प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि, वे हमेशा फ्रंट फुट पर खेलने वाले राजनीतिक खिलाड़ी हैं। नए साल के पहले दिन और 2019 आम चुनावों से करीब 3-4 महीने पहले उन्होंने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल के सभी ज्वलंत मुद्दों पर बेबाकी से अपना पक्ष रखा। मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई की एडिटर स्मीता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में इस आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखी है कि, विपक्ष को उसकी काट ही नहीं मिल रही। इससे पहले विपक्ष यह आरोप लगाता था कि, पीएम मोदी गोदी मीडिया को ही इंटरव्यू देते हैं लेकिन इस बार तो मोदीजी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू देकर विपक्ष का यह बहाना भी उनसे छीन लिया है। नरेंद्र मोदी ने 90 मिनट के इस इंटरव्यू में नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, राम मंदिर, कर्जमाफी, कांग्रेस मुक्त भारत, मोदी लहर, मोदी-शाह कॉम्बिनेशन, विजय माल्या, नीरव मोदी, जीएसटी, मीडिल क्लास, मॉब लिंचिंग, महागठबंधन और उर्जित पटेल के इस्तीफे से लेकर हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर भी अपनी बात रखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंटरव्यू में साफ किया कि, राम मंदिर मुद्दे पर अदालती प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही सरकार ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि, तीन तलाक पर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सरकार अध्यादेश लाई थी। खास बात यह है कि, प्रधानमंत्री के इस इंटरव्यू को इस बार लेफ्ट लिबरल मीडिया भी लगभग सकारात्मक ही ले रहा है। बता दें कि, मोदी के इस इंटरव्यू में वे तमाम मुद्दे शामिल हैं जिन पर विपक्ष उन्हें घरने की कोशिश कर रहा था लेकिन इस इंटरव्यू के बाद विपक्ष इन तमाम मुद्दो पर बैकफुट पर आ गया है। आइए जानते हैं कि, अपने इंटरव्यू में मोदी ने किस मुद्दे पर क्या कहा।
राम मंदिर निर्माण
राम मंदिर मुद्दे पर मोदी ने कहा है कि, अध्यादेश लाने के बारे में अदालती प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि, तीन तलाक पर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सरकार अध्यादेश लाई थी। मोदी ने कहा कि, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि, जो लोग 70 साल सत्ता में रहे, उन्होंने अयोध्या मुद्दे का हल निकालने के रास्ते में खलल पैदा करने की पूरी कोशिशें कीं। मोदी ने कांग्रेस से जुड़े वकीलों पर अयोध्या विवाद में देरी करने का भी आरोप लगाया हैं। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश लाने के विचार को आरएसएस ने सकारात्मक कदम बताया है। आरएसएस के सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले ने कहा है कि, इस सरकार के कार्यकाल में सरकार वह वादा पूरा करें ऐसी भारत की जनता की अपेक्षा है। दत्तात्रेय ने यह भी कहा कि, प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने इंटरव्यू में पुनः स्मरण करना भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर पर 4 जनवरी को सुनवाई करेगा।
सर्जिकल स्ट्राइक
अपने इंटरव्यू में सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े सवाल पर पर मोदी ने कहा, “जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख दो बार बदली गई थी। उड़ी हमले में जवानों को जिंदा जलाए जाने के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई थी। मेरे और सेना के भीतर ही भीतर एक गुस्सा पनप रहा था। मैंने जवानों को भेजे संदेश में कहा था कि, मिशन की कामयाबी या नाकामी के बारे में मत सोचना। किसी भी प्रलोभन में मत आना और इसे जारी मत रखना। सुबह होने से पहले हर हाल में वापस आना।” सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिसतान बॉर्डर पर हमले क्यों करता है, इस सवला पर मोदी ने कहा, “एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधर जाएगा, यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी। पाकिस्तान को सुधरने में अभी और समय लगेगा।”
तीन राज्यों में भाजपा की हार
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में भाजपा को मिली हार पर मोदी ने कहा, “तेलंगाना और मिजोरम में भाजपा सत्ता में आएगी, ऐसी बात कोई नहीं कह रहा था। छत्तीसगढ़ में साफ-साफ नतीजे आए। हमारी हार हुई। बाकी दो राज्यों में हंग असेंबली है। 15 साल की एंटी इन्कम्बेंसी को लेकर हम चुनाव में उतरे थे। लेकिन पिछले दिनों हरियाणा में स्थानीय निकायों में हम जीते। जम्मू-कश्मीर के निकाय चुनाव में भाजपा से जुड़े लोग जीते। जीत और हार, यही एक मानदंड नहीं होता है।”
पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल
पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे से जुड़े सवाला पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “निजी कारणों के चलते पटेल खुद पद छोड़ना चाहते थे। मैं इस बारे में पहली बार यह खुलासा कर रहा हूं। उन्होंने इस्तीफे से छह-सात महीने पहले ही मुझे इस बारे में बताया था। उन्होंने लिखित में भी अपनी इच्छा जताई थी। उन पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव होने का कोई सवाल ही नहीं है। बतौर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अच्छा काम किया है।”
