिन्हा को देश के इतिहास में 10 सबसे शिक्षित नेताओं की लिस्ट में भी जगह मिली है। सिन्हा देश से जुड़े कई वित्तीय मामलों में मुख्य सलाहकार की भूमिका भी निभाते रहे हैं। बता दें कि, इंडिया टुडे की हाल ही की रैंकिंग में सब राज्य मंत्रियो में उनको सबसे हाई रेटिंग मिली है।
ऐसी है सिन्हा की दिनचर्या
जयंत सिन्हा केंद्रीय मंत्री व सांसद दोनों की ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। जब संसद सत्र चल रहा हो तो वे सोमवार से शुक्रवार दिल्ली में संसद व मंत्रालय के अलावा कई अन्य कार्यक्रमों में भी व्यस्त रहते हैं। वे हर छुट्टी पर और शनिवार-रविवार को सुबह की फ्लाइट पकड़कर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच जाते हैं। पिछले दिनों एयर एशिया की फ्लाइट में आम नागरिकों की तरह यात्रा करते हुए सिन्हा को विमानकर्मियों ने पहचाना भी नहीं था। बाकी यात्रियों की तरह ही उन्होंने भोजन का विकल्प बदलने के लिए विमान में पैसे दिए थे। इस ख़बर का पता तब चला जब उनके पड़ोस में बैठे एक अन्य व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर इस कहानी को बताया। वे हजारीबाग में दिन-भर जन-सभाएं, पंचायत दौरे और प्रशासन के साथ समीक्षा कर अक्सर 9 बजे तक अपने आवास पहुंचते हैं। रात 10 से 1 बजे तक मंत्रालय की फाइलें आदि निपटाते हैं। दिन भर के पंचायत दौरों के बाद वे अपना समय बचाने के लिए भोजन और चिट्ठियों पर हस्ताक्षर भी गाड़ी में चलते हुए सफर के दौरान ही करते हैं।
सिन्हा की काबिलियत को देखते हुए पार्टी ने इन्हें कई ज़िम्मेदारिया दे रखी हैं। कभी बंगाल, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर तो कभी आंध्रप्रदेश में सिन्हा को प्रतिनिधित्व करने भेजा जाता है। छुट्टी ना लेने के प्रश्न पर वे अपनी चिरपरिचित मुस्कान ओढ़े कहते हैं “मैं अपने आराम का जीवन छोड़ कर जनता की सेवा करने आया हूँ, मेरी जन्मभूमि ही अब मेरी कर्मभूमि है।”
जयंत सिन्हा की यही कर्मठता, सादगी और रिजल्ट-केंद्रित शैली मोदी सरकार के काम करने की पद्धति की परिचायक है। राजनीति में ऐसे ही सुशिक्षित और निष्ठावान लोगों को आगे बढ़ाने के अथक प्रयास मोदी सरकार ने किए हैं, जो देश की प्रगति के लिए अच्छी खबर है।