24 और 25 फरवरी को दिल्ली में हिंसा का तांडव देखने को मिला। यूएसए के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे से ठीक पहले विरोध प्रदर्शनों को दंगों में भड़काने में वामपंथी बुद्धिजीवियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब एक वीडियो में ये स्पष्ट हुआ है कि डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे से एक हफ्ते पहले ही दिल्ली में माहौल बिगाड़ने की तैयारी शुरू हो गयी थी, जिसमें उमर खालिद भी शामिल था।
बीजेपी सोशल मीडिया के हेड अमित मालवीय द्वारा शेयर की गयी इस वीडियो में उमर कहता है, “मैं वादा करता हूँ कि जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आयेगा, तो हम दिखाएंगे कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार भारत को बांटना चाहती है और महात्मा गांधी के आदर्शों को मिट्टी में मिलाना चाहती है। हम भारी संख्या में सड़कों पर उतरेंगे और बताएँगे [ट्रम्प को] कि हिंदुस्तान कैसे एक होने के लिए सामने आया है”।
यह वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती में 17 फरवरी को हुई एक रैली की है, जो प्रेसिडेंट ट्रम्प के दौरे से ठीक एक हफ्ते पहले हुई थी –
Umar Khalid, already facing sedition charges, gave a speech in Amaravati on 17Feb, where he exhorted a largely Muslim audience to come out on streets in huge numbers when Trump arrives in India on 24th.
Was the violence in Delhi planned weeks in advance by the Tukde Tukde gang? pic.twitter.com/feUMwpPeKS
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 2, 2020
इसी वीडियो को शेयर करते हुए अमित मालवीय ने पूछा, “देशद्रोह के मामले में अभियुक्त उमर खालिद ने 17 फरवरी को अमरावती में एक मुस्लिम बहुल भीड़ को संबोधित करते हुए ट्रम्प के दौरे के समय बड़ी संख्या में सड़कों पर निकलने को कहा। क्या दिल्ली की हिंसा टुकड़े-टुकड़े गैंग ने पहले से ही प्लान कर रखी थी?”
Umar Khalid, already facing sedition charges, gave a speech in Amaravati on 17Feb, where he exhorted a largely Muslim audience to come out on streets in huge numbers when Trump arrives in India on 24th.
Was the violence in Delhi planned weeks in advance by the Tukde Tukde gang? pic.twitter.com/feUMwpPeKS
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 2, 2020
आशीष सिंह नाम के पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक 17 मिनट लंबा वीडियो शेयर किया, जिसमें उमर खालिद कई भड़काऊ बयान देता हुआ दिखाई दिया। पूरे वीडियो में उमर खालिद हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने में प्रयासरत था। उसने शाहीन बाग के प्रदर्शन में हिंदुओं के खिलाफ फैलाये जा रहे प्रोपगैंडा को भी उचित ठहराते हुए पुलिस की कथित बर्बरता का भी उल्लेख किया।
इतना ही नहीं, जनाब ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुसलमानों के पास मौका था, फिर भी उन्होंने क्यों नहीं इस निर्णय के विरुद्ध विद्रोह किया। इसके अलावा सीएए पर एक बार फिर अफवाह फैलाते हुए उमर खालिद रोने लगे कि सीएए इसलिए लाया गया है, ताकि मुसलमानों को नुकसान पहुंचाया जा सके।
अब खालिद की इस स्पीच के वायरल होने से हम इस गुत्थी को आराम से सुलझा सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे से ठीक एक दिन पहले पूर्वोत्तर दिल्ली में चक्का जाम करने का प्रयास किया गया, और यहीं से फिर पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़काए गए। ऐसे में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए यदि उमर खालिद जैसे लोगों का हाथ इन दंगों को भड़काने में सामने आए।
इन दंगों की जांच पड़ताल में सामने आए हैं कि इसे अंजाम तक लाने के लिए काफी सुनियोजित रूप से तैयारी की गयी थी। एक पुलिस कांस्टेबल और एक आईबी अफसर की हत्या, मोहम्मद शाहरुख जैसे युवक के हाथ में पिस्तौल और आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर से मिले पत्थर पेट्रोल बम और तेज़ाब के पैकेट से साफ पता चलता है कि इन दंगों में कितनी प्लानिंग की गयी थी।
अब उमर खालिद के भाषण के कारण इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि दिल्ली में दंगों की तैयारी हफ्तों पहले शुरू हो चुकी थी। जिस तरह से उसने लोगों को भड़काया है, कहीं न कहीं उसमें और पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगाइयों द्वारा मचे उपद्रव में कनेक्शन दिख रहा है।