अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम को करारा झटका लगा है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव लड़ने वाले तीन उम्मीदवारों ने मंगलवार को भाजपा का दामन थाम लिया है। एन राजेंद्रन, टी रवि और एस श्रीकरूणा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।
लोकसभा चुनाव 2019 में एन राजेंद्रन ने अराकोणम से, चिदंबरम से टी रवि और कृष्णगिरी सीट से एस श्रीकरुणा चुनावी मैदान में उतरे थे। मालूम हो कि साउथ के सुपर स्टार कहे जाने वाले कमल हासन ने साल 2018 में मक्कल निधि मय्यम यानि एमएनएम का गठन किया था। इस पार्टी को लोकसभा चुनाव में कुल 3.72 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे।
तीनों नेताओं द्वारा पार्टी छोड़े जाने पर एमएनएम के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- “हम एक युवा पार्टी हैं और हमारे पास बहुत सारे लोग हैं। हमारी पार्टी की ताकत हमारे नेता, कमल हासन हैं और हमारी पार्टी में युवाओं का विश्वास है। हमें आत्मनिरीक्षण करना होगा कि तीन पार्टी सदस्य एक ही समय में भाजपा में क्यों शामिल हुए। हमें यकीन नहीं है कि वे पार्टी के भीतर पद नहीं दिए जाने से नाखुश थे।’
इन तीनों नेताओं के पार्टी छोड़ने से जहां कमल हासन और उनकी पार्टी को करारा झटका लगा है वहीं भाजपा की तमिलनाडु में जमीन मजबूत हुई है। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि जहां भाजपा ने साल 2014 के आम चुनाव में देशभर के कई राज्यों में जबरदस्त जीत दर्ज की थी वहीं तमिलनाडु एक ऐसा राज्य था जहां भाजपा को निराशा ही हाथ लगी थी। हालांकि राज्य में भाजपा लगातार प्रयास कर रही है कि वहां भी राजनीति की जमीन तैयार हो। अब एमएनएम के नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है तो ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा तमिलनाडु की राजनीति में भी अहम रोल निभा सकती है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एनडीए की सहयोगी पार्टी एआएडीएमके ने केवल एक सीट जीती थी। इससे स्पष्ट हो गया है कि जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी कमजोर हो गयी है। जिससे भाजपा को अपनी खुद की जमीन तैयार करनी होगी।
यहां यह बताना जरूरी है कि गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी भाषा वाले बयान को तमिलनाडु में गलत तरिके पेश किया जा रहा है। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी हिंदी भाषा और भाजपा को लेकर खूब भ्रामक खबरें फैलाया। उन्होंने कहा था कि भाजपा हिंदी थोप रही है। हालांकि हाल की ही कुछ घटनाओं को देंखे तो स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी इस भ्रामक खबर को दूर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने 17 मिनट के भाषण में एक तमिल कवि का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने तमिल कवि कणियन पूकुन्रनार का नाम लेते हुए बताया कि उन्होंने कहा था कि यादम उरे, यावरुम केड़ीर यानी हम सभी स्थानों के लिए अपनेपन का भाव रखते हैं और सभी लोग हमारे अपने हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि तमिल दुनिया का सबसे पुरानी भाषा है।
दरअसल, पीएम मोदी तमिलनाडु को अंतरराष्ट्रीय फोकस में लाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। वह लगातार तमिल संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति के साथ ऐतिहासिक संबंध साझा करने वाले प्राचीन शहर ममल्लापुरम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी के बाद यह और स्पष्ट हो गया।
बैंकॉक में आयोजित ‘सवास्दी पीएम मोदी’ सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने तमिल क्लासिक ‘तिरुक्कुरल’ का थाई अनुवाद भी जारी किया। ऐसे में पीएम मोदी लगातार तमिल संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे साफ हो जाता है कि स्थानीय नेता तमिल लोगों को हिंदी थोपने की भ्रामक बात कहकर भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं भाजपा के लिए तमिलनाडु मेन फोकस में है।
Thailand: Prime Minister Narendra Modi releases a commemorative coin marking the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev & also releases a Thai translation of Tamil classic 'Tirukkural', at the #SawasdeePMModi event in Bangkok. pic.twitter.com/EosGzVbkXY
— ANI (@ANI) November 2, 2019
ऐसे में कमल हासन की पार्टी के तीन नेताओं का भाजपा में शामिल होना इस बात का संकेत देता है कि तमिलनाडु की राजनीति में भाजपा प्रवेश कर चुकी है। वहां के नेता भाजपा को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। यानि वह दिन दूर नहीं जब भाजपा तमिलनाडु की राजनीति में एक हस्ती रखेगी।