TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Amit Shah Meeting With Officers

    क्या और तेज होगा नक्सलवाद के खिलाफ अभियान? अधिकारियों से मिले अमित शाह

    Kedarnath helicopter emergency landing

    केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर की हाइवे पर लैंडिंग, बाल-बाल बची पांचों यात्रियों की जान

    Rahul Gandhi match fixing article

    महाझूठ का पर्दाफाश: राहुल गांधी का ‘मैच फिक्सिंग’ फेक नैरेटिव

    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प

    एपस्टीन कनेक्शन को लेकर ट्रंप पर हमला कर बैकफुट पर आए मस्क, क्या दबाव में आए दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति?

    पीएम मोदी और पीएम कार्नी (AI द्वारा बनाई गयी तस्वीर)

    कांग्रेस के प्रोपेगेंडा को किया ‘म्यूट’, कनाडा के पीएम कार्नी का पीएम मोदी को आया फोन- मिला G7 समिट का न्योता

    Donald Trump Quiet Skies Program Elon Musk

    एलन मस्क से विवाद के बीच डोनाल्ड ट्रंप को क्यों बंद करना पड़ा ‘क्विट स्काईज’ प्रोग्राम?

    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Amit Shah Meeting With Officers

    क्या और तेज होगा नक्सलवाद के खिलाफ अभियान? अधिकारियों से मिले अमित शाह

    Kedarnath helicopter emergency landing

    केदारनाथ जा रहे हेलीकॉप्टर की हाइवे पर लैंडिंग, बाल-बाल बची पांचों यात्रियों की जान

    Rahul Gandhi match fixing article

    महाझूठ का पर्दाफाश: राहुल गांधी का ‘मैच फिक्सिंग’ फेक नैरेटिव

    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प

    एपस्टीन कनेक्शन को लेकर ट्रंप पर हमला कर बैकफुट पर आए मस्क, क्या दबाव में आए दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति?

    पीएम मोदी और पीएम कार्नी (AI द्वारा बनाई गयी तस्वीर)

    कांग्रेस के प्रोपेगेंडा को किया ‘म्यूट’, कनाडा के पीएम कार्नी का पीएम मोदी को आया फोन- मिला G7 समिट का न्योता

    Donald Trump Quiet Skies Program Elon Musk

    एलन मस्क से विवाद के बीच डोनाल्ड ट्रंप को क्यों बंद करना पड़ा ‘क्विट स्काईज’ प्रोग्राम?

    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इस दुखद समस्या के कारण बिहार को कोई गंभीरता से नहीं लेता

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
4 October 2019
in मत
बिहार

(PC: India Today)

Share on FacebookShare on X

बिहाऱ आज कल फिर से चर्चा में है। कारण है भारी बारिश और बाढ़। वैसे तो बाढ़ बिहाऱ की पहचान है लेकिन इस बार बाढ़ अपने रौद्र रूप में है तथा पटना के रिहायशी इलाकों तक पहुँच चुका है। इस बाढ़ ने सुशासन बाबू के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी को भी घर से बाहर आने पर मजबूर कर दिया। अब तक पूरे बिहार में बाढ़ के कारण कुल 73 मौतें हो चुकी हैं लेकिन किसी को भी सुध नहीं है। साथ ही राज्य की economy, infrastructure का भी नुकसान भारी मात्र में हुआ है। लेकिन फिर भी मीडिया ने जिस प्रकार से बिहाऱ  के इस बाढ़ का कवरेज किया उससे बिहार के प्रति हीन भावना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। न ही इस बाढ़ की चर्चा नेशनल मीडिया कही जाने वाली टीवी और समाचार पत्र कर रहे हैं और न ही सोशल मीडिया।

द प्रिंट नाम की वेब पोर्टल इस तरह की मीडिया कवरेज का एनालिसिस प्रत्येक दिन करता है। English और हिन्दी टीवी मीडिया के न्यूज़ पैटर्न को देखे तो यह समझ में आता है कि बिहार का बाढ़ किसी के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा था ही नहीं। साथ ही इसे अंग्रेजी समाचार पत्रों ने भी अहमियत नहीं दी। बिहार में आया बाढ़ कोई संपादकीय मुद्दा नहीं है जहां कुछ expert अपनी राय से ही विश्व की सभी समस्या सुलझा देते हैं।

संबंधितपोस्ट

प्रगतिशील बनने का दावा और घूंघट में पत्नी? खान सर की सोच पर सवाल!

