लंबे समय से राम मंदिर निर्माण को लेकर उठ रही मांग पर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में सरकार ने कहा है कि विवाद 0.313 एकड़ जमीन पर है, इसलिए विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन को लौटाया जाए और इसपर जारी यथास्थिति हटाई जाए। ऐसे में इस जमीन का कुछ हिस्सा राम जन्मभूमि न्यास को दे दिया जाए। केंद्र की मोदी सरकार ने कहा है कि 67 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। सरकार ने कहा कि 0.313 एकड़ विवादित जमीन के अलावा बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है, इसलिए उस पर यथास्थित बरकरार रखने की जरूरत नहीं है।
केंद्र सरकार की यह अर्जी बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि पर यथास्थिति का आदेश वापस लेने की अर्जी है। अर्जी में कहा गया है कि 2.77 एकड़ जमीन पर निर्माण का अधिकार मिले।
केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि अधिग्रहण किए गए 67 एकड़ जमीन में से 48 एकड़ राम जन्मभूमि न्यास का है जिसमें से 41 एकड़ जमीन कल्याण सिंह सरकार ने 1991 में उन्हें दी थी और बाकी उन्होंने खरीदी थी। वहीं बाकी की 19 एकड़ जमीन सरकार की है क्योंकि उसके ज्यादातर मालिकों ने सरकार से मुआवजा ले लिया है।
गौरतलब है कि 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या विवाद को लेकर अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन को 3 हिस्सों में बांट दिया था।जिस जमीन पर राम लला विराजमान हैं उसे हिंदू महासभा, दूसरे हिस्से को निर्मोही अखाड़े और तीसरे हिस्से को सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया गया था। इस खंडपीठ में जस्टिस सुधीर अग्रवाल, जस्टिस एस यू खान और जस्टिस डी वी शर्मा शामिल थे।
बता दें कि, केंद्र सरकार राम मंदिर मामले में बड़ा कदम उठाएगी इसके संकेत पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दे दिया था। दोनों ने ही साफ़ किया था कि केंद्र सरकार इस मामले में औचक निर्णय ले सकती है। राम माधव ने इस बात के संकेत दिए थे कि राम मंदिर के मुद्दे पर उनकी एनडीए सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। राम माधव ने कहा था, “उनकी (साधु-संतों की) इच्छाशक्ति के सामने सबको झुकना पड़ेगा। हम अदालत के आदेश के निरीक्षण में हैं। राम मंदिर अवश्य बनेगा। संत-महात्माओं के साथ-साथ भारत के करोड़ों देशवासियों की भी इच्छा है कि भव्य राम मंदिर बने और यह जरूर साकार होगा। जल्दी ही होगा।’” उन्होंने आगे कहा था,”हम हमेशा राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और इस समय क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के सामने विषय है, जल्दी ही इसका एक समाधान जरूर मिलेगा।” ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से उठाये गये इस बड़े कदम से राम भक्तों में फिर से मंदिर के निर्माण की उम्मीद जाग गयी है। जल्द ही केंद्र सरकार हो सकता है राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश भी ले आए।

































