देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट कोर्स के छात्र आजकल ICAI यानि the ‘Institute of Chartered Accountants’ से नाराज़ चल रहे हैं। छात्र इसको लेकर इस हफ्ते सोमवार से ही ICAI के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में ICAI के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को ICAI के अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता कर बताया कि संस्थान की परीक्षा प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी और फुलप्रूफ है। इसके बाद ICAI ने शाम को इस मामले को देखने के लिये एक स्वतंत्र समिति बनाने का भी ऐलान किया, जो सीए की परीक्षा प्रणाली के अलावा रेगुलेशन व नियम 39(4) की भी समीक्षा करेगी। ICAI की इस प्रतिक्रिया के बाद छात्रों ने अपने प्रदर्शन को फिलहाल खत्म कर दिया है। हालांकि, इस दौरान देश की मुख्यधारा मीडिया ने जहां इन छात्रों के समर्थन में कोई आवाज़ नहीं उठाई, तो वहीं रवीश कुमार जैसे कुछ निष्पक्ष पत्रकारों ने इन सीए छात्रों के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।
दरअसल, ये सीए छात्र अपने हक के लिए आज से नहीं, बल्कि कुछ सालों से लगातार ICAI के छात्रविरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। क्या आपको पता है इन सीए छात्रों के पास अपनी कॉपियों के पुनः जाँच का अधिकार नहीं है। यानि एक बार अगर किसी छात्र को एक उत्तर के लिए नंबर दे दिये गए, तो उसका पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, फिर चाहे वह गलत ही क्यों ना हो! इन छात्रों की ICAI से 5 प्रमुख मांगें हैं:
- उन्हें अपनी कॉपियों के पुनः जाँच के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया जाए।
- अगर चेकर द्वारा की जा रही जांच में कोई गलती पाई जाती है, तो उसे उसके लिए दंडित किया जाना चाहिए।
- उन्हें MCQ प्रश्नों की अलग से बुकलेट दी जाए और प्रश्नों के सही उत्तरों को सार्वजनिक भी किया जाए ताकि छात्र अपने स्तर पर अपना मूल्यांकन कर सकें।
- कॉपियों को जांच करने के लिए एक केन्द्रित व्यवस्था का निर्माण हो।
- उन्हें OMR शीट्स पर पेन से मार्क करने का अधिकार प्राप्त हो!
बच्चों की ये सभी मांगे जायज़ है और उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए ताकि जांच प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो सके। हालांकि, दुखद बात यह है कि देश की मुख्यधारा मीडिया ने इन छात्रों के समर्थन में कोई आवाज़ नहीं उठाई। वहीं जहां, कुछ पत्रकारों ने इस खबर को रिपोर्ट किया भी, तो प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिये गए। उदाहरण के तौर पर NDTV के रवीश कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा ‘आज देश की कई जगहों पर CA छात्रों ने प्रदर्शन किया, और इन्हें लगा कि ऐसे ट्विटर पर ट्रेंड करा देने से सबकी नज़र पड़ जाएगी, जबकि यह खुद ऐसे मुद्दे नहीं देखते हैं। जब ये खुद परेशान हुए तो इन्हें लगा कि न्यूज़ चैनल वाले इन्हें देखेंगे और लोगों को दिखाएंगे’। इसके अलावा आगे उन्होंने हंसते हुए कहा ‘भारत का छात्र ना सिर्फ परीक्षा कराने के लिए प्रदर्शन करता है, बल्कि कॉपी कैसे चेक हो, उसके लिए भी प्रदर्शन करता है।
रवीश कुमार की इस रिपोर्टिंग के बाद सीए छात्रों ने अपना गुस्सा भी ज़ाहिर किया। कई छात्रों ने ट्वीट करके अपना गुस्सा ज़ाहिर किया। उदाहरण के तौर पर एक छात्र ने लिखा ‘ICAI के छात्रों का मज़ाक उड़ाने से पहले आपको थोड़ा रिसर्च करना चाहिए था। छात्र पास्सिंग पर्सेंटेज को बढ़ाने की भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अपनी कॉपियों की सहीं जांच के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
Dear Ravish kumar please research before making fun of students regarding protests for ICAI reform..
Students are not begging for increase in passing percentage of CA results.
We are fighting for rechecking of answer sheets..@ravishndtv @ndtv #dearicaiammend39_4— Nitish jha (@nitishjha527) September 25, 2019
ऐसे ही एक अन्य यूजर मुकेश कुमार ने लिखा ‘इस तथाकथित पत्रकार को देखिये, और सुनिए अपनी रिपोर्ट में ये ICAI और छात्रों के बारे में क्या बात कर रहा है। थोड़ा होम वर्क कर लेते तो अच्छा होता! खैर सुनता कौन है इनकी? देखो और हंसों!
https://t.co/VBW40vp95v
Watch this so called journalist
And what he is talking about the ICAI and the CA students in his report……..
Thoda home work kar lete toh acha hota…. Khair kaun sunta hai inki
Dekho aur hassso….@ravishndtv #dearicaiammend39_4 #dearicaiplschange— Mukesh Kumar (@MukeshK56434139) September 25, 2019
Dear Ravish kumar please research before making fun of students regarding protests for ICAI reform..
Students are not begging for increase in passing percentage of CA results.
We are fighting for rechecking of answer sheets..@ravishndtv @ndtv #dearicaiammend39_4— Nitish jha (@nitishjha527) September 25, 2019
एक तरफ जहां सभी छात्र ICAI की छात्र-विरोधी नीतियों के कारण परेशान हैं, तो वहीं रवीश कुमार जैसे पत्रकारों ने इन छात्रों के ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। हमारा मानना है कि ना सिर्फ ICAI को इन सभी छात्रों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए बल्कि रविश कुमार जैसे पत्रकारों को भी छात्रों से माफी मांगने की ज़रूरत है। कोई भी संस्थान छात्रों की संतुष्टि के बिना बुलंदियों को हासिल नहीं कर सकता, और ICAI को यह जल्द से जल्द समझने की ज़रूरत है।