TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘भविष्योत्तर भूत’ ममता सरकार की तानाशाही के सामने हिंदी-मीडिया पोर्टल्स की ख़ामोशी सामान्य घटना नहीं है!

Guest Author द्वारा Guest Author
15 April 2019
in मत
‘भविष्योत्तर भूत’ ममता सरकार की तानाशाही के सामने हिंदी-मीडिया पोर्टल्स की ख़ामोशी सामान्य घटना नहीं है!

PC: Opindia.

Share on FacebookShare on X

इन दिनों देश में ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की फिल्म की रिलीज पर मीडिया का एक तबका खूब उत्तेजित हो गया लग रहा है। ये लोग फिल्म रिलीज़ की टाइमिंग, इसकी कहानी, इसके अभिनेता, सब पर बड़ी-बड़ी विवेचना कर रहे हैं, डिबेट्स चला रहे हैं और सूत्रों के हवालों से अंदर की बातें बाहर निकालने के दावे भी कर रहे हैं।

वहीं, इन सबके बीच, जिस दिन इस फिल्म को रिलीज होना था उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने बंगाली फिल्म ‘भविष्योत्तर भूत’ की प्रदर्शनी रोकने पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा निर्माता को 20 लाख का मुआवजा देने का फैसला सुनाया था। ‘भविष्योत्तर भूत’ के निर्देशक अनिक दत्ता के मुताबिक फिल्म जबसे बनना शुरू हुई थी तबसे उन्हें परेशान किया गया और फिल्म के रिलीज़ होने के दूसरे ही दिन बगैर कोई कारण बताये उसे उतरवा दिया गया।

संबंधितपोस्ट

बंगाल फ़ाइल्स: सत्य, राजनीतिक चुप्पी और विस्थापित इतिहास की पुकार

बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी का भाजपा पर हमला, लोकतंत्र पर गहरा सवाल

और लोड करें

राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के विरोध में 19 फरवरी की रोज़ बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े दिग्गज विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आये। इनमें सौमित्र चटर्जी, सब्यसाची दत्त, कौशिक सेन समेत फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े चेहरे मौजूद थे। इसके बाद अनिक दत्ता और उनकी टीम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ममता सरकार को मुंह की खानी पड़ी। देश के इतने बड़े हिस्से में इतना कुछ हो गया लेकिन हिंदी-मीडिया, खासकर आज़ादी का झंडा लेकर घूमने वाले लिबरल और वामपंथी अड्डों ने इस खबर को दबाने की हर संभव कोशिश की है, जो एक सामान्य घटना नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनिक दत्ता ने जो बातें कही हैं उसको गंभीरता से नहीं लेना इन मीडिया संस्थानों के चेहरों से नक़ाब हटाता है। अनिक ने ममता बनर्जी का नाम लिए बिना कहा कि “राज्य प्रशासन की प्रमुख काफी फासीवादी नेता हैं और वह खुद को लोकतंत्र का ज़बरदस्त समर्थक दिखाने की कोशिश करती हैं, लेकिन यह पूरी तरह से दिखावा है।” आज आलम ये है कि पाकिस्तान की सड़कों पर घूम रहा कोई मंदबुद्धि का व्यक्ति भी ऐसी कोई टिपण्णी नरेंद्र मोदी के लिए कर दे तो यही अड्डे बड़े-बड़े फीचर्ड लेखों, ओपिनियन, डीबेटों से चमक जाएंगे लेकिन  ममता बनर्जी के मामले में हिंदी-मीडिया का यह रुख सैंकड़ो सवाल खड़े करता है।

ममता बनर्जी की तानाशाही

ममता बनर्जी के इको-सिस्टम में खास बात ये है कि वहां केवल “वन-वे कम्युनिकेशन” है! वे जब चाहें किसी पर भी, कुछ भी आरोप लगा सकती हैं, किसी भी तरह की टिप्पणी कर सकती हैं लेकिन जब ऊँगली उनपर उठेगी तब वे गैर-लोकतांत्रिक तरीकों का सहारा लेंगी!

