लोकसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं और हर दल अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ रहा लेकिन इस बार विपक्षी दलों ने निम्न स्तर की राजनीति करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। इस बीच रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के व्यवहार से कुछ ऐसा देखने को मिला है जिसे हर नेता को अपने आचार व्यवहार में शामिल करना चाहिए। इससे आज की राजनीति में देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने इंसानियत की एक अलग मिसाल पेश की है।
दरअसल, मामला ये है कि केरल में चुनाव प्रचार करने के दौरान कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक मंदिर के ‘तुलाभरम कार्यक्रम’ में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान तराजू की चेन टूट गयी जिससे कांग्रेस नेता शशि थरूर के सिर में चोट लग गयी। उन्हें घटना के तुरंत बाद पास ही के अस्पताल में भर्ती कराया गया। थरूर को सिर में 6 टांके लगे हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
Touched by the gesture of @nsitharaman, who dropped by today morning to visit me in the hospital, amid her hectic electioneering in Kerala. Civility is a rare virtue in Indian politics – great to see her practice it by example! pic.twitter.com/XqbLf1iCR5
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) April 16, 2019
शशि थरूर को अस्पताल देखने देश की रक्षा मंत्री पहुंची और उन्हें जल्द ही ठीक होने की शुभकामना दी। इसके बाद खुद शशि थरूर ने ट्वीट करके रक्षामंत्री की तारीफ की और आभार प्रकट किया। थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट से मुलाक़ात की एक तस्वीर सांझा करते हुए लिखा – “सीतारमण के व्यवहार से अभिभूत हूं, जो केरल में चुनाव के व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर अस्पताल में आज सुबह मुझसे मिलने आईं। भारतीय राजनीति में शिष्टाचार एक दुर्लभ गुण है। उन्हें ऐसा उदाहरण पेश करते हुए देखकर अच्छा लगा।” निर्मला सीतारमण के इस व्यवहार से सिर्फ कांग्रेसी नेता ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर सभी सराहना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने तो कांग्रेस को ये तक सलाह दे डाली कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को रक्षा मंत्री के व्यवहार से कुछ सीखना चाहिए जो मनोहर पर्रिकर से उनका हाल-चाल पूछने के बहाने अपनी गंदी राजनीति का परिचय दिया था।
ये उस समय की बात है जब गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उनका हाल-चाल लेने अस्पताल गए थे। सबको लगा के राहुल गांधी बीमार मनोहर पर्रिकर का हाल जानने अस्पताल आए हैं लेकिन उनके इरादे जल्द ही सबके सामने आ गये। दरअसल, पर्रिकर से मुलाक़ात के बाद राहुल गांधी ने फिर से राफेल का राग अलापना शुरू कर दिया और मनोहर पर्रिकर को लेकर मीडिया में झूठ फैलाया। अपने आखिरी वक्त में भी मनोहर पर्रिकर को राहुल गांधी की वजह से मजबूर होकर सफाई देनी पड़ी थी.
उस समय मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा था – “मैं कल पर्रिकर जी से मिला था। उन्होंने खुद कहा था कि डील बदलते समय पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था। जब मामला तूल पकड़ा तो जवाब देने के लिए खुद बीमार मनोहर पर्रिकर को कांग्रेस को पत्र लिखना पड़ा उन्होंने ये साफ किया की राहुल गांधी और उनके बीच ऐसी कोई बातचीत हुई ही नहीं। अस्पताल में राहुल मुश्किल से 5-7 मिनट रुके थे जिस दौरान ऐसी कोई बात कर पाना संभव ही नहीं था।
Goa CM Manohar Parrikar writes to Congress President Rahul Gandhi, writes "I feel let down that you have used this visit for your petty political gains. In the 5 minutes you spent with me, neither did you mention anything about Rafale, now did we discuss anything related to it.' pic.twitter.com/HbUX6yiDk3
— ANI (@ANI) January 30, 2019
एक तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का व्यवहार और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण का व्यवहार है। दोनों के ही व्यवहार में पार्टी के शिष्टाचार और संस्कारों को दर्शाता है. एक पार्टी राजनीति से परे इंसानियत को दर्शाता है तो दूसरा सत्ता की हताशा के लिए एक बीमार व्यक्ति पर राजनीति कर रहा है। दोनों ही पार्टी के विचारों में अंतर साफ़ है । राजनीति अपनी जगह है लेकिन इंसानियत को बनाये रखना किसी भी पार्टी या उसके नेता के गुण को दर्शाता है । माना की पार्टी और सत्ता सरकार के लिए ज़रूरी है लेकिन राहुल जी इंसानियत आप हमारी रक्षामंत्री से सीख लें तो बेहतर होगा।