TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘बाप-बेटी’ ने कश्मीर दिया, अब नाती-पोते पाक के लिये कर रहे बैटिंग!

Harish Chandra Srivastava द्वारा Harish Chandra Srivastava
25 March 2019
in समीक्षा
कांग्रेस भारत कश्मीर
Share on FacebookShare on X

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुख्य सलाहकार सैम पित्रोदा का पुलवामा हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट देना और भारतीय सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना, क्या यह अनजाने में दिया गया व्यक्तिगत बयान है? यदि यह मान भी लें कि सैम पित्रोदा की उम्र हो चली है, इसलिए उनकी जुबान फिसल गयी तो अभी कुछ दिन पूर्व राहुल गांधी ने भी सार्वजनिक रूप से टीवी के कैमरों के सामने दुर्दांत आतंकवादी मसूद अजहर को जी लगाकर सम्मानित किया था। कांग्रेस की ओर से इस पर सफाई नहीं आयी और इस मुद्दे को गोलमोल करने का प्रयास किया गया। दावा किया जाता है कि राहुल गांधी 50 साल की उम्र में भी अभी नवयुवक हैं, इसलिए कांग्रेस यह भी नहीं कह सकती कि उम्र के कारण उनकी याददाश्त कमजोर हो गयी है और उनसे अनजाने में यह भूल हुयी है।

पाकिस्तान के पक्ष में और भारत के विरोध में बैटिंग करने वाले शीर्ष कांग्रेसियों की सूची लंबी भी है और पुरानी भी। दिग्विजय, मणिशंकर अय्यर, नवजोत सिंह सिद्धू, शशि थरूर जैसे तमाम नाम हैं, जो निश्चित समयांतराल पर पाकिस्तानपरस्त बयानबाजी करके भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान के दावे को न केवल मजबूत करते हैं, बल्कि भारत के लोगों, भारत की सेना और भारत की संवैधानिक संस्थाओं का मनोबल गिराने का प्रयास करते हैं।

संबंधितपोस्ट

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम के चयन को लेकर शशि थरूर ने क्या कहा?

और लोड करें

यह सवाल अक्सर उठता है कि आखिर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता इस तरह की ‘गलती’ बारबार और जानबूझकर क्यों करते हैं? इसकी तह में जाने के लिये आपको कांग्रेस के इतिहास को खंगालना होगा और इस इतिहास में नेहरू परिवार के प्रभुत्व के काल को ठीक से देखना होगा।

आजादी के बाद नेहरू कांग्रेस को एक तरह अपने परिवार की प्राइवेट कंपनी में बनाने में कामयाब हो गये और प्रधानमंत्री के रूप में उनके हाथ में देश की तकदीर लिखने का जिम्मा आया तो देखिये जरा किस तरह उन्होंने भारतीय हितों की अनदेखी करके पाकिस्तान के आतंक का पक्ष लिया। आजादी मिलते ही पाकिस्तान ने कबाइलियों के वेश में कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। यह सूचना दिल्ली पहुंची, पर उस हमले को जानबूझकर अनदेखा कर दिया और हमलावरों ने कश्मीर में हजारों की संख्या में हिंदू, सिख और बौद्धों को हमलावरों ने मार डाला। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा। कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत से कश्मीरियों को नरसंहार से बचाने की सहायता भी मांगी, लेकिन नेहरू ने उनकी गुहार भी नहीं सुनीं। नेहरू ने स्वयं 2 नवंबर 1947 को आकाशवाणी पर संबोधन में स्वयं यह स्वीकार किया कि पाकिस्तानी कश्मीर में नरसंहार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कोई दखल नहीं दिया। परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान ने कश्मीर के एक हिस्से पर अनधिकृत कब्जा कर लिया। दखल देने का उनका इरादा भी नहीं था। इसी संबोधन में नेहरू ने यह भी कहा कि वह कश्मीर पर भारत का दावा नहीं करते हैं, स्थिति सामान्य होने पर वे वहां जनमत संग्रह करायेंगे और कश्मीर की जनता यदि पाकिस्तान के साथ जाना चाहे तो रायशुमारी देने के लिये स्वतंत्र है।

तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल नेहरू के एक तरह ही पाकिस्तान परस्ती से दुखी भी थे और गुस्सा भी। सरदार पटेल पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सेना भेजना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने इनकार कर दिया। इसके बाद नेहरू के विरोध के बाद भी सरदार पटेल ने अद्र्धसैन्य बलों को हमलावरों से निपटने के लिये लगाया और हमलावरों को खदेड़ा। बाद में नेहरू को सरदार पटेल के आगे झुकना पड़ा और सेना लगायी गयी। जब भारत पाकिस्तान को धूल चटाकर कश्मीर को अपने नियंत्रण में लेने सफलता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा था तो सरदार पटेल के विरोध के बावजूद नेहरू इस मामले को स्वयं ही संयुक्त राष्ट्र परिषद में लेकर चले गये और इस मसले को विवादित बनाकर कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे को एक तरह से मान्यता दिला दी। इस तरह नेहरू ने पटेल जी की इच्छा के विरुद्ध युद्धविराम कराकर पाकिस्तान की भरपूर मदद की। नेहरू ने कुछ ऐसा ही तब किया जब भारत को 1953 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी सदस्यता मिल रही थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराकर चीन का नाम आगे बढ़ा दिया, जबकि चीन उस समय भी भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रहा था और भारतीय भूभागों पर अनधिकृत रूप से दावा ठोंक रहा था।

मजे की बात यह है कि इतिहास की इस पर्त पर से पर्दा किसी और ने नहीं, बल्कि आज पाकिस्तानी बोल बोलने वाले कांग्रेसी नेता और संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव डॉ. शशि थरूर ने हटाया था। डॉ थरूर ने अपनी पुस्तक ‘नेहरू द इन्वेंशन आफ इंडिया’ में लिखा है कि ‘जिन भारतीय राजनयिकों ने इस संबंध में फाइलें देखी हैं, वे कहते हैं कि नेहरू ने स्थाई सदस्यता का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।’ पुस्तक में उल्लेख है कि नेहरू ने कहा कि चीन एक महान राष्ट्र है और चीन की कीमत पर भारत को स्थायी सदस्यता नहीं चाहिए।
भारत को नुकसान पहुंचाकर भी पाकिस्तान की मदद करने का नेहरू का सिलसिला यहीं नहीं रुका। जब पूरा देश विरोध कर रहा था और तत्कालीन जनसंघ सिंधु नदी जल बंटवारा की प्रस्तावित संधि का मुखर विरोध कर रहा था, नेहरू 19 सितम्बर, 1960 को कराची गये और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करके यह अन्यायपूर्ण संधि कर ली। कभी ऐसा सुना है कि किसी चीज का बंटवारा किया जाये और जिसकी आबादी 85 प्रतिशत हो उसको 20 प्रतिशत से भी कम हिस्सा मिले, जबकि जिनकी आबादी 15 प्रतिशत हो उन्हें 80 प्रतिशत हिस्सा मिले? किंतु नेहरू द्वारा भारत के हितों को किनारे रखकर शत्रुता निभा रहे देश पाकिस्तान को अपनी भूमि से गुजरने वाली उन नदियों का लगभग शतप्रतिशत जल दे दिया, जिन नदियों का स्रोत या तो भारत में है अथवा जो भारत के उच्च क्षेत्र अर्थात जिनका प्रवाह भारत से पाकिस्तान की ओर है। जबकि देश के बंटवारे के समय भारत के पास 39 करोड़ जनसंख्या और पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) सहित पाकिस्तान की कुल आबादी लगभग 6 करोड़ थी। बावजूद इसके भारत के खिलाफ नेहरू ने पाकिस्तान के साथ यह विसंगतिपूर्ण संधि की।

इस संधि के अनुसार तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पूरी तरह से पाकिस्तान को दे दिया गया। पूर्वी नदियों व्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को मिला, लेकिन इसमें भी भारत के पानी के प्रयोग का अधिकार सीमित कर दिया गया। सिंधु जल संधि दुनिया का ऐसा सबसे उदार समझौता माना जाता है, जहां नदियों के जलसंसाधन के स्वामी देश ने उस संसाधन पर अपनी संप्रभुता स्वयं ही एक ऐसे देश को अनावश्यक रूप से और देश की जनता के साथ अन्याय करते हुये सौंप दी, जिसके निर्माण का आधार ही भारत के विरुद्ध विध्वंसात्मक विष था। इतना ही नहीं, नेहरू ने संधि में यह भी व्यवस्था की कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां इन नदियों के जल के संग्रहण व वितरण की प्रणाली विकसित नहीं कर लेता भारत 12,780 करोड़ (आज की रुपए की विनियम दर के अनुसार) रुपए पाकिस्तान को मुआवजा देगा। पाकिस्तान पर कांग्रेस की मेहरबानी का आलम यह थ कि आजादी के बाद आयी इनकी सरकारों ने अपने 20 प्रतिशत हिस्से के पानी का एक भी बूंद इस्तेमाल नहीं लिया और इतनी बड़ी मात्रा में भारत की जनता का धन पाकिस्तान को मुआवजे के रूप में दिया।

कांग्रेस पार्टी के पाकिस्तान परस्ती की एक और घटना का उल्लेख करना समीचीन होगा। यह सर्वविदित है कि इंदिरा गांधी के शासन में कांग्रेस ने भिंडरवाले को न केवल प्रश्रय दिया, बल्कि सुविधा और संरक्षण भी दिया। जबकि खुफिया एजेंसियां यह रिपोर्ट दे रही थीं कि भिंडरवाले और उसका खालिस्तान आंदोलन पंजाब को भारत से अलग करने के लिये पाकिस्तान और उनकी आईएसआई द्वारा तैयार किया गया षडयंत्र है। इंदिरा की पाकपरस्ती का यह तथ्य भी हमें भूलना नहीं चाहिए। भारतीय सुरक्षा बलों ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाते हुये न केवल पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया, बल्कि पाकिस्तान के जनरल समेत 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा। भारत के पास सुनहरा मौका था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त करा लिया जाता। तत्कालीन विदेशी प्रेक्षकों ने कहा है कि तत्कालीन पाकिस्तान प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो अपने सैनिकों को छुड़ाने के लिये पीओके छोड़ने को तैयार थे। पर इंदिरा ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की राय मानने के बजाय हारे हुये पाकिस्तान को प्लेट में सजाकर ‘उपहार’ दिया और वह था संधि में यह प्रावधान शामिल करवाना कि कश्मीर मसले के हल तक पाकिस्तान वहां अपनी सेना रख सकती है। जबकि इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत पीओके में पाकिस्तान को कश्मीर में सैन्य हस्तक्षेप की अनुमति नहीं थी। यह एक तरह से पाकिस्तान को कश्मीर का एक हिस्सा आधिकारिक रूप से देने जैसा था। यह समाचार आप अक्सर पढ़ते होंगे कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पाकिस्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ते हैं और पाकिस्तान का दौरा कर भारत की सरकार को अस्थिर करने की खुलेआम अपील करते हैं। इतने सारे ऐतिहासिक तथ्य और आज की कांग्रेस का व्यवहार और नीति तमाम संदेहों को उत्पन्न करती हैं।

मोदी सरकार ने पहली बार सिंधु जल प्रणाली के जल का उपयोग भारत की जनता व किसानों के लिए करने पर दीर्घकालिक योजना तैयार की है। 2014 में सरकार बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि, सिंचाई और जलसंसाधन को लेकर एकीकृत व लक्षित प्राथमिकताओं के साथ दीर्घकालिक योजनाएं बनायीं। सरकार ने इस ओर ध्यान देते हुये तय किया कि भारत के हिस्‍से का पानी अब पाकिस्‍तान नहीं जाएगा। इस पानी को रोककर हरियाणा में पानी की किल्‍लत दूर की जाएगी तथा पानी को राजस्‍थान तक ले जाया जाएगा। केंद्र सरकार उत्‍तराखंड में तीन बांध भी बनाने जा रही है, ताकि भारत की तीन नदियों का पाकिस्तान जाने वाला पानी यमुना में लाकर इस क्षेत्र की कृषि सिंचाई व पेयजल समस्या को दूर किया जा सके।

यह ध्यान देने योग्य है कि जिस दिन से सिंधु के जल को भारत के लोगों तक पहुंचाने की योजना का खुलासा हुआ है कांग्रेस के कई नेताओं ने संधि का हवाला देते हुये ऐसा रूदन किया, मानों वे भारत नहीं, पाकिस्तान के राजनीतिज्ञ हों।

इसलिए कांग्रेस और इसके नेताओं द्वारा भारतीय सेना का अपमान करने अथवा उसके पराक्रम पर सवाल उठाने या फिर भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के पक्ष में बैटिंग करना यह सोचने पर विवश करती हैं कि कांग्रेस ऐसा अनजाने में नहीं, बल्कि सोची—समझी रणनीति के तहत नेहरू की नीति का अनुसरण करते हुए करती है।

Tags: कांग्रेसराहुल गाँधी
शेयर491ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब सपना चौधरी बीजेपी में हो सकती हैं शामिल

अगली पोस्ट

आय से अधिक संपत्ति मामले में अखिलेश यादव और मुलायम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

संबंधित पोस्ट

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति
समीक्षा

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

5 June 2025

शपथ एक गंभीर वादा है कि जनप्रतिनिधि भारत की संप्रभुता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करेंगे। जब ये प्रतिनिधि इस शपथ का उल्लंघन करते हैं—सरकारी...

विराट कोहली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
समीक्षा

RCB के जश्न में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

5 June 2025

बीते 3 जून को अहमदाबाद में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराकर अपना पहला IPL खिताब जीता था,...

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन
ज्ञान

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

3 June 2025

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited