पिछले दिनों ही रिपब्लिक न्यूज़ के एक स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफ़ी के नाम पर राज्य के किसानों को ठगा था। रिपब्लिक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में एक कांग्रेस विधायक ने तो यह तक कहा था कि जब बच्चा 9 महीनों में पैदा होता है, तो भला कर्जमाफ़ी 10 दिनों में कैसे हो सकती है। रिपब्लिक के इस खुलासे के बाद अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अब इस बात को सार्वजनिक रूप से मान लिया है कि उनकी सरकार 10 दिनों के अंदर पूरी तरह कर्जमाफ़ी करने में असफल रही। आपको बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने यह वादा किया था कि उनकी सरकार आने के बाद सिर्फ 10 दिनों में सभी किसानों का कर्ज़ माफ कर दिया जाएगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ जब मीडिया से बातचीत कर रहे थे तो उनसे इस संबंध में सवाल पूछा गया। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा ’17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद मैं मंत्रालय गया और मैंने किसानों का कर्ज़ माफ करने के निर्देश दिये। शिवराज सिंह ने राहुल गांधी के हवाले से यह कहा कि किसानों का कर्ज़ 10 दिनों में माफ हो जाना चाहिए। मैं तो हैरान हूं कि इतने वर्षों तक राज्य का मुख्यमंत्री रहने वाला व्यक्ति 10 दिनों में कर्जमाफ़ी की बात कैसे कह सकता है? राहुल जी ने कहा होगा कि 10 दिनों में कर्ज़ को माफ कर दिया जाएगा, लेकिन 10 दिन नहीं, मैंने तो मुख्यमंत्री बनने के 2 घंटे के अंदर-अंदर निर्देश दे दिये थे। मेरे हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है, यह समान्य प्रक्रिया है’।
कमलनाथ अपने वादों को ना निभाने का ठीकरा चुनावों पर फोड़ते भी नज़र आए। उन्होंने बहाना बनाया कि चुनावों की वजह से कर्जमाफ़ी प्रक्रिया में बाधा पड़ गई और अब चुनावों के बाद ही इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जा सकेगा। अब जब कमलनाथ ने अपनी सरकार की विफलता को मान लिया है, तो इससे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पाखंडता का भी पर्दाफाश होता है। दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के मात्र 2 दिनों के अंदर ट्वीट किया था ‘हो गया, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में किसानों का कर्ज़ माफ कर दिया गया है। हमने 10 दिनों का समय मांगा था, लेकिन 2 दिनों में ही हमने करके दिखा दिया’।
It's done!
Rajasthan, Madhya Pradesh & Chhattisgarh have waived farm loans.
We asked for 10 days.
We did it in 2.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 19, 2018
इन लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी भी मध्यप्रदेश सरकार की इस ‘उपलब्धि’ पर जमकर छाती ठोकते नज़र आ रहे हैं। हालांकि जब उनके मुख्यमंत्री ने खुद अपनी सरकार की नाकामी को जाहिर कर दिया है, तो अब हमें लगता है कि राहुल गांधी को भी देश के किसानों से माफी मांग लेनी चाहिए। कांग्रेस ने देश के किसानों के कर्जमाफ़ी के नाम पर राजनीति को जमकर की, हालांकि उनकी समस्याओं को हल करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। देश के गरीब किसान एक बार फिर कांग्रेस की झूठ की राजनीति के पीड़ित बने हैं, हालांकि देश में लोकसभा चुनाव जारी है और उनके पास उन्हें ठगने वाली पार्टी को मुंहतोड़ जवाब देने का एक सुनहरा मौका है।