भारतीय सेना के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब सेना का प्रमुख हथियार एके-47 पहले से और ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। नाइट विज़न, होलोग्राफिक साइट, फ्लैश लाइट, लेजर बीम जैसे weapon speciality kits से इसे और घातक बनाने की तैयारी चल रही है। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार सेना ने एके47 में यह नई किट लगा कर इसे अपग्रेड करने का फैसला किया है।
इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। सैनिकों के सामने बदलते परिदृश्य और आतंकवादियों द्वारा अपनायी जा रही नई तकनीक के कारण यह फैसला किया गया है। सामान्यत: इन्सास प्रयोग करने वाली भारतीय सेना आतंकवाद रोधी ऑपरेशन के लिए एके 47 के विभिन्न प्रारूपों का प्रयोग करती है। और इस weapon speciality kit के जुडने से भारतीय सेना को आतंकवादियों से लड़ने में और अधिक दक्षता हासिल होगी।
इस किट में टेक्टिकल फ्लैशलाइट, फाइबर रीइन्फोर्स्ड़ पिस्टल ग्रिप, स्विंग स्वेवल अटैचमैंट, पॉलीमर रेल्स, रबराइज्ड पिस्टल फॉर फ्रंट ग्रिप, चीक रेस्ट, और पोइंटिंग ग्रिप लगेगा। इन उपकरणों को आवश्यकता पड़ने पर राइफल से जोड़ा और हटाया भी जा सकता है। इसके लिए किसी वर्कशॉप की आवश्यकता भी नहीं होगी।
भारतीय सेना इन्सास को उसके कम मारक क्षमता और अन्य तकनीकी कारणों से हटाने की मांग करती रही है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने फरवरी में 72000 SIG 716 असाल्ट राइफल का अमेरिकी कंपनी सिग सोअर से सौदा तय किया था। यह राइफल इंसास के स्थान पर प्रयोग में लाया जाएगा। भारतीय सेना ने पिछले एक दशक में सिर्फ इज़रायली तवोर TAR 21 5.56mm असाल्ट राइफल ही प्राप्त की है जो स्पेशल फोर्स और राष्ट्रीय राइफल्स के दस्ते आतंक-रोधी कार्रवाई में प्रयोग करते है।
इससे पहले जनवरी में भारतीय सेना ने पीओके और लाइन ऑफ कंट्रोल के आस-पास तैनात सैनिकों के लिए Barrett M95 and Beretta Victrix Minerva Scorpio TGT स्नाइपर राइफल का भी कांट्रैक्ट किया था। वहीं अक्तूबर 2017 में रक्षा मंत्रालय ने 7 लाख राइफल, 44000 लाइट मशीन गन और लगभग 44,600 कार्बाइन को हासिल करने की भी हरी झंडी दे दी थी।
मोदी सरकार ने पिछले पांच सालों के दौरान सेना को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। नौ साल के बेहद लम्बे इंतज़ार के बाद भारतीय सेना को इसी वर्ष बुलेट-प्रूफ जैकेट भी मिलने शुरू हो गए हैं। इन 1.86 लाख जैकेटों के लिए सरकार ने पिछले साल ही एक प्राइवेट कंपनी SMPP प्राइवेट लिमिटेड से 639 करोड़ रुपये की डील साइन की थी। दो दशकों के इंतज़ार के बाद अब आर्मी को मोदी सरकार के प्रयासों के कारण बुलेटप्रूफ हेलमेट भी मिलने लगें हैं। यह हेलमेट भी भारत में ही कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी बना रही है। आपको बता दें कि यूपीए की सरकार ने सेना की काफी अनुरोध के बाद भी यह हेलमेट और जैकेट मुहैया कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था। मोदी सरकार का सेना को सशक्त करने का यह निर्णय सराहना के योग्य है। आने वाले पांच सालों में हमें ऐसे और कदम देखने को मिल सकते हैं।