उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकल पड़े और इस गठबंधन को समर्थन देने की बात भी कह डाली। यही नहीं रविवार को तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश पहुंच कर बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के बाद मायावती का आशीर्वाद भी लिया। उनके इस मुलकात की मीडिया में खूब चर्चा है और आशीर्वाद लेते हुए तेजस्वी यादव की एक फोटो भी वायरल हो रही है। अब तेजस्वी यादव के उत्तर प्रदेश के दौरे पर पर लोजपा सांसद चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा है कि पहले बिहार में तो खाता खोल लें फिर यूपी की सोचें।
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोजपा सांसद चिराग पासवान ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा है कि पहले बिहार को तो सम्भाल लें और यहां खाता खोल लें जहां उनकी पार्टी का जनाधार है। चिराग पासवान ने सही कहा पिछले कुछ सालों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव राजद का प्रदर्शन खराब रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को सिर्फ चार सीटें ही मिली थीं। राजद के सुप्रीमों फिलहाल चारा घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं इसके साथ ही यादव परिवार में टकराव की स्थिति भी चर्चा में रही है। ऐसे में राजद के लिए यूपी तो दूर की बात है बिहार में ही ये पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
चिराग नहीं रुके उन्होंने महागठबंधन पर तंज कसते हुए ये भी कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट होने की बात कहते हैं और कांग्रेस को अलग रख देते हैं जो ये साबित करता है कि वास्तव में महागठबंधन का कोई वजूद है ही नहीं। यही नहीं चिराग पासवान ने ये तक कह दिया कि न राजद बिहार में कुछ होने वाला है और न ही यूपी में कुछ होने वाला है। चाहे सपा-बसपा और राजद सीटों की कितनी भी अदला बदली कर ले बिहार में जीत एनडीए सरकार की ही होगी।
वैसे चिराग पासवान ने सही कहा सभी विपक्षी दल एकजुट होने की हुंकार भरते हैं लेकिन अक्सर कई ऐसे मौके आये हैं जब ये साबित हुआ है कि सभी विपक्षी दल एक दूसरे के साथ नहीं है। उत्तर प्रदेश में हुआ महागठबंधन में कांग्रेस को दरकिनार करना यही दर्शाता है। वहीं यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन को राजद का समर्थन देना व्वास्तव में इन पार्टियों की एकजुटता नहीं है बल्कि इसके पीछे इन तीनों ही पार्टियों का मकसद अपने क्षेत्र से बाहर भी अपनी स्थिति को मजबूत करना है। जहां सपा-बसपा गठबंधन के जरिए बिहार की जमीन पर स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं तो वहीं बिहार की बड़ी पार्टी राजद उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रवेश करना चाहती है।
दरअसल, ये हम यूं ही नहीं कह रहे बल्कि मायावती और तेजस्वी के बीच जो बातचीत हुई उससे तो यही लगता है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजद नेता ने बिहार में बसपा को एक या दो सीटें देने पर अपनी ररजामंदी भी जाहिर की। यही नहीं खबर तो ये भी है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की एक सीट पर राजद का उम्मीदवार गठबंधन से चुनाव लड़ सकता है। कुल मिलकर अपनी साख को मजबूत करने के लिए सीटों की अदला बदली पर सहमती बनी है लेकिन विपक्षी दलों की ये योजना सफल होती या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन ये तो साफ़ है कि सभी विपक्षी पार्टियां जनता के लिए नहीं बल्कि अपने हित के लिए एकसाथ आ रही हैं लेकिन आये दिन विचारधारा में टकराव और प्रभुत्व की जंग इनकी एकजुटता को बिखेर देती है।
वहीं, बीजेपी भी विपक्षी दलों को हलके में लेने की भूल नहीं कर रही अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए मजबूत रणनीति तैयार कर रही है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में ये देखना दिलचस्प होगा कि किस तरह से विपक्षी पार्टियां अपनी दुश्मनी और वैचारिक मतभेदों को दरकिनार मोदी लहर के खिलाफ खड़ी होती हैं।