कुछ वर्षो पहले एक लाइव शो के दौरान बंगाल में महिला-अपराधों के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर ममता बनर्जी की तानाशाही इस कदर दिखी कि वे प्रश्न पूछने वाली छात्रा को ‘माओइस्ट’ और बहुत बुरा-भला कहकर शो छोड़कर भाग गई।

‘भविष्योत्तर भूत’ पर रोक लगाने के बारे में भी जब ममता बनर्जी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “मैं इसका जवाब नहीं दूंगी, मुझसे ये सवाल मत पूछिए।”

वैसे, आप देख ही रहे होंगे कि किस तरह ममता बनर्जी भाजपा नेताओं की रैलियां रुकवा देती हैं, असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहन देती है, बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए तो रेड-कारपेट बिछा रखा है और चुनाव जितने के दौरान तो दीदी के कार्यकर्ताओं के लिए खून-ख़राबा भी जायज़ हो जाता हैं।

इतना सब होने के बाद यदि कोई पत्रकार इसपर कुछ लिख दे या बोल दे तो घमंड से तृप्त ममता बनर्जी सलाख़ों का डर दिखाती हैं। 2016 में, 25 वर्षीय ज़ी-न्यूज़ की रिपोर्टर पूजा मेहता और कैमरामेन तम्मय मुखर्जी पर गैर-जमानती धाराओं के साथ एफ।आई।आर दर्ज करवाई गई क्योंकि उन्होंने धूलागढ़ के दंगो पर कवरेज की थी।

ममता की तानाशाही पर हिंदी–मीडिया का नरम रुख

वैसे इस बात को तो मानना होगा कि मीडिया का एक खास वर्ग जो केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का नारा लगाता है वह ममता बनर्जी की शासन-प्रणाली पर लिखने या बोलने की जुर्रत तक नहीं करता! इसका कारण डर, लाड, नियत, बेबसी या अनदेखी कुछ भी हो सकता है। सबके अपने-अपने कारण है!

हिंदी मीडिया की बात करूं तो पश्चिम बंगाल से ज्यादातर तभी रिपोर्ट्स आती हैं जब मुद्दा हिंदी-बेल्ट या वहां के किसी नेता से जुड़ा हुआ हो। राजनीति को थोड़ा साइड में रखे तो पश्चिम बंगाल का प्रशासन, वहां की शिक्षा-व्यवस्था, वहां की चिकित्सा-व्यवस्था, वहां की जलवायु, वहां का रोज़गार, वहां विकास, वहां के किसानों के मुद्दे, महिलाओं-युवाओं के मुद्दे सब हिंदी मीडिया से ग़ायब है! आपको कभी नज़र आ जाये तो मौका-ए-दस्तूर समझकर जश्न मनाईएगा।

आपके दिमाग में इसके पीछे बंगाली भाषा का कारण जन्म ले रहा हो तो एक बार कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों की रिपोर्टर्स की हिंदी मीडिया में जो भरमार है उस पर भी गौर कीजियेगा!

हिंदी–मीडिया और ‘भविष्योत्तर भूत’ का वाकया

15 फरवरी 2019 की रोज़ देश के इतने बड़े राज्य पश्चिम बंगाल में ‘भविष्योत्तर भूत’ रिलीज़ होती है और दूसरे ही दिन राज्य भर के सभी सिनेमा हॉल इसे हटा लेते हैं और जब इसका कारण पूछा जाता है तो जवाब मिलता है कि “हमें नहीं पता, ऊपर से आदेश है।”  दूसरी तरफ फिल्म को बंद कराने के लिए हॉल प्रबंधन पर दबाव बनाने के आरोपों को कोलकाता पुलिस मानने तक को राज़ी नहीं होती। लोकतांत्रिक देश के एक लोकतांत्रिक राज्य में इतनी बड़ी घटना हो जाती है और हिंदी-मीडिया का एक वर्ग इस घटना पर रिपोर्ट करना तक जरुरी नहीं समझते।