कांग्रेस मुक्त भारत
कांग्रेस मुक्त भारत से जुड़े सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,” “कांग्रेस एक कल्चर लाई थी। परिवारवाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद। मैं जब कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं, तब मैं इस तरह की संस्कृति से मुक्त होने की बात करता हूं। कांग्रेस को भी इस कल्चर से मुक्त होना पड़ेगा। दुर्भाग्य है कि देश में आज एक मजबूत विपक्ष नहीं है।”
मोदी लहर
मोदी मैजिक के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि, जो लोग कहते हैं कि अब मोदी लहर काम नहीं करेगी, वे एक तरह से मोदी मैजिक या मोदी लहर की बात को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, “जहां तक मेरा सवाल है, लहर सिर्फ जनता की आशा-आकांक्षाओं की होती है। लहर सिर्फ जनता के विश्वास की होती है। आज हिंदुस्तान में विश्वास पनपा है। आज युवा पीढ़ी की आकांक्षाएं हैं।”
कर्जमाफी
प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा गया कि, लोग कहते हैं आपने किसानों के लिए कुछ नहीं किया, राहुल के कर्ज माफी के वादे को लॉलीपॉप कहा? इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, “सभी किसानों का कर्ज माफ करने के झूठे वादे को मैंने लॉलीपॉप कहा था। भारत सरकार ने बैंकों से रुपए लूटकर मौज करने वालों के खिलाफ कानून बनाया। तीन लाख करोड़ रुपए हम वापस लेकर आए हैं। अगर कर्जमाफी से किसानों के जीवन के सारे दर्द दूर होते हैं, तो बिल्कुल करना चाहिए। 2008 में भी चुनाव जीतने के लिए कर्ज माफी हुई। लेकिन, क्या किसानों के दुख दूर हुए? उपाय यही है कि, बीज से बाजार तक किसानों को मजबूत किया जाए। किसान कर्जदार होता क्यों है, इस पर सोचने की जरूरत है। किसानों की कई सालों से मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना दिया जाए। हमने 21 फसलों में इसे लागू किया। कर्ज माफी से कितने किसानों को फायदा होता है? ज्यादातर किसान साहूकारों से लोन लेता है, कर्ज माफी की सरकार की योजना में वह नहीं आता।”
जीएसटी
मोदी से सवाल किया गया कि जब जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहा जाता है, तो इसके क्या मायने है? इस पर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जिसकी जैसी सोच होती है, उसकी वैसी राय होती है। इसमें मेरा उलझना ठीक नहीं होगा। जीएसटी पर क्या सभी दलों की सर्वसम्मति नहीं थी? सभी राजनीतिक दलों ने अच्छी व्यवस्था का समर्थन किया था। संसद ने आम सहमति से इसे पारित किया था। जीएसटी से पहले टैक्स रेट क्या था? 30 से 40 प्रतिशत टैक्स वाली चीजें थीं। बार-बार टैक्स लगता था। जीएसटी के कारण यह सरल हुआ। 500 से ज्यादा चीजें जीरो टैक्स रेट में आईं। जीएसटी काउंसिल में कांग्रेस के भी मंत्री हैं। क्या वे अपनी ही पार्टी के लोगों को गाली दे रहे हैं?”
मोदी-शाह कॉम्बिनेशन
प्रधानमंत्री मोदी से जब सवाल किया गया कि, क्या 2014 का मोदी-शाह कॉम्बिनेशन 2019 में काम कर पाएगा? इसके जवाब में मोदी ने कहा, “जो लोग कहते हैं कि भाजपा नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कारण चलती है, वे हमारी पार्टी को नहीं जानते। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संगठन है। हम पोलिंग बूथ की मजबूती पर चलते हैं। एक या दो लोग भाजपा नहीं चलाते। जो लोग कहते हैं कि, भाजपा हार रही है, उन्हें असम, त्रिपुरा, हरियाणा के नतीजे देख लेने चाहिए। मनोबल कम होने का कोई कारण ही नहीं है। 2019 में भी जनता की भरोसा हम पर ही भरोसा करेगी।”
विजय माल्या और नीरव मोदी
पीएम से सवाल किया गया कि, विजय माल्या और नीरव मोदी को तो आपकी सरकार वापस नहीं ला पाई? इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, “आखिर उन्हें भागना क्यों पड़ा? उन लोगों को इसलिए भागना पड़ा, क्योंकि यहां उन्हें पाई-पाई चुकानी पड़ेगी। जो लोग भागे हैं, उनके लिए अंतरराष्ट्रीय कानून होते हैं। ऐसे भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का हमने कानून बनाया। एक दिन हम ऐसे लोगों को वापस ले आएंगे।”
नोटबंदी
पीएम मोदी से सवाल किया गया था कि, क्या नोटबंदी झटका नहीं थी? इस पर उन्होंने कहा, “ये झटका नहीं था। एक सफाई की जरूरत थी। एक साल पहले तक हमने देश को कहा था कि, यह एक व्यवस्था है। आपके पास कालाधन है तो आप जमा कराइए। पहले की सरकारों की तरह उन्होंने सोचा कि मोदी भी वैसा ही होगा। काफी कम लोग आगे आए। एक साल प्रक्रिया चली। बार-बार कहा गया। इसके बाद यह कदम उठाया गया। यह देश के आर्थिक व्यवस्था के लिए जरूरी था। जब ट्रेन भी पटरी बदलती है तो उसकी रफ्तार कम होती है। मनमोहन सिंह जी जब आर्थिक सुधार लाए, तब भी जीडीपी घटी थी। देश में पैरेलल इकोनॉमी चल रही थी। उद्योगपतियों, व्यापारियों, बाबुओं के घर से बोरे भर-भरकर नोट निकलते थे। नोटबंदी ने इसे खत्म किया। पैसा बैंकिंग व्यवस्था में आया। एक ईमानदारी का माहौल बना है। टैक्स कलेक्शन बढ़ने को क्या आप नोटबंदी की सफलता नहीं मानेंगे?”
