TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कभी सबसे महान नगर, आज बस एक साधारण शहर – कहानी कोलकाता के पतन की

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
23 June 2019
in मत
कभी सबसे महान नगर, आज बस एक साधारण शहर – कहानी कोलकाता के पतन की

(PC: Kolkata Tourism)

Share on FacebookShare on X

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

संबंधितपोस्ट

सांस लेने में तकलीफ हुई तो इनहेलर देकर किया रेप: कोलकाता की लॉ स्टूडेंट की डरावनी आपबीती

कोलकाता लॉ कॉलेज रेप के मुख्य आरोपी ने RG Kar रेप केस में रेपिस्टों के लिए मांगी थी फांसी

TMC में संकट! कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में कैसे दो फाड़ होती जा रही है पार्टी?

और लोड करें

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,

शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

-दुष्यंत कुमार

कविवर दुष्यंत कुमार ने उक्त पंक्तिओं में यह बताया है कि भ्रष्टाचार से जनता के हृदय के अंदर जो दुःख और पीड़ा पनप रही है, वो अंदर ही अंदर बढ़ती जा रही है । ये पीड़ा इतनी बढ़ गयी है कि इसने एक पहाड़ का रूप ले लिया है और यह पहाड़ अब पिघलना चाहिए ताकि वह दुःख व्यक्त हो सके और एक समाधान की तरफ उन्मुख हो सके। जिस प्रकार से गंगा वेग से बहते हुए अपनी प्रबल धारा से आसपास की सारी गन्दगी को बहा ले जाती है उसी प्रकार से जनता के दुःख से बने हिमालय से एक ऐसी क्रांति रुपी गंगा बहे जो अपने प्रबल बहाव में समाज और राजनीति की सब कुरीतियों और बुराइओं को बहा ले जाए और समाज को फिर से पवित्र कर दे। यह पंक्ति पश्चिम बंगाल कि राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिय सटीक बैठती है। इतिहास हमें बताता है कि वास्तव में  बंगाल कितना समृद्ध था। लेकिन वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकारों द्वारा लगातार नष्ट कर दिया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के एक भाषण में कहा था कि राष्ट्र की जीडीपी में राज्य की हिस्सेदारी स्वतंत्रता के समय 25 प्रतिशत थी और अब यह मात्र 4 प्रतिशत है। तो सवाल यह है कि पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था के इस विनाश के लिए किसे दोषी ठहराया जाए? राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित सामाजिक-आर्थिक नीतियां या राज्य की अक्षम सरकारें?  दुर्भाग्य से, इन दोनों ने ही देश के सबसे अमीर राज्यों में से एक पश्चिम बंगाल को गरीबी में ढकेल दिया।

अगर हम दुनिया भर की राजनीतिक अर्थव्यवस्थाओं के इतिहास को देखें, तो गरीबी और साम्यवाद का साथ चोली-दामन के साथ जैसा है। साम्यवाद जब किसी देश या क्षेत्र में आता है, तो उसके बाद  गरीबी, सत्तावाद, बोलने की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और फिर तानाशाही का दौर निश्चित आता है।

कम्युनिज्म का अभिशाप भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में लगभग चार दशक पहले 1977 में पहुंचा और राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सामर्थ्य को नष्ट कर दिया। 34 साल बाद जब वाममोर्चा सरकार के पतन हुआ तो राज्य में उस तृणमूल कांग्रेस के शासन ने स्थान लिया जिसका नेतृत्व ममता बनर्जी करती है और उन्हें वैचारिक रूप से ‘वामपंथियों का वामपंथी’  माना जाता है। 

वामपंथियों के शासन के दौरान, व्यापारी और उद्योगपतियों की उत्पीड़न आम घटना थी। कम्युनिस्ट नेताओं ने उद्योगपति को ‘बुर्जुआ’ के रूप में बदनाम किया और उन्हें किनारे कर दिया।

 कुल औद्योगिक उत्पादन में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी 1980-81 में 9.8 प्रतिशत से घटकर आज केवल 5 प्रतिशत रह गई है। जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा 1981-81 में 21 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत हो गया है। राज्य का बैंक डिपॉजिट 11.4 प्रतिशत से घटकर 7 प्रतिशत हो गया। बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर पश्चिम बंगाल का सूचकांक 1980 में 110.6 था, जिसका अर्थ है कि देश के बाकी हिस्सों की तुलना में 10.6 प्रतिशत बेहतर था और यह आज यह 90.8 अंक तक गिर गया। वहीं दूसरी ओर, ओडिशा ने 81.5 से 98.9 अंक तक का सुधार किया। स्वास्थ्य और शिक्षा संकेतकों पर राज्य पिछले कुछ दशकों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में राज्यओं में एक रहा है। 1980 में मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) पर पश्चिम बंगाल भारतीय राज्यों की सूची में आठवें स्थान पर था और 2018 में 28 वें स्थान पर फिसल गया।