पीएम मोदी का बिहार दौरा: ₹48,500 करोड़ की सौगात, आतंकवाद-नक्सलवाद पर प्रहार और वैभव सूर्यवंशी से मुलाकात

बिहार : पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी देने वाला भागलपुर से गिरफ्तार

और लोड करें

हालांकि हिन्दी समाचार पत्रों जिनकी बिहार की जनता में अधिक पहुँच है, उन्होंने इसे कवरेज तो दी लेकिन फिर भी इसे पहले पन्ने का मुद्दा नहीं बनाया।

बिहार के साथ मीडिया के इस सौतेले व्यवहार की निंदा भी हुई, लेकिन निंदा से मीडिया द्वारा की गयी कवरेज नहीं बढ़ने वाली।रचनात्मक आलोचना के लिए हमें मीडिया में बिहार के प्रति इस उदासीनता का कारण ढूँढना होगा। सभी समस्याओं की तरह इस समस्या का भी जड़ मास मीडिया की इकॉनमी या अर्थव्यवस्था ही है।

मास मीडिया भी पूरी तरह से Corporatized है तथा किसी अन्य क्षेत्र की कंपनी की तरह ही अपना प्रॉफिट या लाभ देखती है। मीडिया कंपनियों के लिए आय का प्राथमिक स्रोत विज्ञापन है। दूसरे क्षेत्र की कंपनियां अपने उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन करती हैं और इस विज्ञापन को आम जनमानस तक पहुंचने के लिए सबसे प्राथमिक माध्यम है मीडिया। जो कंपनियां मीडिया में विज्ञापन कराती हैं, उनका लक्ष्य अधिक खरीद करने वाले उपभोक्ता ही होते हैं। बिहार के प्रति मीडिया की उदासीनता का कारण भी यही है क्योंकि बिहार भारत के पिछड़े व गरीब राज्यों में से एक है। वित्तीय वर्ष 2018 में बिहार का प्रति व्यक्ति औसत आय यानि par capita income 43,822 रुपये हैं। अगर हम इसकी तुलना महाराष्ट्र से करें तो इसी वित्तीय वर्ष महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति औसत आय 1,80,596 रुपया है। इस हिसाब से महाराष्ट्र में एक औसत उपभोक्ता बिहार के उपभोक्ता से 4 गुना ज्यादा धनी है। स्पष्ट है विज्ञापन देने वाली कंपनी महाराष्ट्र को दिखाने वाली मीडिया को ज्यादा विज्ञापन देगी ना की बिहार को दिखाने वाली मीडिया को। और यही प्राथमिक कारण है कि मुंबई के बाढ़ को पटना या गुवाहाटी के बाढ़ की तुलना में अधिक कवरेज मिलता है।

एक तरफ विज्ञापन करने वाली कंपनी अधिक ख़रीदारी करने वाले उपभोक्ता को target करते हैं इसलिए मीडिया कंपनी उन्हीं राज्यों को ज्यादा कवर करती हैं जहां के उपभोगता अधिक अमीर हैं। और यह cycle लगातार चलता रहता है जिसका खामियाजा गरीब जनता और पिछड़े राज्यों को भुगतना पड़ता है।

बिहार स्वतन्त्रता के बाद से आज तक सबसे गरीब राज्यों में से एक है। स्वतन्त्रता के बाद से ही बिहार के पास एक तरफ गंगा नदी के क्षेत्र में आने वाला उपजाऊ मैदान था तो वहीं दूसरी तरफ खनिज से भरा वनानंचल, जो आज झारखंड के नाम से भी जाना जाता है। इन प्रकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण रहने के कारण बिहार के पास एक Mixed Economy बनने की क्षमता थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्वतन्त्रता के बाद भारत सरकार की Freight Equalisation Policy (फ्रेट इक्विलाइजेशन पॉलिसी) के कारण भी बिहार जैसे खनिज से परिपूर्ण राज्य को ही नुकसान हुआ जिसके तहत भारत में कहीं भी एक कारखाना स्थापित किए जाने और खनिजों के परिवहन पर केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान किए जाने का प्रावधान था। यह नीति 1952 में लागू किया गया था जो कि 1993 तक जारी रहा। इसने बिहार जैसे राज्यों में उत्पादन सुविधाओं को स्थापित करने के लिए निजी पूंजी के प्रोत्साहन को ही कमजोर कर दिया था।

