झूठ बोलने और तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने वाले मीडिया संस्थान एनडीटीवी की एक एंकर ने एक बार फिर से झूठ परोसा है। तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत करने के लिए जानी जाने वाली महिला पत्रकार निधी राजदान ने एक और झूठ फैलाया है। इस बार उन्होंने रेलवे मंत्री पीयूष गोयल के कथन को गलत ढंग से पेश कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है।
निधी राजदान ने कल रात कहा “रेल मंत्री अब दावा करते हैं कि अगले 2 वर्षों में उनके मंत्रालय द्वारा अकेले 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। पिछले साल उन्होंने कहा था कि रेलवे एक साल में 10 लाख नौकरियां पैदा कर सकता है। भारत की नौकरियों के साथ क्या हो रहा है?” अपने इस कथन में निधी राजदान ने रेलमंत्री की आधी-अधूरी बात बताकर जनता को बरगलाने का काम किया है।
Tonight at 9: the Railways Minister now claims that 2.5 lakh people will be employed by his ministry alone in the next 2 years. Last year he had said the railways could create 10 lakh jobs in one year. What’s happening with India’s jobs? pic.twitter.com/24GYQauaeI
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 24, 2019
बता दें कि रेलमंत्री ने अपने पूरे वक्तव्य में कहा था कि ‘रेल इकोसिस्टम’ कुल 10 लाख जॉब पैदा कर सकता है। रेलमंत्री की इस बात को निधी राजदान ने तोड़ मरोड़कर पेश किया। पीयूष गोयल ने अक्टूबर 2017 में कहा था कि ‘रेल इकोसिस्टम’ कुल 10 लाख रोजगार पैदा कर सकता है। इसका मतलब यह नहीं हुआ कि अकेले रेलवे ही 10 लाख रोजगार दे देगा। इकोसिस्टम में सरकारी जॉब्स के अलावा लेबर, प्राइवेट कंपनियों में रेलवे के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्य रुप से काम करने वाले सभी लोग आ जाते हैं।
Piyush Goyal had clearly said 10 lakh jobs by 'Railway Ecosystem'. Including contractual & outsourcing, not directly jobs in the Railways.
Par hume to propaganda chalane se matlab hai right !
Here is the video of his statement pic.twitter.com/R8zHfcL6Lm
— Hardik (Modi Ka Parivar) (@Humor_Silly) January 25, 2019
अगर हम बुधवार को आए रेलमंत्री के बयान की बात करें तो इसमें उन्होंने 2.5 लाख फ्रेश जॉब देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि रेलवे अब 2.5 लाख रिक्तियों को भरने की तैयारी करने जा रहा है। जबकि आने वाले 2 वर्षों में रेलवे से करीब 1 लाख कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर 1.5 लाख वैकेंसियों पर काम चल रहा है। इस तरह से कुल लगभग 4 लाख नौकरियों की बात पीयूष गोयल ने की थी। यानी उन्होंने रेलवे द्वारा चार लाख नौकरियां देने की बात की थी, न की पूरे इकोसिस्टम की बात कही थी। पूरे इकोसिस्टम में तो और भी ज्यादा रोजगार हो जाएंगे। लेकिन निधी राजदान ने बात को तोड़ मरोड़कर गलत तरीके से पेशकर जनता को भ्रमित करने का काम किया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि रेलमंत्री गोयल पूरे रेल इकोसिस्टम में 10 लाख जॉब की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि अकेले रेल इकोसिस्टम 10 लाख जॉब दे सकता है। लेकिन निधी राजदान ने बड़ी ही चालाकी से पूरे मामले को ट्विस्ट करने का काम किया। उन्होंने रेलमंत्री की उस बात को ही गायब कर दिया, जिसमें उन्होंने पूरे रेल इकोसिस्टम की बात कही है। रेलमंत्री ने 23 जनवरी को की अपनी प्रेस ब्रीफिंग में भी 2.5 लाख जॉब्स की बात कही है।
वैसे बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब निधी राजदान जैसी जर्नलिस्ट ने जर्नलिज्म के नाम पर एजंडा चलाने का काम किया हो। इससे पहले भी ये ऐसे कामों में संलिप्त पाई गई हैं। लगता है कि ये लोग जनता को बेवकूफ समझते हैं। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। जनता को गलत खबरें परोसकर वे अपनी दाल बहुत दिनों तक नहीं गला सकते।