JNU में हुए हिंसा को कई लोगों ने कई प्रकार से बताने की कोशिश की। कई लोग ये कह रहे ABVP के छात्रों को अधिक चोट लगी तो कोई यह कह रहा है लेफ्ट के छात्रों को अधिक चोट लगी। इन सभी रिपोर्ट्स के बीच एक नाम कॉमन दिख रहा है और अपने आप को निष्पक्ष बताने वाले लोग सिर्फ इसी डॉक्टर के बयान को प्रकाशित कर रहे है। यह कथित डॉक्टर हैं हरजीत सिंह भट्टी। इस तरह की भ्रामक रिपोर्टिंग में बरखा दत्त भी शमिल हैं। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि ये डॉक्टर AIIMs का है और इस डॉक्टर के बयान के आधार पर ABVP को दोषी मान लिया गया।
बता दें कि एक वामपंथी वेबसाइट न्यूज लॉन्ड्री ने इस कथित डॉक्टर को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप पेश किया और यह रिपोर्ट किया कि 15 से अधिक छात्रों को AIIMS लाया गया। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस डॉक्टर ने यह बताया कि ABVP के छात्रों को लगी चोटें नकली लग रही थीं। यह तो सरासर झूठ था जिसे इस पोर्टल ने अधिक महत्व दिया। कई रिपोर्ट आ चुकी हैं जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं।
What you see is not what is. Reality lost in propaganda. Falsity found in pictures.ABVP students were lynched by Cong-Left combine when seeking registration of next semester. Let’s call out this selective bigotry and outrage. 😡🤥 pic.twitter.com/tUp3MI1DYB
— Meenakashi Lekhi (मोदी का परिवार) (@M_Lekhi) January 6, 2020
इसी तरह अपने आप को प्रासंगिक रखने की कोशिश कर रही कथित पत्रकार और अपने नकारात्मक रिपोर्ट्स के लिए जानी जाने वाली बरखा दत्त ने भी यही किया और इस डॉक्टर के बयान को AIIMS का आधिकारिक बयान बता दिया। अपने मोजो के वीडियो को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “जेएनयू हिंसा में आई चोटों पर पहला आधिकारिक बयान @DrHarjitBhatti का। वो बताते है कि ट्रॉमा सेंटर में 23 लोग घायल हैं, छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी हैं।”
In first official word on the injuries in #JNU mob attack @DrHarjitBhatti tells #Mojo that 23 people are admitted with injuries at the Trauma Centre, students, but also teachers. Most injuries from blunt & sharp objects both, & 2 have lacerations. Watch: https://t.co/9PPU9l33L4
— barkha dutt (@BDUTT) January 5, 2020
इनके इस झूठ की पोल तब खुली जब स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोएल ने ट्वीट किया और बरखा दत्त से पूछा कि कि बरखा आपने यहाँ आधिकारिक शब्द का इस्तेमाल किया है लेकिन भट्टी तो ये कह रहा है कि उसने जो भी कहा वह उसके अनुसार था न कि यह एम्स का आधिकारिक बयान।
Dear Barkha, you used the word "official" for Dr Harjit Singh Bhatti's statement on injuries in JNU incident. But Bhatti says whatever he said was in his personal capacity and it wasn't official statement from AIIMS. pic.twitter.com/VCuxVKaoVL
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) January 6, 2020
इसके बात तो लोग लगे इस व्यक्ति की ऑनलाइन हरकतों का पता लगाने। इसी क्रम में अभिजीत अय्यर मित्रा ने ट्वीट किया और बताया कि एम्स की वेबसाइट पर डॉक्टर भट्टी को ‘Alumna’ के रूप में दिखाया गया है। अगर ऐसा है तो फिर और भी कई सवाल उठते हैं। वो एम्स के वार्ड में कैसे घुसा और उसने एम्स की तरफ़ से मीडिया को बयान क्यों दिया?
https://twitter.com/Iyervval/status/1214182038829334528?s=20
सवाल तो वाजिब था, आखिर इस व्यक्ति को किसने यह अधिकार दिया कि वह बयान दे और अगर वह अपने स्तर पर बयान दे रहा है तो सभी प्रोपोगेण्डा फैलाने वाले वामपंथी इस व्यक्ति के बयान का ही उल्लेख क्यों कर रहे हैं?
इसके बाद मित्रा ने एक और ट्वीट किया और बताया कि जैसा AIIMS की वेबसाइट पर लिखा था कि वह वर्तमान में मणिपाल अस्पताल में काम करता है। उन्होंने आगे बताया कि जब उन्होंने अस्पताल में फोन किया और पता करने की कोशिश की तो वहाँ की रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि उस नाम से कोई डॉक्टर नहीं है। यही नहीं इस अस्पताल की वेबसाइट पर भी इस नाम का कोई डॉक्टर नहीं है।
https://twitter.com/Iyervval/status/1214190688125849601?s=20
आज के सोशल मीडिया के दौर में किसी का बच पाना नामुमकिन है और यही हरजीत सिंह भट्टी का भी हुआ। धीरे-धीरे परत दर परत और खुलासे होने लगे तो यह पता चला कि यह व्यक्ति शुरू से ही मोदी विरोधी रहा है और पिछले वर्ष कांग्रेस के मेडिकल सेल का राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुका है।
Congratulations Dr Harjit Singh Bhatti has been appointed as a national convener and doctors who have been appointed the State Coordinators of the All India Medical Cell.
We are confident you will help the people of our nation to the best of your abilities. pic.twitter.com/TGB0OSYr20
— Indian Youth Congress (@IYC) February 15, 2019
कांग्रेस से संबंधित व्यक्ति के बयानों को बरखा दत्त जैसी पत्रकार निष्पक्ष ही मानती हैं। इस वजह से जब यह बात खुलकर सामने आई तो बरखा दत्त और न्यूज़लॉन्ड्री के प्रोपोगेंडा से हैरानी नहीं हुई।
स्वाति गोएल ने भट्टी के फेसबूक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि भट्टी CAA विरोधी है और मोदी-शाह के खिलाफ लोगों को एकत्र करता है।
Turns out this doctor is an anti-CAA activist who has been mobilising crowds against the Act and “Modi Shah”
NL, he is hardly an expert medical voice to be quoted for student injuries pic.twitter.com/0TmxzCagXw
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) January 6, 2020
स्वाति गोएल द्वारा शेयर किए गए भट्टी के फेसबुक पोस्ट्स से पता चल जाता है कि डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी मोदी विरोध के हर उस प्रोपोगेंडा में शामिल रहा है जो कांग्रेस और वामपंथी मीडिया का गुट कर रहा है। पीएम मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ भीड़ जुटाने और समय-समय पर ज़हर उगलने वाले व्यक्ति के राजनीतिक बयान को न्यूज़लॉन्ड्री और बरखा दत्त ने जिस तरह से एक ‘डॉक्टर का बयान’ बता कर पेश किया है उससे इनके भयंकर सीनिस्टर का पता चलता है।
ऐसे ही कई बार एक व्यक्ति का सभी प्रोटेस्ट में शामिल रहना और कुछ चैनलों द्वारा सिर्फ उन्हीं का इंटरव्यू लिए जाने का खुलासा भी हो चुका है। जामिया हिंसा मामले में आयशा और लादीदा की भूमिका एक बड़ा उदाहरण है। यह मामला भी ठीक उसी तरह था जहां कांग्रेस के एक कथित कार्यकर्ता को डाक्टर बता कर उसके बयान को आधिकारिक बयान बताया जा रहा है।
ऐसा लगता है कि वामपंथी मीडिया और विपक्ष सभी जगह पर अपने कार्यकर्ता स्लिपर सेल्स को बैठा कर रखी है और जैसे ही कुछ होता है चाहे वे मीडिया में हो या डॉक्टर हो सब एक्टिव हो जाते है।