एक तरफ जहां कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान पूरी दुनिया और खासकर इस्लामिक देशों से मदद की गुहार लगा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ इस्लामी सहयोग संगठन के सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की आगामी यात्रा के लिए उनके स्वागत की तैयारी करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, यूएई तो पीएम मोदी को यूएई का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित करने की योजना बना चुका है। इन मुस्लिम देशों द्वारा पीएम मोदी के सम्मान से यह स्पष्ट हो चुका है कि पाकिस्तान की इस्लामी देशों में भी कोई हैसियत नहीं रह गई है और सभी देश कश्मीर मुद्दे पर खुलकर भारत का समर्थन कर रहे हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन की तीन दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जिसकी शुरूआत 23 अगस्त से होगी। पीएम मोदी इस दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और परस्पर हित के वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी 25 तारीख को फ्रांस जाएंगे। बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर UNSC में फ्रांस ने खुलकर भारत का समर्थन किया था, और ठीक इसके बाद पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से ही केंद्र सरकार का ध्यान अरब देशों के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को बेहतर करने पर रहा है। उसमें यूएई सबसे पहले नंबर पर आता है और यूएई का भारत के साथ अच्छे रिश्ते होना स्वाभाविक भी है। यूएई में भारतीय मूल के लगभग 25 से 30 लाख लोग रहते हैं और इन लोगों का यूएई के आर्थिक विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा है।
यही कारण है कि यूएई भी कूटनीतिक लिहाज से भारत को प्राथमिकता देता आया है। इसका एक उदाहरण हमें इस वर्ष जून में भी देखने को मिला था जब ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंध के बाद यूएई ने भारत की कच्चे तेल की मांग की पूर्ति करने का भरोसा दिया था।
उस वक्त यूएई के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा था कि, ‘यूएई ने भारत से वादा किया है और आश्वासन दिया है कि वह ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद तेल की किसी भी कमी को कवर करेंगे। हमने पहले भी ऐसा किया है और आगे भी करेंगे।’ इतना ही नहीं, भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार छीनने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के फैसले के बाद यूएई उन सबसे पहले देशों में से एक था जिन्होंने खुलकर भारत का समर्थन किया था। यूएई ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि कश्मीर मुद्दा पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है।
यूएई द्वारा भारत का समर्थन करना इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि भारत ने अरब देशों के साथ अपनी कूटनीति को प्राथमिकता दी है। पीएम बनने के बाद वर्ष 2015 में पीएम मोदी 34 सालों में यूएई का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। वर्ष 2018 में भारत और यूएई की सरकार ने रेल सेक्टर में तकनीकी सहयोग के लिए एक ‘मेमोरेंडम ऑफ अण्डरस्टैंडिंग’ पर भी हस्ताक्षर किये थे।
वर्ष 2019 के चुनावों से पहले भी पीएम मोदी ने इस देश का दौरा किया था जहां उनको यूएई के राष्ट्रपति ने देश के सबसे उच्च नागरिक पुरस्कार ‘ज़ायद मैडल’ से पुरुस्कृत करने की घोषणा की थी। मोदी सरकार ने खाड़ी देशों के साथ संतुलित कूटनीतिक को लगातार जारी रखा, और यही कारण है कि देश में खाड़ी देशों का पहला हिन्दू मंदिर भी बनाया जा रहा है। अब कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन कर और पाकिस्तान को किनारे कर यूएई ने भारत के साथ मजबूत होते रिश्तों का एक और प्रमाण दिया है।