यहां ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि कलकत्ता (अब कोलकाता) के स्वतंत्रता के पूर्व और आजादी के शुरुआती वर्षों में एक औद्योगिक केंद्र होने के बावजूद,  उद्योगों पर मारवाड़ी और गुजरातियों का स्वामित्व था। इनमें से कुछ व्यापारी मुगल काल से बंगाल में काम कर रहे थे।

जब कम्युनिस्ट शासकों ने इन गुजराती और मारवाड़ी व्यापारियों को परेशान करना शुरू कर दिया, तो उनमें से अधिकांश दिल्ली और मुंबई जैसे देश के अन्य हिस्सों में चले गए। यहीं से कोलकाता की आर्थिक गिरावट की शुरुआत हुई।

वामपंथियों ने पश्चिम बंगाल को एक शहर आश्रित-राज्य में बदल दिया और बिना ढांचागत विकास के कोलकाता का भौगोलिक विस्तार करना चाहा। सरकार ने फेरीवालों को फुटपाथ पर अतिक्रमण का मौका दिया जिससे सड़के संकरी ओर सीमित होती गयी। साथ ही लगभग 5,000 की संख्या वाले कोलकाता की स्लम-बस्तियों के प्रबंधन में भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

राज्य सरकार ने पब्लिक स्कूलों में छठी कक्षा तक अंग्रेजी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया जबकि कम्युनिस्ट नेताओं ने अपने बच्चों को निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अध्ययन कराया। पूंजी और उद्योग के लिए कम्युनिस्ट सरकार के तिरस्कारओं ने कई व्यापारिक घरानों को कोलकाता से बाहर कर दिया और नए व्यवसाय के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया।

आज,  हजारों मध्यम वर्ग के बंगाली लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी, मीडिया और मनोरंजन तथा अन्य कॉर्पोरेट क्षेत्रों में पेशेवर काम करते देखा जा सकता है। देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में आधुनिक शिक्षा की शुरुआत के कारण राज्य में मानव संसाधन की प्रचुरता है। लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग और वित्त कंपनियों जैसे आधुनिक सेवा उद्योगों को पश्चिम बंगाल में पूंजी के प्रति वाम मोर्चा सरकार की उदासीनता के कारण स्थापित होने का मौका नहीं मिल पाया। कठोर श्रम कानून, भ्रष्टाचार,  और संघवाद जैसे अन्य कारकों ने पश्चिम बंगाल के शहरों को विशेष रूप से कोलकाता से उद्यमों को दूर रखा।

कोलकाता की स्थिति पुणे और हैदराबाद जैसी हो सकती थी जो आर्थिक और सेवा क्षेत्र के केंद्र माने जाते है। आज जो स्थान आर्थिक राजधानी के रूप में मुंबई को प्राप्त है वही स्थान लगभग चार दशक पहले कोलकाता की थी। मध्यवर्गीय बंगालियों ने अवसरों की तलाश में राज्य के बाहर जाना उचित समझा। लगभग सभी बड़ी कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन पदों पर परिचित उपनामों वाले बंगाली पेशेवरों को पाया जा सकता है। भारत के अन्य शहरों में बंगाली समाज कामयाब हुए वही कलकत्ता की हालत ओर खराब होती गयी।

PC: PwC

जैसा कि उपरोक्त चित्र में देखा जा सकता है, कोलकाता 1950 में भारत का सबसे बड़ा शहरी समूह था। तब कोलकाता अपने आर्थिक अवसरों के कारण महत्वाकांक्षी और प्रतिभाशाली लोगों के लिए जीवनयापन का आकर्षक केंद्र था। लेकिन 1990 आते-आते वह मुंबई से पिछड़, दूसरे स्थान पर फिसल गया। दिल्ली इस सूची में 15 वें स्थान पर रही।

आजादी के समय दिल्ली टॉप 30 में भी नहीं था। 2007 तक यह शहर तीसरे स्थान पर पहुँच गया। यह अनुमान है कि मुंबई और दिल्ली 2025 तक आबादी के आधार पर दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर होंगे जबकि कोलकाता आठवें स्थान पर रहेगा। दिल्ली और मुंबई की तुलना में कोलकाता का पतन का कारण वहाँ आर्थिक अवसरों की कमी है जिसके वजह से लोग वहाँ जाने से कतराते लगे और वहाँ के निवासी भी पलायन कर रहे है।

