सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के पीछे उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों की भूमिका किसी से छुपी नहीं है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे शाहीन बाग के ‘लोकतान्त्रिक’ प्रदर्शनों का मुखौटा उतरता जा रहा है। शेहला राशिद जैसे लोगों ने तो जानबूझकर सीएए को सांप्रदायिक ट्विस्ट दिया है। अब मोहतरमा ट्विटर पर यह ज्ञान बाँच रही है कि कैसे भारत को इस्लामीक आतंकवाद से ज़्यादा हिन्दू आतंकवाद से खतरा है।
शेहला राशिद ने ट्वीट कर कह, “देखिये, किसी न किसी को ये बात कहनी ही पड़ेगी। भारत में इस्लामीक आतंकवाद से कोई खतरा नहीं है। यहाँ कोई जिहादी आतंकवादी कैंप मौजूद नहीं है। भारत में आतंकवाद की समस्या मुख्यत: स्वदेशी हिन्दू आतंकवादी गुटों से है, जिससे सरकार भी जुड़ी हुई है।”
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1224174959477456896?s=20
नहीं, नहीं, कोई नहीं हँसेगा। बिलकुल भी नहीं। शेहला राशिद आखिरकार दिग्विजय सिंह और महेश भट्ट जैसे लोगों की चेली जो ठेहरी, जो ये दावा करते थे कि 26/11 के पीछे आरएसएस का हाथ था। यदि अजमल कसाब को वीर हुतात्मा एएसआई तुकाराम आंबले जीवित न पकड़ते, तो शायद काँग्रेस सरकार आरएसएस पर 26/11 का दोष सफलतापूर्वक लगा भी देते।
शेहला राशिद के कॉन्फ़िडेंस को सलामी देनी पड़ेगी, आखिर इतनी बेशर्मी से सफ़ेद झूठ बोलने के लिए भी हिम्मत चाहिए भई! दुनिया भर में इस्लामी आतंकवाद से दुनिया को जूझना पड़ता है और शेहला राशिद दावा करती है कि भारत को इस्लामी आतंकवाद से कोई खतरा ही नहीं है –
पहले तो एक बार को लगा कि कहीं महोदया की प्रोफाइल हैक तो नहीं गयी, पर अब ये स्पष्ट हो गया है कि शेहला राशिद अब पूरी तरह पगला गयी हैं, क्योंकि शेहला राशिद ने ये भी दावा किया कि भारत सऊदी अरब बनने की राह पर चला है। ऐसे में किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए जब शेहला राशिद के ट्वीट को पाकिस्तान से काफी समर्थन मिला।
अब बात करते हैं तथ्यों की। शेहला के गृह राज्य जम्मू कश्मीर में आतंकी गुट जैसे कि जैश ए मुहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तैयबा आए दिन उत्पात मचाते थे। परन्तु मोदी सरकार के कमान संभालते ही मानो इन आतंकियों के बुरे दिन आ गए। नवंबर में प्रकाशित एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने कश्मीर घाटी में 135 आतंकियों की घुसपैठ सफलतापूर्वक करायी है। बता दें कि शेहला राशिद ने ऐसे ही एक अन्य अलगाववादी शाह फैसल की पार्टी में सदस्यता प्राप्त की है। यदि ऐसे लोग दोबारा सत्ता में आए तो जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद को उमड़ते देर नहीं लगेगी। अभी भारत को आईएसआईएस, इंडियन मुजाहिदीन, लश्कर ए तैयबा समेत कम से कम 14 आतंकवादी गुटों से खतरा है, जिनका इरादा केवल और केवल भारत को रक्तरंजित करना है।
kaha se lati ho itna confidence??
1.Islamic State
2.Indian Mujahideen
3.Jamiat-ul-Mujahideen
4.Students Islamic Movement of India
5.Jammu and Kashmir Islamic Front
6.Al-Umar-Mujahideen
7.Hizb-Ul-Mujahideen
8.Harkat-Ul-Mujahideen
9.Tahrik-E-Furqan
10.Pasban-E-Ahle Hadis(LeT) https://t.co/wG7rJ0wQD0— अभिनव (@abhinavpratap_s) February 3, 2020
इतना ही नहीं, 2014 से 2018 के बीच आईएसआईएस समर्थकों के पकड़े जाने के 180-200 मामले दर्ज किये गये हैं, जिसमें केरल के अकेले 40 केस हैं। शेहला के दावों के ठीक उलट भारत में जिहादी गुट काफी सक्रिय है, बस वे हमारी सुरक्षा एजेंसियों की चुस्ती और फुर्ती के कारण भारत को रक्तरंजित नहीं कर पा रहे हैं। पिछले वर्ष जुलाई में एनआईए ने कोयंबटूर के छह लड़कों को आईएसआईएस से संबन्धित पाया। उनमें से एक ने तो दावा किया कि वे कैसे तमिलनाडु को तबाह करने का खाका बुन रहे थे।
एनआईए ने इसके साथ छापेमारी में एयर गन पैलेट्स, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और पैन ड्राइव जैसी कई चीजें बरामद किये थे। इसके अलावा एक कटार और एक इलैक्ट्रिक बेटन भी आतंकवादियों के कब्जे से पाया गया।
Tamil Nadu: During NIA raids in Coimbatore in connection with ISIS module case, 14 mobiles,29 SIM cards,10 pen drives,3 laptops,6 memory cards,4 hard disc drives&13 CDs/ DVDs,300 air-gun pellets&incriminating documents&PFI/ SDMI pamphlets seized from houses&work places of accused
— ANI (@ANI) June 12, 2019
शायद ऐसा लगता है कि शेहला राशिद इस पूरे प्रकरण में महज एक मोहरा नहीं रहना चाहती है। सीएए विरोध के नाम पर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का बहुत बड़ा हाथ रहा है, जिसकी पहुँच केरल से बढ़कर कर्नाटक, झारखंड और अब उत्तर प्रदेश तक पहुँच चुकी है। कई इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सीएए के विरोध को लेकर हिंसक प्रदर्शनों में भी पीएफ़आई का हाथ रहा है, जिसकी पुष्टि स्वयं उत्तर प्रदेश पुलिस ने की है। 2014 में केरल सरकार ने एक हलफनामे में भी स्वीकार किया था कि पीएफ़आई के आतंकी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया [सिमी] से गहरा नाता है, और ये भी बताया कि कैसे पीएफ़आई सिमी का दूसरा रूप है। ऐसे में शेहला राशिद आतंकवाद पर सफ़ेद झूठ बोलकर केवल अपनी ही छवि खराब कर रही है।
अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के बाद से शेहला राशिद जैसे लोग एकदम बेरोजगार हो चुके हैं। कई पैंतरे अपनाने के बाद भी शेहला अब लाईमलाइट बटोरने में नाकाम रही है, और इसीलिए वे इस तरह के ऊटपटाँग ट्वीट कर रही है। सही कहा था हमारे बुज़ुर्गों ने ‘विनाश काले विपरीते बुद्धि।’