रेलमंत्री पीयूष गोयल की सक्रियता की खबरें तो आप आजकल सुन ही रहे होंगे। उनकी सक्रियता के चलते हर रेलयात्री उनकी तारीफ कर रहा है। वहीं रेल मंत्रालय के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई है। रेलवे ने 14 दिसंबर को आयोजित हुए ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2018’ में एक साथ 17 पुरस्कार अपने नाम किए हैं। कई उप क्षेत्रों को शामिल करते हुए कुल 5 प्रमुख श्रेणियों में दिए जाने वाले पुरस्कारों में से रेलवे ने अकेले ही 3 श्रेणियों (स्टेशन, अस्पताल और संस्थानों) की कैटेगरी में हिस्सा लिया था। जिसमें उसे कुल 17 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
खबरों की मानें तो यह पहली बार है, जब किसी एक संस्थान को एक बार में ही इतने पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। यह अपने आप में किसी भी संस्थान के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है। आंकड़ों की मानें, तो रेलवे ने 2018 के पुरस्कारों में कुल पुरस्कारों का 30% हिस्सा अपने नाम कर लिया है।
इस बार के पुरस्कार रेलवे के लिए कई मायनों में बेहद खास रहे हैं। परिवहन के क्षेत्र की बात करें तो इसमें स्टेशन कैटेगरी के तहत रेलवे को एक साथ 10 पुरस्कार मिले हैं। वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों की कैटेगरी में उसे 3 पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया है। जबकि अगर हम संस्थानों की अलग-अलग कैटेगरी की बात करें, तो रेलवे ने पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी और पीएचईडी के लिए 4 पुरस्कार अपने नाम किए हैं।
बता दें कि, इस बार स्टेशनों की कैटेगरी में रेलवे के हिस्से में आए 10 पुरस्कारों में से पहले नंबर पर मध्यप्रदेश का विदिशा स्टेशन है। जबकि गुजरात का जामनगर दूसरे और उसके बाद द्वारका, राजकोट, सुरेंद्रनगर, हैदराबाद, निजामाबाद, गुवाहाटी, जयपुर और काजीपेट का नंबर आता है।
अगर हम अस्पताल कैटेगरी की बात करें तो इसमें रेलवे का इज्जतनगर डिवीजन पहली पोजीशन पर रहा है। राजकोट डिवीजन का रेलवे अस्पताल दूसरे जबकि तीसरे स्थान की बात करें तो इसमें रतलाम डिवीजन का रेलवे अस्पताल का नाम आता है। यही नहीं, कार्यालयों में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भी रेलवे ने बाजी मारी है। ऊर्जा क्षेत्र में भी रेलवे को 4 पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया है।इसमें सिकंदराबाद डिवीजन व हैदराबाद के डीआरएम ऑफिस को पहला और दूसरा पुरस्कार मिला है।
ऐसे में रेलवे पर हुए ताबड़तोड़ पुरस्कारों की बारिश से रेल मंत्रालय के हौसले बुलंद होंगे। रेल मंत्रालय की कमान पीयूष गोयल जैसे सक्रिय और कर्मठ नेतृत्व के हाथ में आने के बाद मंत्रालय ने रेलवे के नौकरशाहों को सूपर एक्टिव कर दिया है। यही कारण हैं कि, रेलवे इतने पुरस्कारों से सम्मानित हो पाया है। बता दें कि, रेलमंत्री पीयूष गोयल प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने में जी जान से जुटे हैं। आए दिन उनके प्रयास और रेलयात्रियों की असुविधाओं को दूर करने के लिए उनकी तत्परता शुर्खियां बनी रहती हैं। ऐसे में रेलवे पर एक साथ इतने पुरस्कारों की बारिश होने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। रेलवे इन पुरस्कारों का हकदार है।