CAA विरोधी और देश की लिबरल मीडिया केंद्र सरकार के रुख से इतने हताश हो गए हैं कि अब उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। ऐसा ही हमें हाल ही में इंडिया टूड़े पर देखने को मिला जब CAA के खिलाफ एजेंडा चला रहे वामपंथी पत्रकार राजदीप सरदेसाई को केरल के गवर्नर आरिफ़ मोहम्मद खान ने आड़े हाथों लिया और उनसे नफरत ना फैलाने की गुजारिश की। राजदीप सरदेसाई ने उनपर BJP के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद आरीफ़ मोहम्मद खान ने उन्हें संविधान के नियमों के बारे में अवगत कराया।
CAA पर अपनी कुंठा जाहिर करते हुए राजदीप ने आरिफ़ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि “सबसे बड़ी समस्या यह है कि आप भाजपा द्वारा नियुक्त किए गए एक गवर्नर हैं और जिन राज्यों में भी विपक्ष सरकार में होती है, वहां हमें राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों में तनाव देखने को मिलता है। केरल में जब सरकार ने सीएए के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, तो आप ने ठीक उसके उलट रुख अपनाया हुआ है। क्या अब CAA के मुद्दे पर हर जगह देश में लेफ्ट और राइट में बंटवारा हो गया है?”। इसपर आरिफ़ मोहम्मद खान ने राजदीप को जो जवाब दिया, वह उन्हें ज़िंदगी भर याद रहेगा।
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आरिफ़ मोहम्मद खान ने जवाब देते हुए कहा “मुझे आपकी भाषा ही समस्यात्मक लग रही है। मुझे राष्ट्रपति ने नियुक्त किया है, मुझे किसी पार्टी द्वारा नियुक्त नहीं किया गया है। समस्या ये है कि जैसी भाषा का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसी से ध्रुवीकरण बढ़ता है। वह समाज में नफरत फैला रहा है। वह समाज में हिंसा भड़का रहा है”। आगे आरिफ़ ने कहा “भारत में मण्डल कमीशन के समय, शाह-बानो केस के समय इससे भी ज़्यादा बड़े-बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं। शाह-बानो केस के समय तो गलियों में निकले विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को हिला दिया था। परंतु राजदीप सरदेसाई, माफ कीजिएगा लेकिन आप इससे कोई सबक लेने को तैयार नहीं हो’।
बता दें कि CAA पर राजदीप को पाठ पढ़ाने वाले आरिफ़ मोहम्मद खान CAA के मुद्दे पर ही केरल सरकार के साथ भी विवादों में चल रहे हैं। जब केरल सरकार ने CAA के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था, तो आरिफ़ ने कहा था कि यह संविधान के विरुद्ध है और राज्य सरकारों के पास इसका कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा जब केरल सरकार CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गयी थी, तो भी आरिफ़ मोहम्मद खान ने केरल सरकार की आलोचना की थी।
इसपर राजदीप सरदेसाई ने जब आरिफ़ की आलोचना की, तो उन्हें फिर करारा जवाब मिला। केरल के गवर्नर ने राजदीप को समझाया कि राज्यपाल होने के नाते उनके पास सरकार को सुझाव देने का संवैधानिक अधिकार है, और इस अधिकार को उनसे कोई छीन नहीं सकता।
राजदीप सरदेसाई ने अपना एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए जिस तरह राज्यपाल जैसे सम्मानित पद पर बैठे व्यक्ति का अपमान किया है, वह अति निंदनीय है। यह दिखाता है कि कैसे वामपंथी गैंग CAA को लेकर असहिष्णु हो गया है। कुछ दिनों पहले मार्क्सवादी इतिहासकर इरफान हबीब ने भी मंच पर बोल रहे आरिफ़ मोहम्मद खान के साथ बदसलूकी करने की कोशिश की थी। हालांकि, इस सब के एजेंडे के बाद भी देश के लोगों में CAA को लेकर उत्साह कम नहीं हो रहा है जिसके कारण राजदीप जैसे वामपंथियों की कुंठा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।



