‘भोबिष्योतेर भूत’, ‘भविष्येर भूत’, ‘भोबिश्योतिर भूत’, ‘भबिश्योतेर भूत’, ‘भूत का भविष्य’, ‘भविष्य भूत’ और ‘भविष्योत्तर भूत’ जैसे सर्च टर्मो के जरिये जब मैंने फिल्म के रिलीज़ हो जाने के पांच दिनों बाद की खबरों का ‘गूगल सर्च’ फ़िल्टर किया तो केवल एक-दो ही मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट ही प्राप्त हुई। जिसमे ऑप-इंडिया, संजीवनी टुडे और डेली-हंट द्बारा दैनिक पुकार की इकट्ठी की गई रिपोर्ट्स ही थी।

इतने बड़े देश में, इतनी गंभीर घटना का इतने सारे हिंदी-मीडिया संस्थानों की एक उंगली पर गिनी जाने वाली वेबसाइटों पर प्रकाशित होना आपातकाल के बाद मीडिया के लिए आडवाणी जी द्वारा कही गई इस टिप्पणी को याद करता है आपसे केवल झुकने को कहा गया था, आप तो रेंगने लगे। तैमूर की हर-छोटी एक्टिविटी पर रिपोर्ट देना वाला हिंदी-मीडिया इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आ जाने तक ख़ामोश ही रहा!

‘भविष्योत्तर भूत’ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

11 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की प्रदर्शनी पर रोक लगाने को लेकर बंगाल सरकार को फटकार लगाई और  निर्माता को 20 लाख का मुआवजा देने को कहा।” इस विषय पर फैसला देते हुए जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने निर्माता इंडिबिलिटी क्रिएटिव प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्तुतिकरण से सहमति जताई कि राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस “बंगाली फिल्म की सार्वजनिक प्रदर्शनी में पूरी तरह से गैरकानूनी अवरोध” का कारण बने हैं। साथ ही पीठ ने कहा कि “हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सार्वजनिक शक्ति का स्पष्ट दुरुपयोग है। पुलिस को कानून लागू करने का काम सौंपा गया है। वर्तमान मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस अपनी वैधानिक शक्तियों से बाहर तक पहुँच गई है और यह एक ठोस प्रयास में साधन बन गई है।” पीठ ने आगे कहा कि ऐसे प्रयास कपटपूर्ण होते हैं और यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।”

हाल तक लिबरल अड्डों की ख़ामोशी

 वर्तमान में किसी फिल्म, अभिव्यक्ति की आज़ादी, राज्य सरकार और पुलिस-प्रशासन को लेकर आपने न्यायलय की इतनी कड़क टिप्पणी न तो आपने पढ़ी होगी है ना ही सुनी होगी! फिर भी मीडिया की आज़ादी के कुछ तथाकथित ठेकेदार इस पूरी घटना को छूना तक पसंद नहीं कर रहे हैं!

लोकशाही के चौथे स्तम्भ की दुहाई देते हुए यही लोग ‘पीएम नरेंद्र मोदी’, ‘इंदु-सरकार’, ‘द एक्सीडेंटलद एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और ‘पद्मावत’ के दौरान भाजपा नेताओं और उनकी सरकारों को घेर रहे  थे लेकिन ‘‘भविष्योत्तर भूत’ पर लगता है कि उनका स्तंभ डगमगा गया ।

ऐसा लगता है जैसे ये सब मानों एक सोची समझी साज़िश के तहत हुआ है। ‘प्रधानमंत्री से सवाल पूछना हमारा काम है’ जैसी बातें करने वाले लिबरल और वामपंथी विचारग्रस्त ऑनलाइन पोर्टल्स जो सुनी-सुनाई और पूर्वाग्रहों के आधार पर गंध फैलाते हैं वे इतनी बड़ी खबर पर चुप कैसे हैं?