PC: PwC

आजादी के समय, कोलकाता देश के सबसे उत्पादक शहरों में से एक था। पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई 2025 तक जीडीपी (क्रय शक्ति समानता) शहरों में 594 बिलियन डॉलर के साथ 10 वें स्थान पर होगा और दिल्ली 482 बिलियन डॉलर के साथ 19 वें स्थान पर होगा जबकि कोलकाता सूची में भी नहीं दिखाई देता है।

राज्य सबसे कम औद्योगीकृत राज्यों में से है और हर सामाजिक-आर्थिक संकेतक में बहुत नीचे हैं। आजादी के समय इस राज्य की सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय हुआ करती थी, लेकिन अब यह 19 वें स्थान पर फिसल गया है। यह डेटा बताने के लिए पर्याप्त है कि पिछली सरकारों ने कितना बुरा प्रदर्शन किया था। स्वतंत्रता के समय, इसने भारत के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई उत्पादन किया, और अब यह गुजरात के पीछे छठे स्थान पर है, जिसकी आबादी पश्चिम बंगाल से लगभग आधी है।

ममता बनर्जी लोगों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के बारे में बात करती हैं, लेकिन कठोर तथ्य यह है कि राज्य में देश में जीएसडीपी अनुपात (जीडीपी अनुपात के लिए ऋण) में सबसे खराब करों में से एक है।

PC: Livemint

सवाल बहूत सीधा है, अगर सरकार के पास पैसा नहीं है, तो वह स्वास्थ्य, शिक्षा और पीडीएस जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर कैसे खर्च करेगी? दूसरी ओर, राज्य कर्ज के बड़े ढेर पर बैठा है, जो मुख्य रूप से पिछली वाम मोर्चे की सरकार के कारण जमा हुआ है। ममता बनर्जी ने भी इसमें योगदान दे दिया है।

राज्य के पास सबसे कम पूंजी व्यय है। यह समस्या सरकार द्वारा अकुशल कल्याण योजनाओं पर अधिक राजस्व व्यय के कारण है। राजस्व बढ़ाने में असमर्थता और राजस्व व्यय पर निगरानी रखने की प्रवृत्ति ने राज्य में पूंजीगत व्यय को कम कर दिया है। कम पूंजी व्यय से राज्य के विकास पथ की स्थिरता, साथ ही राज्य की ऋण-जीडीपी अनुपात को कम करने की क्षमता को खतरा होता है।

PC: Livemint

वाम मोर्चा सरकार का प्रदर्शन इतना खराब रहा है कि अमर्त्य सेन जैसे वामपंथी झुकाव वाले अर्थशास्त्रियों ने राज्य के डी-औद्योगीकरण के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। “बंगाल में वामपंथ ने औद्योगीकरण को नष्ट करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। केवल जब उन्होंने तय किया कि नीतियों को बदलना होगा, तो लोगों ने सरकार को बदलने का फैसला किया। मुझे लगता है कि जिस तरह से वामपंथी दल एक मुद्दे पर सोचते हैं, उससे कुछ समस्या है, ”2016 में सेन ने कहा।

वाम मोर्चे और टीएमसी ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है और राज्य को विकास के पथ पर वापस लाने के लिए एक शासन परिवर्तन आवश्यक है। अब, केवल एक शासन परिवर्तन  ‘अमर सोनार बांग्ला’ के सुनहरे दिनों को वापस ला सकता है। अगर कोलकाता भारत की ‘आर्थिक राजधानी’ की स्थिति को पुनः प्राप्त करना चाहता है, तो पश्चिम बंगाल को राज्य और शहर पर शासन करने के लिए बेहतर लोगों और पार्टियों का चुनाव करना सीखना होगा।

Tags: कोलकाताममता बनर्जी
शेयर271ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

इसलिए भारत को चाहिए एक से ज़्यादा टाइम ज़ोन

अगली पोस्ट

गौतम गंभीर की पारी की शुरुआत सीसीटीवी लगाने के साथ शुरू और साथ ही केजरीवाल को एक शानदार जवाब

संबंधित पोस्ट

देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?
मत

देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

1 July 2025

इस बार दिल्ली प्रवास के दौरान एक मित्र ने पूछा कि देश हित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का पैमाना क्या है?...

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति
इतिहास

25 जून 1989 का ‘मोगा नरसंहार’: संघ के स्वयंसेवकों के अमर बलिदान की स्मृति

25 June 2025

25 जून एक ऐसी तिथि है जिसे देश शायद ही कभी भूल पाये। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि इंदिरा गाँधी ने देश को आपातकाल...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’
भारत

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

22 June 2025

इस 21 जून को सम्पूर्ण विश्व ने ‘योग दिवस’ मनाया । योग दिवस ‘वसुंधरा परिवार हमारा’ इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करता है । सरल...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited