रामायण की कथा तो आपने सुनी ही होगी। भगवान राम ने रावण का वध कर जीत हासिल की थी। भगवन राम की इस जीत में रावण के भाई और भगवान विष्णु के भक्त विभीषण की भूमिका अहम थी। इसी वजह से एक कहावत प्रसिद्ध हो चुकी है और वह है घर का भेदी लंका ढाये। कांग्रेस के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।
मध्य प्रदेश में गुना लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर किसानों का अभी तक कर्ज माफ़ न किये जाने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा इस तरह से अपनी पार्टी की सरकार को घेरना कई सवाल खड़े करता है। पहला यह कि क्या राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी तेज हो गयी है और दूसरा ये क्या सिंधिया कमलनाथ से उनकी कुर्सी छीनने वाले हैं? यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी अपने चरम पर है। कमलनाथ सरकार को घेरने का सिंधिया एक मौका नहीं छोड़ रहे वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह के भाई भी कमलनाथ सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल, भिंड में एक रैली के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ‘अभी तब किसानों के कर्जमाफ नहीं किये गये हैं। केवल 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया गया, जबकि हमने 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। 2 लाख रुपए तक के कर्ज किसानों के माफ़ किये जाने चाहिए’।
Jyotiraditya Scindia, Congress, in Bhind, MP: The farm loan waiver of farmers has not been done in totality. Loan of only Rs 50,000 has been waived off even when we had said that loan upto Rs 2 Lakh will be waived off. Farm loan upto Rs 2 Lakh should be waived off. (10.10.2019) pic.twitter.com/6zMW5AyDBu
— ANI (@ANI) October 11, 2019
हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि अब तक 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। इन किसानों के कर्ज की 7000 करोड़ की राशि माफ की गई है। परन्तु कांग्रेस पार्टी के अपने नेता सिंधिया ने ही पार्टी को एक्सपोज कर दिया है।
इस पर चुटकी लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘अब तो आप के ही लोग आपको आईना दिखा रहे हैं और बता रहे हैं कि कर्ज़माफ़ी नहीं हुई कमलनाथ जी! क्या अब भी आपकी सरकार नहीं जागेगी? किसानों की आँखों के आँसू सूख गए लेकिन उनके बैंक खातों में पैसे नहीं आए!’
न शिवराज और न जनता, अब तो आप के ही लोग आपको आईना दिखा रहे हैं और बता रहे हैं कि कर्ज़माफ़ी नहीं हुई कमलनाथ जी!
क्या अब भी आपकी सरकार नहीं जागेगी? किसानों की आँखों के आँसू सूख गए लेकिन उनके बैंक खातों में पैसे नहीं आए!
लाज-शर्म बची हो तो कर्ज़माफ़ी पर जल्द से जल्द फैसला लीजिये! https://t.co/96zDS5i1ur
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) October 11, 2019
राज्य में अब यह लड़ाई सीधे तौर पर कमलनाथ बनाम सिंधिया नजर आ रही है। अभी पिछले दिनों मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी इन दोनों के बीच घमासान देखने को मिला था। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कमलनाथ और उनके गुट के नेताओं ने युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर करने के लिए गुटबाजी शुरू कर दी थी।
जब तक कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के पास थी तब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया को युवा नेता होने के कारण कई मौके मिले। लेकिन जैसे ही कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथों में फिर से गई, पार्टी में अहमद पटेल, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अशोक गहलोत जैसे पुराने चाटुकार फिर से युवा नेताओं पर हावी हो गये। इन दिनों कांग्रेस में युवा नेताओं को अपनी जगह बनाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना पड़ रहा है। और ज्योतिरादित्य सिंधिया इसमें सफल होते दिखाई दे रहे हैं। अब ऐसा लग रहा है कि कहीं कमलनाथ सीएम कि कुर्सी न गंवा दे। वह कई बार अलग-अलग मंचों से कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। भ्रष्टाचारों और अनुच्छेद 370 जैसे संवेदनशील मुद्दों की नब्ज पकड़ कर वह मध्य प्रदेश की जनता की आँखों के तारे बनते जा रहे हैं। केवल इतना ही नहीं भिंड में बीजेपी ने भी सिंधिया का समर्थन करते हुए उनके सम्मान में एक पोस्टर लगाया है जिसमें वह पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिख रहा है।
Madhya Pradesh: Poster of Congress leader Jyotiraditya Scindia along with Prime Minister Narendra Modi and Home Minister Amit Shah, put up in Bhind. The poster was put up by BJP Bhind District Coordinator after Scindia's support for abrogation of Article370. pic.twitter.com/gyr2cjjpgY
— ANI (@ANI) October 11, 2019
इससे कुछ दिनों पहले ही सिंधिया ने यह बयान दिया था कि कांग्रेस को आत्म अवलोकन की जरूरत है और पार्टी की आज जो स्थिति है, उसका जायजा लेकर सुधार करना समय की मांग है।
इस तरह से प्रत्यक्ष हमला कर सिंधिया ने पूरी तरह से संकेत दे दिया है कि वह कमलनाथ के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने के सबसे प्रबल दावेदार है। इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस लोकसभा में करारी हार के बाद भी अपने आप को अभी तक एक जुट नहीं कर पायी है। अब अगर सिंधिया ने अपना यही रुख जारी रखा और कमलनाथ को एक्सपोज करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस के अंदर से ही सिंधिया को या तो बाहर कर दिया जाएगा या फिर उन्हें सीएम की कुर्सी सौंप दी जाएगी। अगर सिंधिया को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो ये कमलनाथ की सबसे बड़ी हार होगी। अब ऐसा होगा या नहीं ये आने वाले समय में साफ़ भी हो जायेगा।