पुलवामा आतंकी हमले के बाद लेफ्ट लिबरल गैंग देश भर में कश्मीरी लोगों पर हमले होने की अफवाहें फैला रही हैं। ऐसे ही एक मामले में अब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा और टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य शेहला राशिद पर एफआईआर दर्ज हो गई है। शेहला पर यह एफआईआर अल्पसंख्यकों में भय का माहौल पैदा करने के बाद दर्ज की गई है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद शेहला राशिद ने उत्तराखंड में कश्मीरी लड़कियों के फंसे होने की अफवाह फैलाने का काम किया था। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शेहला के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1096770640135081985
SOS: Kashmri girls trapped in hostel at Dolphin college in Dehradun, asking for help, as mob is shouting outside. A girl called saying, please save us, take us out of here. #Kashmir
— Fahad Shah (@pzfahad) February 16, 2019
शेहला राशिद ने ट्विटर के माध्यम से यह अफवाह फैलाई थी कि, देहरादून के डॉल्फिन इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में 15-20 लड़कियां फंसी हैं। शेहला ने लिखा था कि, हॉस्टल के बाहर गुस्साई भीड़ है और हॉस्टल से लड़कियों को बाहर निकालने की मांग कर रही है। पुलिस वहां मौजूद है लेकिन भीड़ को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शेहला के इस ट्वीट के बाद कश्मीरी लड़कियों के हॉस्टल में फंसे होने की अफवाह बहुत तेजी से फैल गयी।
Don't Spread Rumours… pic.twitter.com/2sGnfdlWw4
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 17, 2019
Don't Believe In Rumours pic.twitter.com/4WpoSCq1zz
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 16, 2019
शेहला राशिद की यह अफवाह कोई भयावय रूप लेती उससे पहले ही उत्तराखंड पुलिस ने इस अफवाह का खंडन कर दिया। उत्तराखंड पुलिस ने ट्विट कर बताया कि यह सच नहीं है। वहां पर कोई भी भीड़ नहीं है। पुलिस ने बताया कि वहां लोगों के बीच इस बारे में कंफ्यूजन था कि कश्मीरी लड़कियों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए थे। पुलिस ने कहा कि कुछ लोग हैं जो जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद देहरादून में कश्मीरी छात्रों पर हमले की खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि सब कुछ सामान्य है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि यहां लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। यहां सब कुछ सामान्य है। हम सभी को पूरी सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं।” उन्होंने कहा, “यह बताया जाता है कि पुलवामा की घटना के बाद हॉस्टल की लड़कियों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। इस बारे में हमारे पास कोई सबूत नहीं है। पुलिस को यह जानकारी मिली तो हमने तुरंत मामले में हस्तक्षेप किया और इसे सुलझा लिया।”
माय नेशन की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद एफआईआर दर्ज की है। इसकी पुष्टि देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती द्वारा भी की गई है।
इससे पहले, शेहला राशिद और अन्य कई टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थकों ने ट्वीट किया था कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद देहरादून में कश्मीरी छात्रों पर हमला किया जा रहा है। यह बताया गया कि घाटी की 20 छात्राओं ने शनिवार दोपहर एक छात्रावास को लोगों द्वारा घेरे जाने के बाद खुद को होस्टल के कमरे में बंद कर लिया।
खबरों के अनुसार, शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा पुलवामा आतंकवादी हमले के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन में उन्होंने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए थे। यह आरोप लगाया जा रहा है कि डॉल्फिन कॉलेज की लड़कियों ने बाद में छात्रावास से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।
सूत्रों के अनुसार, एफआईआर दर्ज होने के बाद अब शेहला राशिद से पुलिस द्वारा मामले में पूछताछ की जाएगी। आपको बता दें कि, देश में कहीं से भी ऐसी खबर नहीं हैं जिसमें कश्मीरी नागरिकों या छात्रों के साथ मारपीट हुई हो। इसके बावजूद लेफ्ट-लिबरल गैंग ने अफवाहों का बाजार गर्म कर रखा है। दूसरी तरफ कश्मीर के लोग पुलवामा में हुए कायरतापूर्ण हमले का जश्न मना रहे हैं और सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। जब कश्मीर में सेना के जवानों पर हमले होते हैं तो इन लेफ्ट लिबरल गैंग को फर्क नहीं पड़ता। आज तड़के भी पुलवामा में आतंकियों और सुरक्षा बल के बीच चल रही मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए हैं। ऐसे में सेना के खिलाफ और कश्मीरियों के बारे में अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। शेहला राशिद के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर इसी दिशा में एक अच्छा कदम है।