एक अच्छे नेता या policy maker को किसी राज्य को विकसित करने के लिए कम से कम 10-15 वर्ष काफी होता है। बिहार में भी लगातार पहले लालू यादव का शासन रहा फिर अब नितीश कुमार का, दोनों ने ही लगभग 15 वर्षों तक शासन किया लेकिन बिहार आज भी पिछड़ा राज्य है। अगर हम बिहार की राजनीति पर एक नज़र डालें तो यह समझ में आता है कि आज के सभी समकालीन नेता जैसे लालू यादव, शरद यादव, नीतीश कुमार और सुशील मोदी, सभी ने अपनी राजनीतिक शिक्षा ‘लोकनायक’ कहे जाने वाले मशहूर समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण से ही ली है। इन्हीं कारणों से आज भी बिहार की economy समाजवाद पर ही आधारित रहा।

इसी वजह से पिछले पाँच दशकों में, उन्होंने ‘धन के वितरण’ और सार्वजनिक सेवाओं को ज्यादा प्रोत्साहित किया वहीं धन के ’सृजन’ करने वाले क्षेत्रों जैसे इंडस्ट्री और प्राइवेट कंपनियों को नजरअंदाज कर दिया।

बिहार के इन समाजवादी नेताओं ने केंद्र सरकार और दूसरे राज्य में काम करने वाले कामगारों द्वारा भेजे गए रुपयों से बुनियादी ढांचा, औद्योगिक विकास में खर्च करने और सेवा कंपनियों को आकर्षित करने के बजाय गरीबों में मुफ्त की चीज़ें बांट दिया।

उदाहरण के लिए वित्तीय वर्ष 2019 में बिहार को केंद्र सरकार से 1,81,255 करोड़ रुपये मिले लेकिन बिहार सरकार ने 31,002 रुपये ही अपने करदाताओं से प्राप्त हुए। बिहार में दो चौथाई हिस्सा तो केंद्र द्वारा दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ दूसरे राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र कुल राजस्व का लगभग आधा हिस्सा स्वयं उत्पन्न करता है। यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश भी स्वयं लगभग 25 प्रतिशत राजस्व उत्पन्न करता है।

बिहार में गरीबी रेखा के नीचे सबसे अधिक आबादी रहती है। वर्ष 2013 में भारतीय औसत के 21.92 की तुलना में बिहार की 33.74 प्रतिशत जनसंख्या ‘गरीबी रेखा’ से नीचे की थी। इसका मतलब यह है कि लगभग एक तिहाई बिहार की आबादी अभी भी भारतीय औसत की तुलना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत कर रहे हैं। राज्य में अधिकांश आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है। उद्योग और सर्विस सेक्टर की कंपनियां ‘कानून और व्यवस्था’ की समस्याओं और राज्य सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण राज्य को पसंद नहीं करती हैं।

इससे स्पष्ट हो गया है कि जलमग्न हो चुके बिहार पर मीडिया क्यों इतनी उदासीनता दिखा रही है। इसका सिर्फ एक ही कारण है और वह है बिहार की गरीबी। समस्या केवल बिहार तक सीमित नहीं है; अन्य पिछड़े राज्यों में आने वाली आपदाओं को भी बहुत सीमित कवरेज ही प्राप्त होता है।

Tags: बाढ़बारिशबिहारमीडिया
शेयर14ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

एस जयशंकर ने CNNs, NYTs, और WSJs को छोड़ अमेरिकी थिंक टैंक को दिया महत्व

अगली पोस्ट

बांग्लादेश इकॉनमी में दक्षिण एशिया का ‘नया टाइगर’ बन रहा है, क्या है वजह

संबंधित पोस्ट

Veer Savarkar Congress And Indira Gandhi
चर्चित

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

28 May 2025

विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें 'स्वातंत्र्यवीर' के रूप में जाना जाता है। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। उनकी भूमिका और विचारधारा आज...

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा
मत

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा

14 May 2025

जैसे-जैसे खाड़ी देश आधुनिक बन रहे हैं और पाकिस्तान को पैसा देना बंद कर रहे हैं, इस्लामाबाद उन्हें “सच्चे इस्लाम” से भटकता हुआ मानता है।...

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है
मत

ऑपरेशन सिंदूर: झूठे नैरेटिव के शोर में सेना के पराक्रम की गूंज न दबने दें

14 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच सैनिक संघर्ष रुकने पर हम देश की प्रतिक्रिया देखें तो बड़ा वर्ग, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार और भाजपा के समर्थक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited