कांग्रेस पार्टी का आतंक-प्रेम एक बार फिर सामने आया है, और दुर्भाग्य की बात यह है कि इस बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने ही सारी सीमाओं को लांघ दिया। दरअसल, दिल्ली में बूथ अध्यक्षों के सम्मलेन में राहुल गांधी ने आतंकी मसूद अज़हर को ‘जी’ कहकर संबोधित किया। उस वक्त वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर निशाना साध रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 से 45 जवान शहीद हो गए थे, सीआरपीएफ बस पर किसने बम फोड़ा? जैश-ए-मोहम्मद…मसूद अजहर ने… आपको याद होगा ना? यह वही मसूद अजहर है, जिसे 56 इंच वालों की तब की सरकार ने एयरक्राफ्ट में मसूद अजहर जी के साथ बैठकर अजीत डोभाल कंधार में हवाले करके आ गए थे।“ इस बयान में वो सेना पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन पुलवामा हमले के दोषी के लिए ‘जी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उनके इस बयान के सामने आने के बाद उनकी चारों तरफ से आलोचना शुरू हो गई, भाजपा ने ट्वीट करते हुए लिखा “देश के 44 वीर जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के लिए राहुल गांधी के मन में इतना सम्मान!”
देश के 44 वीर जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के लिए राहुल गांधी के मन में इतना सम्मान! #RahulLovesTerrorists pic.twitter.com/I8a9FY60cW
— BJP (@BJP4India) March 11, 2019
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया “पता है गांधी और पाकिस्तान में क्या समानता है? उनका आतंकवादियों के लिए प्यार, ये रहा एक और सबूत कि राहुल गांधी को आतंकियों से प्यार है।“
What is common between Rahul Gandhi and Pakistan?
Their love for terrorists.
Please note Rahul ji’s reverence for terrorist Masood Azhar – a testimony to #RahulLovesTerrorists pic.twitter.com/CyqoZ7b9CF
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) March 11, 2019
वैसे ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस तरह का बयान सामने आया है। दरअसल, भारतीय जवानों या भारतीय नागरिकों के जान के दुश्मनों को ‘जी’ कहकर संबोधित करना कांग्रेस पार्टी के नेताओं का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी आतंकी अफजल गुरु के लिए ‘जी’ शब्द का प्रयोग कर चुके हैं। उन्होंने अपनी एक प्रैस कॉनफेरेन्स में कहा था “अगर भारत के लोकतंत्र में देशविरोधी तत्वों से लड़ने की ताकत ना होती, तो हम उग्रवादी अफज़ल गुरु जी को फांसी ना दे पाते।“ कांग्रेस पार्टी के ही एक और नेता दिग्विजय सिंह भी खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन के लिए ‘जी’ शब्द का प्रयोग कर चुके हैं, और इतना ही नहीं, वो तो इस्लामिक कट्टरपंथी ज़ाकिर नाइक को भी ‘शांति दूत’ कह चुके हैं।
ऐसा लगता है मानों पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों और कांग्रेस पार्टी में कोई डील हुई है जिसमें दोनों ने एक-दूसरे की तारीफ करने की योजना बनाई है। क्या कोई भूला है कि कैसे आतंकी हाफिज सईद ने कांग्रेस पार्टी की दिल खोलकर तारीफ़ की थी। दरअसल, कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए आतंकी हाफिज सईद ने कहा था “अभी भी भारत में कुछ अच्छे लोग मौजूद हैं, जैसे कांग्रेस पार्टी में कुछ लोगों ने अच्छी गुफ्तगू की है, उन्होंने अपनी सरकार से कहा कि कश्मीर में अशांति के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरना सही नहीं है।”
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की अगर देश का ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकी तारीफ करने लगे, तो अपने आप में ही यह शर्म की बात है। बार-बार अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने वाली कांग्रेस पार्टी को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। कांग्रेस को चाहिए कि अपने इन आतंक-प्रेमी बयानों से वह इन आतंकियों का मनोबल बढ़ाना तुरंत बंद करे। देश के खिलाफ साजिश रचने वाले इन आतंकवादियों का कांग्रेस के नेताओं द्वारा महिमामंडन अति निंदनीय है।