मिडिल क्लास
पीएम मोदी से पूछा गया कि, मिडिल क्लास और बिजनेस क्लास लोग आपके प्रतिबद्ध वोटर हैं, उनकी राहत के लिए क्या है? इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें मिडिल क्लास के बारे में सोच बदलनी होगी। यह स्वाभिमान से जीने वाला वर्ग है। देश चलाने में उसका सबसे बड़ा योगदान है। मिडिल क्लास की चिंता हमारा दायित्व है। महंगाई काबू होती है तो मध्यमवर्ग को सबसे पहले राहत मिलती है। एजुकेशन में हम सीटें बढ़ाते हैं तो इसी वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा मिलता है। रेलवे के एसी कोच से ज्यादा लोग सस्ती हवाई सेवा में ट्रेवल कर रहे हैं।”
2जी, सीडब्ल्यूजी के आरोपी
पीएम मोदी से सवाल किया गया कि, 2जी, सीडब्ल्यूजी का आप जिक्र करते थे, उनके आरोपी तो आज भी खुले आम घूम रहे हैं? इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, “कुछ लोग जमानत पर भी हैं। इस देश में जिसे प्रथम परिवार कहा जाता था, वह भी आज पैसों की हेराफेरी के मामले में जमानत पर है। इस देश के पूर्व वित्त मंत्री को अदालत के चक्कर काटने पड़ते हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। हालांकि, कोई भाजपा का विरोधी है, इसलिए उसे तकलीफ हो, हम इस सोच के पक्षधर नहीं हैं। अगर मोदी कल गलत करे तो मोदी को भी भुगतना होगा।”
मॉब लिंचिंग
पीएम मोदी से सवाल किया गया कि, आज मुसलमानों में असुरक्षा क्यों हैं और मॉब लिंचिंग और इमरान के बयान पर क्या कहेंगे? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “मॉब लिंचिंग जैसी कोई भी घटना सभ्य समाज को शोभा नहीं देती है। ऐसी घटनाओं के पक्ष में कभी भी आवाज नहीं उठनी चाहिए। क्या यह 2014 के बाद शुरू हुआ है। यह समाज के अंदर आई हुई एक कमी का फैलाव है। इस स्थिति को सुधारने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए। अरब देश के एक बहुत बड़े विद्वान हैं। उन्होंने कहा- हिंदुस्तान में कई संप्रदायों के लोग हैं, लेकिन वहां सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं। हम लोग एक ही समुदाय हैं, तब भी यहां लड़ाइयां होती हैं। हर चुनाव के पहले लोगों को असहिष्णुता दिखने लग जाती है तो यह लोगों का एजेंडा है। 18 हजार गांवों में बिजली पहुंची, सौभाग्य योजना पहुंची.. हमने यह तो नहीं पूछा कि किस समुदाय के लोग हैं।”
महागठबंधन
मोदी से अगला सवाल था कि, महागठबंधन बढ़ता जा रहा है? चंद्रबाबू नायडू कहते हैं कि, केसीआर के गठबंधन को मोदीजी समर्थन दे रहे हैं? इस पर पीएम मोदी ने कहा, “केसीआर गठबंधन बना रहे हैं यह मेरे सामने अभी नहीं आया। तेलंगाना में जिस तरह से महागठबंधन का हाल बेहाल हुआ, उससे उनकी पीड़ा झलकती है। आखिर महागठबंधन क्यों बन रहा है? 5 साल हो गए इस महागठबंधन ने देश के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर कुछ कहा है क्या? अभी भी उनके यहां पर दो-दो सुर निकलते हैं। ये लोग एक-दूसरे को सहारा देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। उनका एकमात्र एजेंडा मोदी है।”
इस तरह इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी बुद्धिमता और राजनीतिक कौशल दिखाते हुए हर मुद्दे पर बेबाकी से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने संवेदनशील मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमते हुए सभी सवालों का बड़े धैर्य के साथ व गंभीरता से जवाब दिया। ऐसा लगता है कि 2019 के पहले दिन ही प्रधानमंत्री ने इस इंटरव्यू के जरिए अगले कुछ महीनों तक तो विपक्ष को बैकफुट पर डाल दिया है। हालत यह है कि, कांग्रेस के पास अब सिवाय प्रतिक्रिया देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।