हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की खबर सुनते ही जहां एक तरफ पूरे देश में गुस्सा है तो वहीं, दुर्भाग्यवश देश में एक तबका ऐसा भी है जो इस पूरी घटना पर जश्न माना रहा है। इस बात को सत्यापित करने के लिए हमने कुछ स्क्रीनशॉट्स को खोजकर निकाला है, जिन्हें देखने के बाद आपको भी गुस्सा आना स्वाभाविक है। किसी की बातों से या मत से आप असहमत जरूर हो सकते हैं और इसका आपको पूरा अधिकार है। लेकिन अपने विरोधियों की हत्या का मज़ाक बनाने को भी किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। फेसबुक पर मुस्लिम समुदाय के कुछ यूजर्स के कमेन्ट पढ़कर आप खुद जान जाएंगे कि इस अपराध को लेकर कुछ लोगों की मानसिकता कितनी गिरी हुई है। समुदाय विशेष के कुछ लोगों ने इस खबर पर अधिकतर बधाई का संदेश ही दिया है, वहीं कुछ लोग इस पर लिख रहे हैं ‘हर कदम उन्नति की ओर’।
◆ Owaisi mocks Hindu God Sri Ram: Safe◆ Aamir Khan mocks Hindu God Shiva: Safe◆ Zakir Naik mocks Hindu God Ganesha:…
Saswat Routroy ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಅಕ್ಟೋಬರ್ 18, 2019
सच कहें तो ऐसे ही लोग समाज में सौहार्द को बिगाड़ने का काम करते हैं और इन्हीं की वजह से पूरे समुदाय को ही कई बार कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। जितना बड़ा अपराध किसी व्यक्ति को मारने का होता है, किसी व्यक्ति की हत्या का महिमामंडन करना भी ठीक उतना ही बड़ा अपराध होता है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कल यानि शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की भी दिन-दहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई। पहले पुलिस ने इस मामले को आपसी रंजिश करार दिया परन्तु जांच में कुछ और ही सामने आया. इस मामले में दोषी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, आतंकी संगठन अल-हिन्द ब्रिगेड ने इस हत्या की ज़िम्मेदारी ली और कहा है कि तिवारी के मुस्लिम विरोधी बयानों की वजह से उन्हें मारा गया है।
इस हाई-प्रोफ़ाइल मर्डर के बाद पुलिस हरकत में जरूर आई और उत्तर प्रदेश के बिजनौर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वाले दोनों व्यक्तियों में से एक मौलवी है तो एक मुफ़्ती है। इनमें से एक का नाम मौलाना अनवारुल हक है, जिसने ने 4 दिसंबर 2015 को बिजनौर में एसपी ऑफिस के सामने एक प्रदर्शन के दौरान कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया था। वहीं दूसरे व्यक्ति मुफ्ती नईम कासमी ने भी कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को करोड़ों रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। ये दोनों ही अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
इन दो लोगों की गिरफ्तारी के अलावा गुजरात के सूरत से भी छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले में पांच लोगों के शामिल होने की आशंका है, जिनमे से एक मौलाना मोहसिन शेख है और उसने ही बाकी चार लोगों को इस अपराध के लिए भड़काया था।
इस तरह की क्रूर हत्या पर विशेष समुदाय के कुछ तत्वों का इस तरह से मजाक बनाया जाना शर्मनाक है। ऐसे ही लोगों के कारन देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा मिलता है। हद तो तब हो जाती है जब संजुक्ता बसु जैसे लेखक भी अपना एजेंडा साधने में व्यस्त होते हैं।