28 जनवरी 2020 को स्वघोषित कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई से लखनऊ जा रही इंडिगो की फ्लाइट पर अर्नब गोस्वामी के साथ बदतमीजी कर फ्लाइट में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया। इसके बाद इस प्रकरण का बड़ी बेशर्मी से वीडियो बनाकर जनाब ने ट्वीट कर इस पर गर्व भी महसूस किया। इसके कुछ ही घंटों बाद कुणाल को लेने के देने पड़ गए। एक के बाद एक चार एयरलाइंस – इंडिगो, गो एयर, एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने कुणाल कामरा के फ्लाइट बोर्ड करने पर बैन लगा दिया है। परंतु एयर एशिया और एयर विस्तारा एयरलाइंस ने इस प्रतिबंध पर अमल नहीं किया। इससे न सिर्फ इन कंपनियों के हवाई यात्रा करने वाले लोगों में एक गलत संदेश जा रहा है, अपितु ये अप्रत्यक्ष रूप से कुणाल कामरा जैसे लोगों की गुंडई को बढ़ावा भी देता है।
एयर विस्तारा पर अब कई सवाल उठने लगे हैं। अपने आप को भारतीय एयरलाइन के क्षेत्र में सर्वोच्च मानने वाले हवाई विमान इतना अपरिपक्व और गैर जिम्मेदार कैसे हो सकता है? कुणाल कामरा का वीडियो स्पष्ट सिद्ध करता है कि वो किस हद तक जा सकता है। यदि ज़रूरत पड़ी तो वो अपने विचारों से इतर विचार रखने वाले व्यक्ति के साथ मारपीट भी करता है। ऐसे में एयर विस्तारा द्वारा कुणाल कामरा के वीडियो वायरल होने के बाद भी उसे बैन न करना अपने आप में उसकी अपरिपक्वता को स्पष्ट दर्शाता है।
. @airvistara deleted Honourable @adgpi Officer General GD Bakshi Pic after Anti Army Gang Pressure. I will never travel on Air Vistara till thn they tweet Pic again & apologies , RT if you will #BoycottVistara pic.twitter.com/rbyAvgEIDn
— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) April 21, 2019
परंतु ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि एयर विस्तारा ने इस प्रकार की गलती पहली बार की हो। यह एयरलाइन पहले भी लिबरल बिरादरी की खुशामद करते हुए पकड़ी गयी है। अप्रैल 2019 में एयर विस्तारा ने प्रख्यात सैन्य अफसर एवं सैन्य इतिहासकार मेजर जनरल जीडी बख्शी के साथ अपने केबिन क्रू की फोटो शेयर की थी।
इसके कारण वामपंथी ब्रिगेड को ज़बरदस्त मिर्ची लगी, क्योंकि उनमें और मेजर जनरल जीडी बख्शी में छत्तीस का आंकड़ा जो ठहरा। फलस्वरूप एयर विस्तारा को ट्वीट डिलीट करना पड़ा। बाद में एयरलाइन प्रशासन ने इसपर अपनी सफाई में एक पोस्ट भी जारी किया, परंतु एक सैन्य अफसर को अपमानित करने के कारण जो फजीहत एयर विस्तारा ने झेली, उसकी भरपाई नहीं की जा सकी।
इसके अलावा भी एयर विस्तारा द्वारा वामपंथी ब्रिगेड की खुशामद के कई किस्से चर्चा में बने रहते हैं, और कुणाल कामरा को अभी तक बैन न करना इसी बात का परिचायक है। विस्तारा को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि हो, और जो अर्नब गोस्वामी के साथ हुआ, वो कल को किसी भी यात्री के साथ हो सकता है। ऐसे में कुणाल कामरा जैसे उपद्रवियों को इतनी खुली छूट नहीं दी जा सकती। सब अर्नब जितने शांत नहीं हो सकते, और हाथापाई की नौबत आने पर एयरलाइन की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। ऐसे में विस्तारा को राजनीतिक शिष्टाचार को धता बताते हुए तुरंत कुछ सख्त कदम उठाना चाहिए, नहीं तो आने वाले भविष्य में यात्रियों को हो रही किसी भी प्रकार की असुविधा के लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।