कोलकाता में चल रहे ममता बनाम सीबीआई विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। CBI द्वारा सोमवार को दायर की गयी दो याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की अगुवाई में तीन जजों की बेंच सुनवाई की। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे। सुनवाई के दौरान सीबीआई द्वारा जो तर्क दिए गये उससे ममता के सरे आरोपों की धज्जियां उड़ने में देर नहीं लगी। यही नहीं अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, डीजीपी और कोलकाता पुलिस को नोटिस भी जारी किया है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने के लिए कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 20 फरवरी को होगी।
The Police Commissioner of Kolkata Rajeev Kumar will appear before the Central Bureau of Investigation (CBI) in Shillong, Meghalaya as a neutral place. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि “राजीव कुमार मेघालय के शिलांग में सीबीआई के समक्ष एक न्यूट्रल प्लेस पर पेश होंगे। राजीव कुमार 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश हों वहीं इस दौरान सीबीआई जब भी राजीव कुमार को बुलाए उन्हें जाना होगा लेकिन अभी उनकी गिरफ्तार नहीं होगी।” कोर्ट ने साफ़ कहा है कि कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की गिरफ्तारी समेत कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, डीजीपी और कोलकाता पुलिस आयुक्त को CBI द्वारा उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर जवाब दायर करने के लिए भी कहा। इसका मतलब ये है कि अब ममता बनर्जी का कोई धरना ड्रामा काम नहीं आने वाला है।
Affidavit also states,return of crucial evidence to main accused by the SIT, despite regular monitoring by HC, clearly show connivance of SIT to a larger conspiracy wherein local authorities obstructed probe&attempted to destroy evidence prior to transfer of the case to CBI by SC https://t.co/Vy85hMia1f
— ANI (@ANI) February 5, 2019
Affidavit also states,return of crucial evidence to main accused by the SIT, despite regular monitoring by HC, clearly show connivance of SIT to a larger conspiracy wherein local authorities obstructed probe&attempted to destroy evidence prior to transfer of the case to CBI by SC https://t.co/Vy85hMia1f
— ANI (@ANI) February 5, 2019
सीबीआई ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है जिसमें राजीव कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया है। इसमें बताया गया है कि चिटफंड घोटाले के मामले की जांच राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली एसआईटी टीम ने की थी और इस जांच के दौरान महत्वपूर्व सबूत वाले लैपटॉप, मोबाइल व अन्य जानकारी मुख्य आरोपी को सौंप दिया गया। ऐसे में एसआईटी द्वारा आरोपी को ही सबूत सौंप दिया जाना और फिर स्थानीय अधिकारियों द्वारा जांच बाधित करना साफ़ दर्शाता है कि इस मामले में कोई बड़ी साजिश रची जा रही है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश हों और जांच में सहयोग का आदेश दिया। ये ममता बनर्जी सरकार के लिए बड़ा झटका है। सीबीआई ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘ वास्तव में, आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को दर्ज किया गया था लेकिन राजीव कुमार ने सीबीआई को सैद्धांतिक रूप से कॉल रिकॉर्ड सौंपे हैं। कौन था, किसने बुलाया, इस पर जानकारी मिटा दी गई। सुदीप्तो सेन के सेल फोन को वापस सौंप दिया गया था।”
बता दें कि रविवार शाम जब सीबीआई की टीम राजीव कुमार के घर पहुंची तो वहां ममता ने आदेश देकर पुलिस द्वारा सीबीआई अधिकारियों को ही गिरफ्तार करवा दिया। ममता ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने बिना किसी नोटिस के राजीव कुमार के घर पहुंची थी जबकि सीबीआई ने बकायदे नोटिस भी जारी किया था इसके बावजूद ममता ने देश से झूठ बोला। यहां तक कि ममता बनर्जी कोलकाता में धरना प्रदर्शन पर भी बैठ गयीं। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद उनके इस ड्रामे पर पानी फिर गया है।