यूके में कल हुए आम चुनावों के नतीजे जैसे-जैसे स्पष्ट होते जा रहे हैं, ठीक वैसे ही यूके कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन का प्रधानमंत्री बने रहना निश्चित हो गया है। 650 सीटों वाले सदन में बोरिस जॉनसन की पार्टी को अपने दम पर बहुमत हासिल हो गयी है। इससे पहले ब्रिटेन में वर्ष 2017 में चुनाव हुए थे, तब यूके की कंजरवेटिव पार्टी को सिर्फ 317 सीटें ही मिली थी, लेकिन अबकी बार हुए चुनावों में पार्टी अपने दम पर ही सरकार बनाने की दिशा में बढ़ रही है। इस बार चुनावों में ब्रेग्जिट का मुद्दा खासा हावी रहा था, जिसको लेकर बोरिस जॉनसन को लोगों से बड़ा समर्थन मिला है। इसके अलावा अबकी बार बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी कंजरवेटिव पार्टी को समर्थन दिया है, जिसके कारण इस राइट विंग पार्टी को जीत हासिल करने में आसानी हो पाई है।
बता दें कि ब्रिटेन की कुल 650 सीटों में से करीब 40 सीटों पर भारतीय समुदाय के वोटर्स का काफी प्रभाव है। इसके अलावा यूके में भारतीय हिन्दू समुदाय की तादाद करीब 8 लाख से ज़्यादा है। वैसे तो भारतीय समुदाय पारंपरिक तौर पर लेबर पार्टी का समर्थन करती आई है, लेकिन पिछले कुछ समय में लेबर पार्टी के भारत और हिन्दू-विरोधी रुख के कारण अब भारतीय वोटर्स ने अपनी पहली पसंद को बदल लिया है। जिन 40 सीटों पर भारतीय समुदाय का प्रभाव है, उन सभी सीटों पर भारतीय समुदाय के लोगों ने कंजरवेटिव पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था।
बता दें कि जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तो यूके की विपक्षी लेबर पार्टी को इससे बहुत तकलीफ पहुंची थी। लेबर पार्टी को पाकिस्तान परस्त माना जाता है, क्योंकि ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानी मूल के नागरिक आमतौर पर लेबर पार्टी का ही समर्थन करते हैं। इसी पाकिस्तानी परस्ती में लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने जहां कश्मीर को लेकर भारत विरोधी बयान दे डाला था, तो वहीं आधिकारिक तौर पर लेबर पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार की निंदा तक कर डाली थी। हालांकि बाद में लेबर पार्टी ने कश्मीर मुद्दे पर यू-टर्न लेते हुए कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का मुद्दा बताया था और कश्मीर में किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप का विरोध किया था।
लेबर पार्टी के इस भारत विरोधी रुख के कारण भारतीय समुदाय के वोटर्स का झुकाव कंजरवेटिव पार्टी की ओर बढ़ गया और बोरिस जॉनसन ने भी इसका फायदा उठाने में देर नहीं लगाई। बोरिस जॉनसन को आमतौर पर भारत का समर्थक माना जाता है, और उनके चुनावी वादों में भी यह साफतौर पर देखने को मिला है। उन्होंने चुनावों से ठीक एक दिन पहले ही कहा था कि वे नया भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करते हैं, और प्रधानमंत्री बनने के बाद वे संभवतः अपना पहला दौरा भारत का ही करेंगे। बता दें कि हाल ही में यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने लंदन स्थिति स्वामी नारायण मंदिर का भी दौरा किया था। वे स्वामी नारायण मंदिर में अपनी पार्टनर कैरी सिमोंड के साथ गए थे और उनके साथ गृह सचिव प्रीति पटेल भी थीं।
स्पष्ट है कि भारत के खिलाफ जहर उगलना लेबर पार्टी और उसके नेता जेरेमी कोर्बिन के लिए महंगा साबित हुआ है। लेबर पार्टी ने बाद में डैमेज कंट्रोल के लिए बेशक भारतीय समुदाय को लुभाने की कोशिश की हो, लेकिन चुनावी नतीजों को देखकर यही लगता है कि पार्टी ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई। पाकिस्तान परस्ती की वजह से अब लेबर पार्टी का अगले पांच सालों के लिए विपक्ष में बैठना तय है।