अखिलेश यादव मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक कर्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें योगी सरकार द्वारा प्रयागराज एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया। इसके बाद गुस्साए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा और लोकतंत्र खतरे में है का राग अलापा। जबकि हकीकत ये है कि वो बिना किसी अनुमति या निमंत्रण के ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकल गए थे जिस वजह से विश्वविद्यालय के अनुरोध के बाद ही अखिलेश यादव को रोका गया था।
UP CM on Akhilesh Yadav stopped at Lucknow Airport: SP should refrain from its anarchist activities. Allahabad University requested that Akhilesh Yadav’s visit may create law & order problem because of the dispute between student organisations. Hence the government took this step pic.twitter.com/hw8IhXU6ux
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2019
Allahabad University Registrar had yesterday written to Personal Secretary of Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav, informing him that politicians are not allowed in university programmes. pic.twitter.com/q0dawWB8kp
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 12, 2019
मामला योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का था तो पूरा विपक्ष अखिलेश यादव के समर्थन में खड़ा हो गया। यही नहीं पश्चिम बंगाल में तानाशाही शासन करने वाली ममता बनर्जी भी अखिलेश यादव के समर्थन में इस मामले में कूद पड़ी और तो और लोकतंत्र खतरे में है का राग अलापने लगीं।ममता बनर्जी ने योगी पर निशाना भी साधा। हालांकि, उनका ये दोहरा रुख देख सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भी खूब चुटकी ली।
I've already spoken to @yadavakhilesh. We all condemn the arrogant attitude of the so-called #BJP ‘leaders’ who didn't allow Akhilesh to address the students. Even @jigneshmevani80 was not allowed. Where is the democracy in our country? And they are giving lessons to everybody!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 12, 2019
https://twitter.com/AndAsConFident/status/1095260240201814016
You don't allow others to Land or Visit your State, even the CBI is not allowed to work in your State. You don't allow People to celebrate their Festivals & Puja's. Big List. How come you forget all this.
— Nandkumar Jethani (Modi Ka Pariwar) (@NandkumarJethan) February 12, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, “मैंने अखिलेश यादव से बात कर ली है। हम सभी ने छात्रों को संबोधित करने के लिए अखिलेश को जाने की इजाजत नहीं देने पर तथाकथित ‘भाजपा नेताओं’ के अहंकारी रवैये की निंदा की है। यहां तक कि जिग्नेश मेवाणी के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया था। देश में लोकतंत्र कहां है? और ये लोग सभी को पाठ पढ़ा रहे हैं।” ये लोकतंत्र खतरे में है का राग अलापने वाली ममता बनर्जी वही हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल में न सिर्फ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रथ यात्रा रोकी बल्कि उनके हेलिकॉप्टर को भी राज्य में उतरने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान समेत कई बीजेपी नेताओं के हेलिकॉप्टर को राज्य में उतरने और राज्य में रैली करने की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि सीबीआई जब राज्य के पुलिस आयुक्त से घोटाले संबंधित मामले में पूछताछ करने पहुंची तो ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को ही गिरफ्तार करवा दिया। उनके इस तानाशाही रुख से लोकतंत्र को खतरा नहीं है? घोटाले से जुड़े मामले में हस्तक्षेप कर उन्हें न सिर्फ रोका बल्कि उन्हें गिरफ्तार करवा कर देश में संवैधानिक संकट पैदा किया उससे देश को खतरा नहीं है? आज वो अखिलेश यादव को प्रयागराज एयरपोर्ट पर रोके जाने का झूठा राग अलाप रही हैं। ये ममता बनर्जी को शोभा नहीं देता।
बता दें कि मंगलवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के एक नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग लेने प्रयागराज जा रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था। इस दौरान सपा समर्थकों और सुरक्षा कर्मियों के बीच हाथापाई हो गयी। रोके जाने से गुस्साए सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। वहीं अखिलेश यादव ने रोके जाने पर खूब ड्रामा और योगी सरकार पर जमकर बरसे। वहीं जब इस मामले पर योगी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल किया गया तो अखिलेश यादव के ड्रामे की पोल खुल गयी। विश्वविद्यालय प्रशासन से पता चला कि वास्तव में अखिलेश यादव ने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई अनुमति ली ही नहीं थी। ऊपर से प्रयागराज में कुंभ चल रहा है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से अखिलेश यादव का विश्वविद्यालय के परिसर में जाना हिंसा को जन्म दे सकता था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रशासन से इस मामले में अनुरोध किया था श्री अखिलेश यादव अगर इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में आते हैं तो तमाम छात्र संगठनों के बीच वैमनस्य था वो बढ़ेगा तथा वहां पर हिंसक झड़प हो सकती है और कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 12, 2019
व्यापक आगजनी और तोड़फोड़ भी हो सकता है, विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रशासन से अनुरोध किया था साथ ही वहां कुंभ का बहुत बड़ा आयोजन है जहां लगभग रोज 25 -30 लाख लोग जा रहे है, वहां खतरा हो सकता है। अब तक कुम्भ का सफल आयोजन हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर उनको रोका गया है। pic.twitter.com/Ivbk3t5UqN
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 12, 2019
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि “इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रशासन से इस मामले में अनुरोध किया था अखिलेश यादव अगर इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में आते हैं तो तमाम छात्र संगठनों के बीच जो वैमनस्य था वो बढ़ेगा तथा वहां पर हिंसक झड़प हो सकती है और कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो सकता है।“ उन्होंने आगे कहा, “व्यापक आगजनी और तोड़फोड़ भी हो सकता है, विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रशासन से अनुरोध किया था साथ ही वहां कुंभ का बहुत बड़ा आयोजन है जहां लगभग रोज 25-30 लाख लोग जा रहे है, वहां खतरा हो सकता है। अब तक कुम्भ का सफल आयोजन हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर उनको रोका गया है।“
इसका मतलब साफ़ है कि अखिलेश यादव ने न विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति ली और न ही राज्य सरकार को इस मामले में सूचित किया और ड्रामा करने के मकसद से प्रयागराज के लिए निकल पड़े। जबकि पिछले, महीने ही अखिलेश यादव प्रयागराज न सिर्फ गये थे बल्कि वहां कुंभ में स्नान भी किया था। उस समय योगी सरकार ने उन्हें नहीं रोका था। इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध के बाद ही योगी सरकार अखिलेश यादव को रोका लेकिन, उन्होंने इसपर ही सियासत शुरू कर दी और ममता बनर्जी भी इस मामले में कूद पड़ीं। शर्मनाक तरीके अखिलेश यादव का इस तरह से राज्य में अराजक गतिविधियों को अंजाम देने का प्रयास करना और फिर ममता बनर्जी का भी इस मामले में कूद पड़ना। ये साफ़ दर्शाता है कि वास्तव में देश की व्यवस्था और लोकतंत्र अगर खतरे में है तो इन स्वार्थी राजनेताओं से है जो अपने हित के लिए देश में हिंसा और अराजक गतिविधियों को अंजाम देने से भी नहीं हिचकते हैं।