भारत के एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने अपने खिलाफ खबर छापने को लेकर ‘द कारवां’ के संपादक, रिपोर्टर व कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर मानहानि का मामला दर्ज कराया है। अजीत डोभाल के बेटे ने मानहानि का यह मामला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज कराया है।
दरअसल, अंग्रेजी मैगजीन कारवां ने अपनी एक रिपोर्ट में डोभाल के बेटे पर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के ठीक बाद विवेक डोभाल ने टैक्स हैवन- केमैन आईलैंड में हेज फंड कंपनी का पंजीकरण कराया था। रिपोर्ट में बताया गया कि पंजीकरण के बाद केमैन आईलैंड के भारत आने वाले निवेश में जबरदस्त उछाल देखा गया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसी रिपोर्ट के माध्यम से विवेक डोभाल के व्यवसाय को ‘डी-कंपनी’ तक की संज्ञा दे दी थी।
मामला दर्ज कराते हुए विवेक डोभाल ने कहा है कि मैगजीन में छपा आलेख गलत, भ्रामक और आधारहीन तथ्यों पर आधारित है जिसे वो कोर्ट में साबित कर देंगे। विवेक डोभाल ने अपील की है कि इस गलत लेख को आधार बनाकर बयान देने और टिप्पणी करने वालों ने भी तथ्यों की छानबीन नहीं की। लिहाजा वे भी इसमें बराबर के हिस्सेदार हैं।
बता दें कि मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में डोभाल को बदनाम करने के लिए ऐसा आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी की घोषणा के ठीक 13 दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड (निवेश निधि) कंपनी का पंजीकरण कराया।
रिपोर्ट में कहा गया कि विवेक डोभाल का व्यवसाय उनके भाई शौर्य डोभाल से जुड़ा है। बता दें कि शौर्य डोभाल इंडिया फाउंडेशन नामक थिंक टैंक के प्रमुख हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार की करीबी मानी जाती है। पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक केमैन आईलैंड से 8300 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश भारत आया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2226 फीसदी ज्यादा था।
मैगजीन के इस खुलासे के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि अजीत डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे है, जो बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है। कांग्रेस नेता जयराम के उन आरोपों से आहत होकर एनएसए अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने कांग्रेस नेता जयराम पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब लेफ्ट-लिबरल मीडिया ने ऐसे आरोप लगाए हैं। इससे पहले अमित शाह के बेटे जय शाह पर भी ऐसे ही कुछ आरोप लगाए थे। अमित शाह के बेटे जय शाह पर आरोप लगाए गए थे कि मोदी सरकार के आने के बाद जय शाह की सम्पत्ति में 16000 गुने की बढ़ोत्तरी हुई थी। इस आरोप का भी जल्द ही खुलासा हुआ था और लेफ्ट-लिबरल मीडिया को मुंह की खानी पड़ी थी। यहां तक कि लेफ्ट-लिबरल मीडिया ने अमित शाह की सम्पत्ति में बढ़ोत्तरी के आरोप लगाए थे। बाद में पता चला था कि अमित शाह की सम्पत्ति में इजाफा शाह की नानी द्वारा मिली सम्पत्ति के कारण हुई थी। इन भ्रमित करने वाली खबरों पर वामपंथी मीडिया को मुंह की खानी पड़ी थी।
इस तरह से हर बार मुंह की खाने के बाद भी लेफ्ट मीडिया बार-बार अफवाहों को हवा देने वाली अपनी आदत से बाज आती नहीं दिख रही है। विवेक डोभाल द्वारा मानहानी का मामला दायर करने के बाद ऐसा लग रहा है कि इस बार भी लेफ्ट-लिबरल मीडिया को मुंह की खानी पड़ेगी।