“राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों से निपटते समय राष्ट्र सर्वप्रथम की भावना मेरे दृष्टिकोण को परिभाषित करेगी” यह कथन है अमित शाह का गृह मंत्री चुने जाने के बाद। तब से वह इस दिशा में निहित स्वार्थ रहित हो कर प्रयासरत हैं। एक के बाद एक कठिन माने जाने वाले निर्णय लेकर उन्होंने यह तो बता दिया कि देश उनके हाथों में सुरक्षित है लेकिन अभी भी कई ऐसे मुद्दे है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उनमें से सबसे प्रमुख है अर्बन नक्सल समस्या। हालांकि, वह पहले ही NIA को मजबूत करने और UAPA बिल को और कड़ा बनाने जैसे कदम उठा चुके हैं लेकिन शहरों में छिपे अर्बन नक्सलियों को एक्सपोज कर उन्हें देश विरोधी कार्य करने से रोकने के लिए अभी और कदम उठाने बाकि हैं। अमित शाह ने अब इस ओर अपनी नज़र जमा ली है और CRPF को ”प्रभावी एवं निर्णायक” कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के मुख्यालय में शुक्रवार (15 नवंबर) को पहली बार पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बल को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों तथा शहरी नक्सलियों के खिलाफ ”प्रभावी एवं निर्णायक” कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शाह ने सीआरपीएफ को अगले छह महीने में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी एवं निर्णायक अभियान चलाने का निर्देश दिया। अमित शाह ने कहा कि अब वामपंथी चरमपंथियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी। वामपंथी चरमपंथियों के अलावा अर्बन नक्सल और उनके मददगारों के खिलाफ भी एक्शन लेने की जरूरत है।
Visited the @crpfindia headquarters in New Delhi.
CRPF personnel have always lived upto their motto of ‘Sewa and Nishtha’ by protecting our nation at different terrains.
I salute the courage & bravery of CRPF personnel and their families. We are proud of their exemplary valour. pic.twitter.com/DLnkEn4a2F
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 15, 2019
हालांकि, लोकसभा में आतंकवाद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन बिल 2019 पारित कराते समय भी उन्होंने बताया था कि उनकी सरकार किसी भी सूरत में देश के अर्बन नक्सलियों के प्रति नर्म रुख नहीं दिखाएगी और सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शाह ने कहा था कि पिछली सरकारों के समय वैचारिक आंदोलन के नाम पर वामपंथी उग्रवाद को जमकर बढ़ावा दिया गया, लेकिन उनकी सरकार किसी भी सूरत में इस वामपंथी उग्रवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी। शाह ने आगे कहा था कि सिर्फ गोली चलाने वाले लोग ही आतंकी नहीं होते, बल्कि उग्रवादी साहित्य और विचारों के माध्यम से अपनी प्रदूषोत सोच फैलाने वाले लोग भी आतंकियों की श्रेणी में आते हैं। इसलिए सरकार ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई चाहती है।
बता दें कि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही इन अर्बन नक्सलियों पर कड़ा प्रहार जारी रखा था। पिछले वर्ष अगस्त में भी सरकार ने ऐसे शहरी नक्सलियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई बुद्धिजीवी नक्सलियों को अपनी रडार पर लिया था। उस वक्त वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण परेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोन्साल्वेज जैसे वामपंथियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इसके तुरंत बाद देश का लेफ्ट लिबरल गैंग एक्टिव हो गया था और सरकार पर तानाशाही के आरोप लगने शुरू हो गए थे। यहां तक कि कांग्रेस भी इन सभी लोगों के बचाव में आ गयी थी।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं, तभी से इन अर्बन नक्सलियों के होश उड़े हुए हैं। अमित शाह नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक भी कर चुके है। अब उनका इस तरह से CRPF को स्पष्ट रूप से अर्बन नक्सलियों के खिलाफ एक्शन का निर्देश देने का मतलब है इनके दिन निकट है। आए दिन इन अर्बन नक्सलियों के कारण किसी भी विकास कार्य में बाधा आती है। वह कभी किसी डैम प्रोजेक्ट के लिए देश में दुशप्रचार करते हैं तो कभी किसी परमाणु सयंत्र के लिए तो कभी किसी मेट्रो प्रोजेक्ट को रोकने के लिए। कभी वह देश विरोधी नारे लगाएंगे तो कभी आतंकवादियों और नक्सलियों के लिए सहानुभूति दिखाएंगे। सरकार के किसी निर्णय का विरोध करना ही इनकी रोजी रोटी है। इस कारण इन ऐसे बाधकों को काबू में करना अतिआवश्यक है और अमित शाह इसी पर कम कर रहे है।