TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री,  भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    मणिपुर को जल्द मिल सकता है नया मुख्यमंत्री, भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने टटोली प्रदेश में सरकार गठन की संभावनाएंू

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘बाप-बेटी’ ने कश्मीर दिया, अब नाती-पोते पाक के लिये कर रहे बैटिंग!

Harish Chandra Srivastava द्वारा Harish Chandra Srivastava
25 March 2019
in समीक्षा
कांग्रेस भारत कश्मीर
Share on FacebookShare on X

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार सैम पित्रोदा का पुलवामा हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट देना और भारतीय सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना, क्या यह अनजाने में दिया गया व्यक्तिगत बयान है? यदि यह मान भी लें कि सैम पित्रोदा की उम्र हो चली है, इसलिए उनकी जुबान फिसल गयी तो अभी कुछ दिन पूर्व राहुल गांधी ने भी सार्वजनिक रूप से टीवी के कैमरों के सामने दुर्दांत आतंकवादी मसूद अजहर को जी लगाकर सम्मानित किया था। कांग्रेस की ओर से इस पर सफाई नहीं आयी और इस मुद्दे को गोलमोल करने का प्रयास किया गया। दावा किया जाता है कि राहुल गांधी 50 साल की उम्र में भी अभी नवयुवक हैं, इसलिए कांग्रेस यह भी नहीं कह सकती कि उम्र के कारण उनकी याददाश्त कमजोर हो गयी है और उनसे अनजाने में यह भूल हुयी है।

पाकिस्तान के पक्ष में और भारत के विरोध में बैटिंग करने वाले शीर्ष कांग्रेसियों की सूची लंबी भी है और पुरानी भी। दिग्विजय, मणिशंकर अय्यर, नवजोत सिंह सिद्धू, शशि थरूर जैसे तमाम नाम हैं, जो निश्चित समयांतराल पर पाकिस्तानपरस्त बयानबाजी करके भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान के दावे को न केवल मजबूत करते हैं, बल्कि भारत के लोगों, भारत की सेना और भारत की संवैधानिक संस्थाओं का मनोबल गिराने का प्रयास करते हैं।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

और लोड करें

यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता इस तरह की ‘गलती’ बारबार और जानबूझकर क्यों करते हैं? इसकी तह में जाने के लिये आपको कांग्रेस के इतिहास को खंगालना होगा और इस इतिहास में नेहरू परिवार के प्रभुत्व के काल को ठीक से देखना होगा।

आजादी के बाद नेहरू कांग्रेस को एक तरह अपने परिवार की प्राइवेट कंपनी में बनाने में कामयाब हो गये और प्रधानमंत्री के रूप में उनके हाथ में देश की तकदीर लिखने का जिम्मा आया तो देखिये जरा किस तरह उन्होंने भारतीय हितों की अनदेखी करके पाकिस्तान के आतंक का पक्ष लिया। आजादी मिलते ही पाकिस्तान ने कबाइलियों के वेश में कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। यह सूचना दिल्ली पहुंची, पर उस हमले को जानबूझकर अनदेखा कर दिया और हमलावरों ने कश्मीर में हजारों की संख्या में हिंदू, सिख और बौद्धों को हमलावरों ने मार डाला। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा। कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत से कश्मीरियों को नरसंहार से बचाने की सहायता भी मांगी, लेकिन नेहरू ने उनकी गुहार भी नहीं सुनीं। नेहरू ने स्वयं 2 नवंबर 1947 को आकाशवाणी पर संबोधन में स्वयं यह स्वीकार किया कि पाकिस्तानी कश्मीर में नरसंहार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कोई दखल नहीं दिया। परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान ने कश्मीर के एक हिस्से पर अनधिकृत कब्जा कर लिया। दखल देने का उनका इरादा भी नहीं था। इसी संबोधन में नेहरू ने यह भी कहा कि वह कश्मीर पर भारत का दावा नहीं करते हैं, स्थिति सामान्य होने पर वे वहां जनमत संग्रह करायेंगे और कश्मीर की जनता यदि पाकिस्तान के साथ जाना चाहे तो रायशुमारी देने के लिये स्वतंत्र है।

तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल नेहरू के एक तरह ही पाकिस्तान परस्ती से दुखी भी थे और गुस्सा भी। सरदार पटेल पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सेना भेजना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने इनकार कर दिया। इसके बाद नेहरू के विरोध के बाद भी सरदार पटेल ने अद्र्धसैन्य बलों को हमलावरों से निपटने के लिये लगाया और हमलावरों को खदेड़ा। बाद में नेहरू को सरदार पटेल के आगे झुकना पड़ा और सेना लगायी गयी। जब भारत पाकिस्तान को धूल चटाकर कश्मीर को अपने नियंत्रण में लेने सफलता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा था तो सरदार पटेल के विरोध के बावजूद नेहरू इस मामले को स्वयं ही संयुक्त राष्ट्र परिषद में लेकर चले गये और इस मसले को विवादित बनाकर कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे को एक तरह से मान्यता दिला दी। इस तरह नेहरू ने पटेल जी की इच्छा के विरुद्ध युद्धविराम कराकर पाकिस्तान की भरपूर मदद की। नेहरू ने कुछ ऐसा ही तब किया जब भारत को 1953 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी सदस्यता मिल रही थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराकर चीन का नाम आगे बढ़ा दिया, जबकि चीन उस समय भी भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रहा था और भारतीय भूभागों पर अनधिकृत रूप से दावा ठोंक रहा था।

मजे की बात यह है कि इतिहास की इस पर्त पर से पर्दा किसी और ने नहीं, बल्कि आज पाकिस्तानी बोल बोलने वाले कांग्रेसी नेता और संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव डॉ. शशि थरूर ने हटाया था। डॉ थरूर ने अपनी पुस्तक ‘नेहरू द इन्वेंशन आफ इंडिया’ में लिखा है कि ‘जिन भारतीय राजनयिकों ने इस संबंध में फाइलें देखी हैं, वे कहते हैं कि नेहरू ने स्थाई सदस्यता का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।’ पुस्तक में उल्लेख है कि नेहरू ने कहा कि चीन एक महान राष्ट्र है और चीन की कीमत पर भारत को स्थायी सदस्यता नहीं चाहिए।
भारत को नुकसान पहुंचाकर भी पाकिस्तान की मदद करने का नेहरू का सिलसिला यहीं नहीं रुका। जब पूरा देश विरोध कर रहा था और तत्कालीन जनसंघ सिंधु नदी जल बंटवारा की प्रस्तावित संधि का मुखर विरोध कर रहा था, नेहरू 19 सितम्बर, 1960 को कराची गये और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करके यह अन्यायपूर्ण संधि कर ली। कभी ऐसा सुना है कि किसी चीज का बंटवारा किया जाये और जिसकी आबादी 85 प्रतिशत हो उसको 20 प्रतिशत से भी कम हिस्सा मिले, जबकि जिनकी आबादी 15 प्रतिशत हो उन्हें 80 प्रतिशत हिस्सा मिले? किंतु नेहरू द्वारा भारत के हितों को किनारे रखकर शत्रुता निभा रहे देश पाकिस्तान को अपनी भूमि से गुजरने वाली उन नदियों का लगभग शतप्रतिशत जल दे दिया, जिन नदियों का स्रोत या तो भारत में है अथवा जो भारत के उच्च क्षेत्र अर्थात जिनका प्रवाह भारत से पाकिस्तान की ओर है। जबकि देश के बंटवारे के समय भारत के पास 39 करोड़ जनसंख्या और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) सहित पाकिस्तान की कुल आबादी लगभग 6 करोड़ थी। बावजूद इसके भारत के खिलाफ नेहरू ने पाकिस्तान के साथ यह विसंगतिपूर्ण संधि की।

इस संधि के अनुसार तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पूरी तरह से पाकिस्तान को दे दिया गया। पूर्वी नदियों व्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को मिला, लेकिन इसमें भी भारत के पानी के प्रयोग का अधिकार सीमित कर दिया गया। सिंधु जल संधि दुनिया का ऐसा सबसे उदार समझौता माना जाता है, जहां नदियों के जलसंसाधन के स्वामी देश ने उस संसाधन पर अपनी संप्रभुता स्वयं ही एक ऐसे देश को अनावश्यक रूप से और देश की जनता के साथ अन्याय करते हुये सौंप दी, जिसके निर्माण का आधार ही भारत के विरुद्ध विध्वंसात्मक विष था। इतना ही नहीं, नेहरू ने संधि में यह भी व्यवस्था की कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां इन नदियों के जल के संग्रहण व वितरण की प्रणाली विकसित नहीं कर लेता भारत 12,780 करोड़ (आज की रुपए की विनियम दर के अनुसार) रुपए पाकिस्तान को मुआवजा देगा। पाकिस्तान पर कांग्रेस की मेहरबानी का आलम यह थ कि आजादी के बाद आयी इनकी सरकारों ने अपने 20 प्रतिशत हिस्से के पानी का एक भी बूंद इस्तेमाल नहीं लिया और इतनी बड़ी मात्रा में भारत की जनता का धन पाकिस्तान को मुआवजे के रूप में दिया।