देश के लिबरलों और वामपंथियों का यह जानकर गला रुंध जाएगा कि न्यूज़ लांड्री, द प्रिंट, कारवां, द क्विंट, फर्स्टपोस्ट जैसे पोर्टलों की हिंदी इकाइयों तथा इंडिया टुडे ग्रुप की लल्लनटॉप, आई-चौक जैसी वेबसाइटों पर कहीं भी इस फिल्म के नाम तक का जिक्र नहीं हैं। मैंने ‘‘भविष्योत्तर भूत’ से मिलते जुलते हर तरह के सर्च टर्मो का सहारा लिया लेकिन मिला कुछ नहीं।

 

सबसे ज्यादा मैं बीबीसी हिंदी से नाराज़ हूँ क्योंकि इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय संस्थान जो देश तो क्या विदेशों की भी छोटी से छोटी खबर पर अपना ओपिनियन देता है, उस पोर्टल को भी जब खंगाला तो कोई परिणाम नहीं मिला। लगता है, ध्रुव राठी के साथ न्यूज़ बनाने में बीबीसी हिंदी ज्यादा व्यस्त है!

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी’ की फिल्म वाले शीर्षक और विवेक ओबेरॉय के नरेंद्र मोदी के किरदार वाले फोटो के अंदर बड़ी चालाकी से उन्होंने ‘भोबिष्योतेर भूत’ की खबर को प्रकाशित किया है। खबर को प्रकाशित किया गया है या दबाया गया है यह अलग मसला है लेकिन 16 फरवरी की खबर को 27 मार्च तक नहीं दिखाना भी सवाल उठाता है।

भविष्योत्तर भूत ममता बनर्जी मीडिया

‘द वायर हिंदी’ ने भी कोर्ट के फैसले तक इस खबर को अपने पाठकों से छुपाये रखा। इतनी गंभीर खबर को कोर्ट के फैसले में क्या कहा गया, उतना बता कर ख़त्म कर दिया गया।

इसके अलावा जावेद अख्तरों, शबाना आजमीयों, स्वरा भस्करों, नसरुद्दीन शाहों, महेश भट्टों, कल्कि कोचलिनों, सोनम कपूरों जैसे लिबरल सेलेब्रिटियों का भारतीय फिल्म-जगत से जुड़ी इस पूरी घटना पर एक ट्वीट तक नहीं करना, अवसर-वाद और मोदी-विरोध के ज़रिये लाइमलाइट में आने की कहानी को एक बार फिरसे बयां करता है।

Tags: पश्चिम बंगालममता बनर्जी
शेयर339ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

इस बड़े काग्रेसी नेता ने की कांग्रेस में परिवार फर्स्ट पॉलिसी की पुष्टि, कहा- वाड्रा परिवार का हिस्सा, पार्टी में आने से कौन रोकेगा?

अगली पोस्ट

चीनी माफिया पाकिस्तानी लड़कियों को वेश्यावृत्ति में फंसा रहा और पाकिस्तान सब कुछ देखकर भी साधे है चुप्पी

संबंधित पोस्ट

पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा
अर्थव्यवस्था

पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

12 September 2025

बरसात के बाद पंजाब की धरती दो चेहरों वाली नजर आ रही थी। सतलुज और ब्यास की धाराएं अपने तटों पर लौट रही थीं, लेकिन...

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता
इतिहास

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

12 September 2025

अपनी पुस्तक आर्य (श्रेष्ठ) भारत का प्राक्कथन लिखते समय जो जो विचार मन में आये उन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। किसी...

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव
चर्चित

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

12 September 2025

भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम हैं, लेकिन उसकी भी एक सीमा होती है। विरोध का स्वर तेज हो सकता है, भाषा तल्ख हो सकती है,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited