ट्विटर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आया है, और इस बार कारण है तजिंदर पाल सिंह बग्गा। भाजपा दिल्ली के प्रवक्ता तजिन्दर पाल सिंह बग्गा का हाल ही में ट्विटर ने नियम तोड़ने के लिए उनका अकाउंट लॉक कर दिया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने शिवसेना पर एक तंज़ कसा था। हालांकि जब यूजर्स ने इस पर ट्विटर को फटकार लगानी शुरू की तो मजबूरन ट्विटर को बग्गा का एकाउंट एक्टिव करना पड़ा।
उन्होंने अपने ट्वीट में शिवसेना अध्यक्ष पर छत्रपति शिवाजी को अनदेखा करने का आरोप लगता हुए ट्वीट किया, “मैंने आनंदमठ की एक कॉपी अफजल सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के लिए बुक की है”। यह ट्वीट सदन में राष्ट्रगीत वंदे मातरम न बजाए जाने के उपलक्ष्य में किया गया था। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्विटर ने उनका अकाउंट लॉक कर दिया, जिसका सोशल मीडिया पर पुरजोर विरोध हुआ। सोशल मीडिया उपभोक्ता विकास पाण्डेय उदाहरण के लिए खुद ट्वीट करते हैं, “बहुत बढ़िया ट्विटर इंडिया! बताने का कष्ट करेंगे क्या गलत था”?
https://twitter.com/MODIfiedVikas/status/1201350081510703105?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1201350081510703105&ref_url=https%3A%2F%2Ftfipost.com%2F2019%2F12%2Ftwitter-blocks-tajinder-pal-singh-bagga-from-tweeting-because-his-tweets-w
इस घटना से स्पष्ट होता है की ट्विटर राजनीतिक रूप से किस विचारधारा के अधीन है। पिछले वर्ष इस साइट को दक्षिणपंथी अकाउंट के विरुद्ध करने के पीछे काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। परंतु तजिंदर बग्गा का अकाउंट जिस तरह से लॉक हुआ है, उससे स्पष्ट होता है की उनका पक्षपात केवल विचारधारा मात्र तक ही सीमित नहीं है।
कुछ दशकों तक शिवसेना अपने राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुसार अति दक्षिणपंथी थी, या कम से कम जनता को उन्होंने ऐसा ही समझाया था। परंतु यहां भी अपना दोगलापन दिखाते हुए ट्विटर ने शिवसेना के पक्ष में एक व्यंग्यात्मक ट्वीट पर अपना हंटर चला दिया। मतलब साफ है, ट्विटर पर राजा बनना है, तो बस मोदी और भाजपा के विरुद्ध हो जाओ, बाकी ट्विटर स्वयं आपकी सेवा में उपस्थित हो जाएगी।
बग्गा का ट्वीट जनभावना की एक बड़ी सहज अभिव्यक्ति है। कई ऐसे ट्विटर हैंडल हैं बहुत अधिक अप्रिय, और घृणित ट्वीट पोस्ट करके भी साफ बच जाते हैं। उदाहरण के लिए ’पत्रकार’ निखिल वागले के एक सत्यापित ट्विटर हैंडल को ही देख लें, इन्होंने एक जातिवादी ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें लिखा था था कि किसी को भी महाराष्ट्र के 3 प्रतिशत ब्राह्मणों की परवाह नहीं करनी चाहिए।
It is said Brahmins of Maharashtra are unhappy with Fadnavis’ exit. They thought it was their government. But Bahujans and rural masses are very happy to have this new anti-BJP government led by Uddhav https://t.co/a4uw1zBB86 is a clear polarisation. Who cares for 3 % Brahmins!
— nikhil wagle (@waglenikhil) November 27, 2019
पीएम मोदी को ट्विटर पर गाली देने और बदनाम करने से लोगों को मानों पर ट्विटर पर ग्रीन कार्ड मिलता है और इससे ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं होता है। ऐसे में कोई यह नहीं समझ पा रहा कि आतंकवादी अफजल गुरु के नाम पर बग्गा के ट्वीट को ट्विटर ने इस तरह की गंभीर कार्रवाई के लिए कैसे योग्य समझा।
यह घटना न केवल ट्विटर के दक्षिणपंथी विरोधी होने के दावों को मजबूत करती है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय भाजपा विरोधी हर ट्विटर हैंडल का दमन करने के भी संकेत देती है।