पिछले काफी समय से देश की राजधानी में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का एक नाटकीय प्रणय चला आ रहा है, जहां अरविंद केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ बड़ी उम्मीदें लगाकर गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा अरविंद केजरीवाल को कोई चारा नहीं डाला जा रहा है, जिससे तंग आकर अब केजरीवाल ने ट्वीट करके राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘सिर्फ बयानबाजी’ करने का आरोप लगाया है। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा दिल्ली के कुछ ‘निष्पक्ष’ पत्रकार भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की बढ़ती नाराजगियों से बेहद दुखी हैं। अब इन पत्रकारों ने इन दोनों पार्टियों के बीच सुलह करवाने के लिए ट्वीट के जरिये कुछ सलाह देना भी शुरू कर दिया है क्योंकि इनको पूरा यकीन है कि इन दोनों पार्टियों के बीच अगर गठबंधन होता है तो दिल्ली से भाजपा का पत्ता साफ होना तय है।
After listening to “Neutral” Journalism over phone tapes, now watch “Neutral” Journalism in 4D. This is 2019. pic.twitter.com/qPFw6rYN0H
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) April 16, 2019
इन ‘निष्पक्ष’ पत्रकारों में सबसे पहले नाम निखिल वागले का आता हैं जो कि कांग्रेस द्वारा आप को ठेंगा दिखाने से बेहद आहत नज़र आते हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि मोदी अगर वापस सत्ता में आते हैं, तो उसके लिए कांग्रेस का घमंड ही ज़िम्मेवार होगा। इस पत्रकार महोदय ने इस बात पर भी अपना दुख जाहिर किया है कि अगर आप और कांग्रेस ऐसे ही एक दूसरे पर आरोप लगाते रहेंगे तो मोदी फिर से पीएम बन जाएंगे।
You will blame AAP and vice versa. Finally Modi will benefit.If opposition doesn’t understand the importance of alliances they will be doomed. https://t.co/gxHjV9lyKd
— nikhil wagle (@waglenikhil) April 15, 2019
Congress will be responsible if Modi returns to power. Arrogance will doom this party. Congress has a history of cheating opposition parties too.
— nikhil wagle (@waglenikhil) April 15, 2019
ऐसे ही निष्पक्ष पत्रकारों में तुफैल अहमद का नाम भी सामने आता है, जो कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को लालची बता रहे हैं। उन्होंने भी एक ट्वीट किया जिसमें वे कह रहे हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का 4 सीटों पर लड़ना और कांग्रेस का बाकी 3 सीटों पर लड़ना सही रहेगा। इतना ही नहीं, उन्होंने केजरीवाल को भाजपा से कुछ सीख लेने की नसीहत भी दे डाली। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि भाजपा ने जेडीयू के सिर्फ 2 एमपी होंने के बावजूद उसे गठबंधन में 17 सीटें दी हैं।
https://twitter.com/tufailelif/status/1117821101680119808
पत्रकारिता के जगत में क्रांति लाने वाले महान पत्रकार आशुतोष ने भी अपनी पूर्व पार्टी को कुछ सुझाव दिया है। उन्होंने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को नसीहत देते हुए ट्वीट किया ‘अगर आप वाक़ई में मोदी शाह को हराना चाहते है तो दिल्ली में गठबंधन करिये और हरियाणा चंडीगढ़ में बातचीत करते रहिये। दोनों को लिंक क्यों कर रहे हैं?
अगर आप वाक़ई में मोदी शाह को हराना चाहते है तो दिल्ली में गठबंधन करिये और हरियाणा चंडीगढ़ में बातचीत करते रहिये । दोनों को लिंक क्यों कर रहे हैं ? @ArvindKejriwal @RahulGandhi https://t.co/z27Imef8Kt
— ashutosh (@ashutosh83B) April 15, 2019
लेखक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखने वाली सबा नक़वी ने राहुल गांधी को अरविंद केजरीवाल की बात मानने की गुजारिश की है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को बैठकर सभी मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए।
There is victory in modesty and stooping to conquer…that's an overture from @RahulGandhi and @ArvindKejriwal should take it in spirit.
It's not about Delhi alone but the national signal it sends..
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) April 15, 2019
Dear @RahulGandhi it would be best for you and @ArvindKejriwal to sit across table, shake hands and announce alliance. Please take his calls as he is an elected chief minister…the people of Delhi deserve all your best behaviour. #aapcongressalliance
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) April 15, 2019
इनके ट्वीट्स से यह बात तो स्पष्ट है कि ये सभी ‘निष्पक्ष’ पत्रकार कैसे भी करके कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन चाहते हैं, ताकि भाजपा के लिए कुछ मुश्किलें खड़ी की जा सकें। लेकिन अभी कांग्रेस और आप, दोनों ही अपनी मांगो को लेकर एक-दूसरे के सामने अड़े हुए हैं। इन पत्रकारों के ट्वीट्स से यह साफ है कि ये कैसे भी करके दिल्ली से भाजपा को बाहर करना चाहते हैं और दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सरकार चाहते हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जब भी कोई पत्रकार पीएम मोदी या भाजपा को लेकर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है तो यही लिबरल गैंग उसपर ‘गोदी मीडिया’ होने का टैग लगाने में जरा भी देर नहीं करता। इस लिबरल गैंग के मुखिया रविश कुमार का तो कोई भी वाक्य ‘गोदी मीडिया’ का ज़िक्र किए बिना खत्म ही नहीं होता, लेकिन इन ‘निष्पक्ष’ पत्रकारों के इन ट्वीट्स पर उनकी कभी कोई प्रतिक्रीया नहीं आती। पत्रकारिता के गिरते स्तर में इसी लिबरल गैंग का सबसे बड़ा योगदान रहा है, लेकिन हर बार यह गैंग बाकी पत्रकारों पर इसका आरोप मढ़कर अपना पल्ला झाड लेता है।