72 साल पहले जब अंग्रेज भारत छोड़ कर जा रहे होंगे तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आजाद हिंदुस्तान एक दिन ब्रिटेन को पछाड़ उससे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन अब ऐसा होने जा रहा है। जीडीपी के मामले में भारत ने 28 साल बाद पड़ोसी देश चीन को तो बड़ी मात दे ही दी है साथ ही हमारा देश 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में से एक ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकता है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2017 में फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही भारत के ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ने की उम्मीद है जो कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांचवें स्थान पर आता है। वैश्विक सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। पीडब्ल्यूसी वैश्विक अर्थव्यवस्था निगरानी रिपोर्ट एक लघु प्रकाशन है जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर नजर रखता है। साथ ही यह विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बारे में ताजा अनुमान भी बताता है।
वैश्विक सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ही स्तर के विकास और लगभग समान जनसंख्या के कारण विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की इस सूची में ब्रिटेन और फ्रांस आगे पीछे होते रहते हैं। लेकिन अगर भारत इस सूची में आगे निकलता है तो उसका स्थान स्थायी रहेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार, इस साल ब्रिटेन की जीडीपी में वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत, फ्रांस की 1.7 प्रतिशत और भारत की 7.6 प्रतिशत रहने वाली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और फ्रांस 2019 में ब्रिटेन को पीछे छोड़ देंगे। इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में ब्रिटेन पांचवें स्थान से फिसलकर सातवें पायदान पर पहुंच जाएगा। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में भारत 2,590 अरब डॉलर के बराबर के जीडीपी के साथ फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था।
बता दें कि, चीन की विकास दर दिसंबर में खत्म हुई तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 6.6 प्रतिशत रही। यह साल 2017 की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है। चीन की यह आर्थिक वृद्धि दर 1990 के बाद सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर है। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्दि दर 7.1 फीसदी रही है। यह पहली तिमाही में 8.2 फीसदी थी। वहीं 2019 में भारत की जीडीपी में वृद्दी दर 7.6 फीसदी रहने वाली है। आर्थिक वृद्धि के ये आंकड़े चीन की जीडीपी के भारत की तुलना में कमजोर पड़ने का संकेत दे रहे हैं। इस तरह अब भारत ने दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को पछाड़ तो दिया ही है आगे भी भारत के चीन से आगे रहने की उम्मीद है। चीन के पिछड़ने की वजह उसके अमेरिका के साथ व्यापार में जारी तनाव और निर्यात में गिरावट मानी जा रही है।
पीडब्ल्यूसी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री माइक जैकमैन ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। विश्वबैंक के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान आर्थिक वृद्दि दर 7.3 प्रतिशत तथा इसके बाद अगले दो साल के दौरान 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विश्वबैंक ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली मुख्य अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक का भी इस वित्त वर्ष के लिए विकास दर का 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
ये आंकड़े बताते हैं कि भारत आने वाले दिनों में जीडीपी के मामले में दुनिया में अपनी धाक बनाएगा। जीडीपी के मामले में 28 साल बाद पड़ोसी देश चीन को तो मात देना भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी है और अब जल्द ही भारत ब्रिटेन को भी पछाड़ने की तैयारी में है। ये स्थितियां भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सुखद संकेत है और भारत सरकार की एक बड़ी कामयाबी है।