छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने अपनी गंदी राजनीति शुरू कर दी है। इस पार्टी ने एक बार फिर से प्रदेश की परियोजनाओं के नाम को बदलकर उसका गांधीकरण करना शुरू कर दिया है। प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की पांच योजनाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाकर उसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी का नाम जोड़ दिया है। वहीं इस मामले के प्रकाश में आने के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रामन सिंह ने नाराजगी जताई है और कहा है विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी इसपर आपत्ति भी जाहिर करेगी। भूपेश बघेल की अगवाई में कांग्रेस सरकार बदले की भावना के साथ राज्य में नए नियम लागू कर रही है।
अब छत्तसीगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की पांच योजनाओं के नामा बदल दिए हैं। नगरीय प्रशासन के अवर सचिव के नाम से जारी आदेश में लिखा गया है कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ नगरीय अधोसंरचना विकास निधि से संचालित इन योजनाओं का नाम इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है:
- दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम अब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नया नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना
जब इस तरह से योजनाओं के नाम बदलने को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार से सवला किया गया तो इस सरकार ने अपनी बेतुकी दलील दी और कहा कि हम बस इन योजनाओं नाम को पुराने नामा दे रहे हैं। वाह! कांग्रेस ये नहीं मां रही कि एक बार फिर से वो सरकारी योजनाओं का नाम गांधी परिवार से जोड़ रही है। अब इसपर लेफ्ट-लिबरल गैंग ने भी चुप्पी साध ली है।
यही नहीं राजस्थान की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का काम शुरू कर दिया था। वो राज्य में एक के बाद एक योजनाओं का नाम बदल रही है। कांग्रेस की सरकार हर उस योजना का नाम बदल रही है जो जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर हैं। अब इसपर न मीडिया कांग्रेस पर कुछ बोल रही है और न ही लेफ्ट लिबरल गैंग।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब सत्ता में आने के बाद कुछ स्थानों और योजनाओं का नाम बदला था तब मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक लोगों की नकरात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। लेफ्ट लिबरल गैंग से लेकर मीडिया तक योगी आदित्यनाथ की आलोचना में व्यस्त थे। मीम बनाये जा रहे थे, योगी सरकार को ट्रोल किया जा रहा था। कांग्रेस जमकर इसका विरोध कर रही थी। चाहे वो मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला हो या इलाहाबाद के नाम को पुनः स्थापित कर प्रयागराज करने का फैसला हो। सभी ने जमकर विरोध किया लेकिन अब राजस्थान, मध्य प्रदेश और अब छत्तीसगढ़ में योजनाओं के नाम बदल रही है तो इसपर किसी को कोई आपत्ति नहीं है और यहां तक कि उन्हें नाम बदलने से कोई फर्क भी नहीं पड़ता है। कांग्रेस को अब ये गलत नहीं लगता। अब वो ये दलील नहीं दे रही कि उनकी सरकार कम कुछ नहीं करती बस हर योजना पर गांधी नाम की मुहर लगाने का काम करती है।