कांग्रेस पार्टी के पाकिस्तान परस्ती की एक और घटना का उल्लेख करना समीचीन होगा। यह सर्वविदित है कि इंदिरा गांधी के शासन में कांग्रेस ने भिंडरवाले को न केवल प्रश्रय दिया, बल्कि सुविधा और संरक्षण भी दिया। जबकि खुफिया एजेंसियां यह रिपोर्ट दे रही थीं कि भिंडरवाले और उसका खालिस्तान आंदोलन पंजाब को भारत से अलग करने के लिये पाकिस्तान और उनकी आईएसआई द्वारा तैयार किया गया षडयंत्र है। इंदिरा की पाकपरस्ती का यह तथ्य भी हमें भूलना नहीं चाहिए। भारतीय सुरक्षा बलों ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाते हुये न केवल पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया, बल्कि पाकिस्तान के जनरल समेत 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा। भारत के पास सुनहरा मौका था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त करा लिया जाता। तत्कालीन विदेशी प्रेक्षकों ने कहा है कि तत्कालीन पाकिस्तान प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो अपने सैनिकों को छुड़ाने के लिये पीओके छोड़ने को तैयार थे। पर इंदिरा ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की राय मानने के बजाय हारे हुये पाकिस्तान को प्लेट में सजाकर ‘उपहार’ दिया और वह था संधि में यह प्रावधान शामिल करवाना कि कश्मीर मसले के हल तक पाकिस्तान वहां अपनी सेना रख सकती है। जबकि इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत पीओके में पाकिस्तान को कश्मीर में सैन्य हस्तक्षेप की अनुमति नहीं थी। यह एक तरह से पाकिस्तान को कश्मीर का एक हिस्सा आधिकारिक रूप से देने जैसा था। यह समाचार आप अक्सर पढ़ते होंगे कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पाकिस्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं और पाकिस्तान का दौरा कर भारत की सरकार को अस्थिर करने की खुलेआम अपील करते हैं। इतने सारे ऐतिहासिक तथ्य और आज की कांग्रेस का व्यवहार और नीति तमाम संदेहों को उत्पन्न करती हैं।

मोदी सरकार ने पहली बार सिंधु जल प्रणाली के जल का उपयोग भारत की जनता व किसानों के लिए करने पर दीर्घकालिक योजना तैयार की है। 2014 में सरकार बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि, सिंचाई और जलसंसाधन को लेकर एकीकृत व लक्षित प्राथमिकताओं के साथ दीर्घकालिक योजनाएं बनायीं। सरकार ने इस ओर ध्यान देते हुये तय किया कि भारत के हिस्‍से का पानी अब पाकिस्‍तान नहीं जाएगा। इस पानी को रोककर हरियाणा में पानी की किल्‍लत दूर की जाएगी तथा पानी को राजस्‍थान तक ले जाया जाएगा। केंद्र सरकार उत्‍तराखंड में तीन बांध भी बनाने जा रही है, ताकि भारत की तीन नदियों का पाकिस्तान जाने वाला पानी यमुना में लाकर इस क्षेत्र की कृषि सिंचाई व पेयजल समस्या को दूर किया जा सके।

यह ध्यान देने योग्य है कि जिस दिन से सिंधु के जल को भारत के लोगों तक पहुंचाने की योजना का खुलासा हुआ है कांग्रेस के कई नेताओं ने संधि का हवाला देते हुये ऐसा रूदन किया, मानों वे भारत नहीं, पाकिस्तान के राजनीतिज्ञ हों।

इसलिए कांग्रेस और इसके नेताओं द्वारा भारतीय सेना का अपमान करने अथवा उसके पराक्रम पर सवाल उठाने या फिर भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के पक्ष में बैटिंग करना यह सोचने पर विवश करती हैं कि कांग्रेस ऐसा अनजाने में नहीं, बल्कि सोची—समझी रणनीति के तहत नेहरू की नीति का अनुसरण करते हुए करती है।

Tags: कांग्रेसराहुल गाँधी
शेयर491ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब सपना चौधरी बीजेपी में हो सकती हैं शामिल

अगली पोस्ट

आय से अधिक संपत्ति मामले में अखिलेश यादव और मुलायम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited