उत्तर प्रदेश में कमलेश तिवारी की हत्या ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार और पुलिस, दोनों चैन की नींद सोने में व्यस्त हैं। अगर दोनों ही जग रहे होते तो शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की भी दिन-दहाड़े गला रेतकर हत्या नहीं हुई होती।
Big : CCTV footage of #KamleshTiwariMurder murderers.@ippatel @Rajput_Ramesh @AdityaRajKaul @PawanDurani pic.twitter.com/hYYyghwmTj
— Raajeev Chopra (@Raajeev_Chopra) October 18, 2019
इस हाई-प्रोफ़ाइल मर्डर के बाद पुलिस हरकत में जरूर आई और उत्तर प्रदेश के बिजनौर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वाले दोनों व्यक्तियों में से एक मौलवी है तो एक मुफ़्ती है। इनमें से एक का नाम मौलाना अनवारुल हक है, जिसने ने 4 दिसंबर 2015 को बिजनौर में एसपी ऑफिस के सामने एक प्रदर्शन के दौरान कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया था। वहीं दूसरे व्यक्ति मुफ्ती नईम कासमी ने भी कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को करोड़ों रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। ये दोनों ही अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
इन दो लोगों की गिरफ्तारी के अलावा गुजरात के सूरत से भी छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। यूपी पुलिस के मुताबिक गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार हुए रशीद पठान के नाम वाले व्यक्ति ने यह सारा प्लान बनाया था, जो कि पेशे से टेलर है और उसे कंप्यूटर की भी जानकारी है। इस टेलर को मौलाना मोहसिन शेख सलीम ने भड़काया और उसे वर्ष 2015 में मृतक कमलेश तिवारी के दिये हुए कुछ बयान सुनवाए। इनके अलावा पुलिस ने फैजान नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया है जो इस पूरे मामले में कथित हत्यारों की सहायता कर रहा था। पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले में पांच लोगों के शामिल होने की आशंका है, जिनमे से एक मौलाना मोहसिन शेख है और उसने ही बाकी चार लोगों को इस अपराध के लिए भड़काया था।
बता दें कि वर्ष 2015 में हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने प्रॉफ़ेट मोहम्मद के खिलाफ एक भड़काऊ भाषण दिया था जिसके बाद से ही वे कुछ कट्टर मुस्लिम संगठनों के निशाने पर आ गए थे। इतना ही नहीं, वे आतंकी संगठन ISIS के निशाने पर भी थे। इसके अलावा उनकी मौत की ज़िम्मेदारी एक आतंकी संगठन अल-हिन्द ब्रिगेड ने ली है। इस पूरे मामले पर यूपी पुलिस ने यह कहा है कि वह अपनी जांच के बाद इस अपराध में लिप्त अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी।