अनुच्छेद 370 हटाने के क्रम में केंद्र सरकार ने एहतियातन जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती हो डिटेन किया था। मोदी सरकार के इस कदम से इन नेताओं के बड़े-बड़े बोल ज्यों के त्यों रह गये। इस बीच अब इन्हीं नेताओं में से एक अब्दुल्ला परिवार से जुड़ा एक वीडियो चर्चा में है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया जो अब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में जम्मू-कश्मीर के ही एक नेता सज्जाद लोन फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की संपत्ति से जुड़े कई खुलासे करते हुए नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो में उन्होंने बताया कि कैसे इस परिवार के पास बिना किसी नौकरी और कारोबार के ही इतना धन हो गया कि वह करोड़ो के मालिक बन गये हैं और डीलक्स बंगलों में रहने लगे। सज्जाद लोन सवाल कर रहे हैं कि जब इस परिवार के किसी सदस्य ने कोई नौकरी नहीं कि तो फिर कैसे उनके पास बड़े-बड़े शहरों यहां तक कि विदेश में आलीशान बंगले हैं। इनका बंगला लंदन में भी है, फ़्रांस में भी है और दिल्ली में भी है। यह परिवार इतना अमीर कैसे हो गया? शेख साहब केवल एक शिक्षक थे, ऐसे में उनके बेटे और पोते बिना किसी नौकरी के ही करोड़ो की संपत्ति के साथ साथ 2-3 गाड़ियों के मालिक कैसे बन गए?
यह स्पष्ट है कि अब्दुल्ला परिवार ने कश्मीर की जनता को लूटा है और कश्मीर के विकास की बजाय अपने व्यक्तिगत विकास पर ज्यादा जोर दिया और विदेशों में धन जमा करते रहे।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार तीन पीढ़ियों से राज करता आ रहा है। पहले शेख अब्दुल्ला, फिर उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला और अब तीसरी पीढ़ी उमर अब्दुल्ला।
शेख अब्दुल्ला आजादी के बाद जम्मू कश्मीर के दूसरे मुख्यमंत्री और नेशनल कॉनफ्रेस के संस्थापक हैं। भारत में जम्मू कश्मीर का विलय करवाने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है लेकिन उन्होंने ही कश्मीर में अपना राज़ स्थापित करने के लिए ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ मर्जर’ के स्थान पर अनुच्छेद 370 संविधान में शामिल करवाया ताकि उस राज्य पर भारत की केंद्र सरकार की पकड़ न रहे और उनका और उनकी आने वाली पीड़ी आराम से राज कर सके।
शेख अब्दुल्ला एक कश्मीरी शॉल के व्यापारी के पुत्र थे लेकिन आज उनके पुत्र और पौत्र करोड़ो के मालिक है व देश विदेश में इनके अनेकों महंगे बंगले है। यह सिर्फ एक संयोग नहीं है और न ही यह व्यापार या नौकरी से कमाई गयी दौलत है बल्कि जम्मू-कश्मीर की जनता से लूटा हुआ धन है।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फारुक अब्दुल्ला के पास वर्ष 2009 के आम चुनाव में 9 करोड़ 78लाख से अधिक की संपत्ति थी। वर्ष 2014 की लोकसभा चुनाव में यह बढ़कर 14 करोड़ हो गयी थी। पेशे से डॉक्टर फारुक साहब किसी रोगी का इलाज नहीं करते है लेकिन 5 वर्षों में ही 5 करोड़ की वृद्धि का कोई कारण नज़र नहीं आता सिवाय भ्रष्टाचार के। बता दें कि फारुक अब्दुल्ला 1980 और 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके है। हालांकि, यह केवल अब्दुल्ला सीनियर की संपत्ति है। उन्होंने 1990 से ही अपनी पत्नी की संपत्ति का ब्यौरा यह कहकर नहीं दिया है कि वह लंदन में रहती हैं, लेकिन लंदन जैसे शहर में रहने वाली कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी के पास संपत्ति न हो इसे हजम करना काफी मुश्किल है। इससे साफ पता चलता है कि वह चुनाव आयोग को गुमराह करने का प्रयास करते रहे हैं।
एक रिपोर्ट की माने तो फारुक अब्दुल्ला की मौजूदा संपति 23 करोड़ हो चुकी है यानि पिछले 5 वर्ष में फारुक की संपत्ति 10 करोड़ बढ़ी है। बता दें कि बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिये थे। फारुख अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहते हुए ही राज्य क्रिकेट संघ में 43 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। जब यह घोटाला सामने आया तो इस मामले में सीबीआई ने फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ षड्यंत्र और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोप लगाते हुए अदालत में चार्जशीट दायर की थी। यही नहीं प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में फारूक अब्दुल्ला से 6 घंटे तक पूछताछ भी कर चुकी है।
वर्ष 2002 तक, उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक राज्य के मुख्यमंत्री को आवंटित किये गये घर में, एक ही छत के नीचे रहते थे। लेकिन बाद में वो उमर पास के ही एक बंगले में चले गए। अपने पिता की तरह ही उमर अब्दुल्ला के पास भी संपत्ति कम नही होगी लेकिन चुनाव आयोग के घोषणा पत्र में उन्होंने सिर्फ 65 लाख की संपत्ति घोषित की है। उमर अब्दुल्ला कोर्ट के आदेश के तहत अपनी बीवी-बच्चे एक लाख महीने का गुजारा भत्ता देते हैं लेकिन ये रुपये कहां से आते हैं इसका विवरण उमर अब्दुल्ला ने नहीं दिया है।
सज्जाद लोन से जुड़े वीडियो और अन्य ममलों को देखकर तो यही लगता है कि करोड़ो की संपत्ति के मालिक बनकर बैठा अब्दुल्ला परिवार वास्तव में कश्मीर की जनता के विकास के लिए दिए गये धन को गबन कर बैठा है। और कश्मीरी कभी इस परिवार के स्वार्थ को समझ ही नहीं सके।
Only 2-3 families in Kashmir amassed all the wealth… Even politicians in Kashmir are asking how?! #Article370 pic.twitter.com/UmgUPFvC7L
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) August 8, 2019