मुंबई के गोरेगांव क्षेत्र में स्थित आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो के कार डिपो के निर्माण पर जिस तरह विरोध अभियान सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है, उसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। एमएमआरसी मेट्रो लाइन-3 के लिए एक मेट्रो कार डिपो का निर्माण कर रही है। यह मेट्रो लाइन कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज के बीच बनाई जाएगी। इस डिपो के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने भी हरी झंडी भी दे दी। परंतु पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं से जुड़े एक्टिविस्ट्स ने इस मामले को तिल का ताड़ बना दिया और पूरे मुंबई भर में इसके विरुद्ध अभियान चलाये गए, जिसके कारण इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी गयी है।
मुंबई में जगह की कमी से कोई अनभिज्ञ नहीं है, और इसका पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पहले से ही बहुत दबाव और निकट पतन के बोझ तले दबा हुआ है। ऐसे में शहर के लोगों की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़े ओवरहाल की आवश्यकता है, परंत मेट्रो कार शेड के निर्माण के विरोध ने कई बॉलीवुड हस्तियों और राजनेताओं के दोहरे मापदण्डों का खुलासा किया है। इस विकास परियोजना के विरोध में चलाये जा रहे अभियान संभवतः एक पेड (Paid) अभियान की ओर संकेत दे रहा है। उदाहरण के लिए दीया मिर्जा और मनोज बाजपेयी ने परियोजना के ट्वीटस देखिये जो एक जैसे हैं:
Aarey Forest in Mumbai, Aravalli hills in Gurgaon, the Bullet Train project… destroying green cover for “development” is going to have devastating consequences. It’s time we strike back. Join the #GlobalClimateStrikeIndia in your city from Sep 20-27. #ChangeIsComing
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) September 19, 2019
#Aarey Forest in Mumbai, #Aravalli hills in Gurgaon, the #BulletTrain project… destroying green cover for “development” is going to have devastating consequences. It’s time we strike back! Join the #GlobalClimateStrikeIndia in your city from Sep 20-27. #ChangeIsComing
— Dia Mirza (@deespeak) September 19, 2019
दोनों ही ट्वीट बड़े ही कम समय के अंतराल, और लगभग समान टेक्स्ट के साथ ही लिखे गए हैं। अगर इतना काफी न हो, तो शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र एवं शिव सेना के नेता आदित्य ठाकरे के इस विरोध को भी देख लीजिये–
https://twitter.com/abhijeet_dipke/status/1173575292134158336
अब भला कांग्रेस के नेता जैसे पीछे रहते, कांग्रेस नेता ने भी बहती गंगा में हाथ धोने हेतु आरे में वनों की कटाई का विरोध करना शुरू कर दिया। वनों को बचाने के नाम पर वे एक विकास परियोजना को रोकने के हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। परंतु यहां पर इन सितारों के लिए एक ही कथन सबसे फिट बैठता है और वो है, ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’
ऐसा इसलिए क्योंकि रॉयल पाल्म्स कॉलोनी और आरे कॉलोनी के ही पास में निर्मित फिल्म सिटी को कई पेड़ काटकर ही बनाया गया है, और रोचक बात तो यह है कि इन्हीं इलाकों में रहने वाले या प्रॉपर्टी का स्वामित्व रखने वाले लोग भी आरे के वनों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। इसी हिपोक्रिसी के लिए सोशल मीडिया पर ऐसे अवसरवादी लोगों को जमकर खरी खोटी सुनाई गयी –
People who live/work in the blue circle are saying that construction of Metro shed in red circle is bad for the environment and wildlife. pic.twitter.com/JgC5h1mZwc
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) September 19, 2019
Pic 1 is telling Pic 2 that they are being selfish and anti-environmentalist to support Mumbai Metro. pic.twitter.com/4tF2GaN6AF
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) September 19, 2019
Lives in a beach-front building constructed after cutting dozens of trees, but that doesn't stop MrsUnfunnyBones from furthering baseless propaganda against Metro. pic.twitter.com/QNnkTtnlJ7
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) September 19, 2019
https://twitter.com/anirudhganu/status/1174715780342136833
Let me give you an example of the brazen hypocrisy of opposition parties & Bollywoodiyas. Royal Palms is located deep inside Aarey Colony, next to protected forest of SGNP. In 2009, Royal Palms built a 422 room hotel there. Who inaugurated it? The then CM 'Adarsh' Ashok Chavan! pic.twitter.com/4AggcedQnN
— Spaminder Bharti (@attomeybharti) September 8, 2019
जब अमिताभ बच्चन ने अप्रत्यक्ष रूप से मेट्रो शेड के निर्माण का समर्थन किया, तो उन्हें कथित विरोधियों ने खूब खरी खोटी सुनाई। परंतु यदि ट्वीट को ध्यान से देखें, तो अमिताभ बच्चन ने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए एक यथार्थवादी उपाय निकालने की बात कही है –
T 3290 – Friend of mine had a medical emergency, decided to take METRO instead of his car .. came back very impressed .. said was faster, convenient and most efficient .. 👍
Solution for Pollution ..
Grow more trees .. I did in my garden .. have you ❤️— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) September 17, 2019
स्वयं एमएमआरसी के एमडी ने स्पष्ट किया है कि अफवाहों के मुक़ाबले आरे कॉलोनी के कुल 1300 हेक्टेयर में से केवल 25 हेक्टेयर के भूमि की ही आवश्यकता है –
First of all Arey land is a grazing land that belongs to Dairy development dept of the state govt and not forest. Total area is 1300 Ha. Only 25 Ha is required for metro car depot. Sometimes this land is deliberately confused with Borivali national park. It is not the same.
— Ashwini Bhide (@AshwiniBhide) March 7, 2019
https://twitter.com/dhaval241086/status/1169970180606218242
https://twitter.com/dhaval241086/status/1169972128755539969
इन ट्वीट्स के अनुसार यदि 2700 पेड़ काटे जाएंगे, तो 460 को ट्रांसप्लांट किया जाएगा और 13000 पौधों को वहाँ पर लगाया भी जाएगा –
Total tress affected for car depot are 2700 of which CO2 absorption capacity would be 80 to 90 Ton per year. Metro 3 once commissioned would reduce 2.25 lakh ton CO2 and other oxides of Carbon and Nitrogen per year. This estimation is done by independent auditors of UNFCC.
— Ashwini Bhide (@AshwiniBhide) March 7, 2019
मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट का लगभग 48 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मेट्रो कार डिपो के बिना यह प्रोजेक्ट चालू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद भी इन एक्टिविस्ट्स के कारण एक अहम विकास परियोजना पर ताला लग सकता है, जिससे कई मुंबईवासियों को दिल्लीवासियों की तरह आवाजाही में आसानी होगी। सूत्रों के मुताबिक अब तो यह खबरें भी आ रही हैं कि कुछ कैथोलिक विद्यालयों में बच्चों को अपने अभिभावकों के जरिये इस प्रोजेक्ट के विरोध में अभियान चलाने के लिए बरगलाया जा रहा है, जिससे इस विरोध अभियान की पोल परत दर परत खुलती नज़र आ रही है। जिस तरह से ये सितारे और नेता इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा डाल रहे हैं, वो न सिर्फ इस प्रोजेक्ट के लिए हानिकारक है, अपितु देश के लिए भी हानिकारक है!