चीन से बाहर कोरोना दुनियाभर में तांडव मचाता ही जा रहा है। इटली, ईरान और स्पेन के बाद कोरोना ने अमेरिका में भयंकर तबाही मचाया हुआ है लेकिन इसी के आड़ में चीन ने कई देशों को नकली मेडिकल किट और टेस्टिंग किट बेचे थे जिसके बाद अब सभी देशों ने चीन के मेडिकल किट को बहिष्कृत कर वापस चीन भेजना आरंभ कर दिया है। यह अच्छा है कि अब कई देश चीन के खिलाफ एक होते नजर आ रहे हैं। नीदरलैंड से लेकर स्पेन, तुर्की और मलेशिया जैसे देश भी शामिल हैं।
दरअसल, नए मामले में The नीदरलैंड ने चीन से आए खराब मेडिकल समान जैसे फेस मास्क वापस लौटाने का निर्णय लिया है। नीदरलैंड की सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि डच अधिकारियों ने चीन में निर्मित 600,000 फेस मास्क को वापस लौटाने का निर्णय लिया है क्योंकि वे गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं।
चीन द्वारा इस तरह से खराब गुणवत्ता वाले मेडिकल किट की डिलिवरी किए जाने की खबर सुनकर नीदरलैंड में फ्रंटलाइन चिकित्सा कर्मचारियों को झटका लगा था, जो ऐसे मेडिकल किट पर भरोसा करते हैं।
इसी तरह हालांकि, स्पेन ने इस वायरस को काबू करने के लिए चीन से जिन टेस्टिंग किट्स को इम्पोर्ट किया था, वो भी स्पेन के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनकर उभरी थी और इन टेस्टिंग किट्स की वजह से ही स्पेन में कोरोना के मामले बढ़ते चले गए।
कोरोना की टेस्टिंग के लिए स्पेन ने चीन से 6 लाख से ज़्यादा टेस्टिंग किट्स इम्पोर्ट की थी, लेकिन अब सामने यह आया है कि इन टेस्टिंग किट्स का accuracy level सिर्फ 30 प्रतिशत है और 70 प्रतिशत बार ये टेस्टिंग किट्स किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाती हैं। इसके बाद स्पेन ने अब चीन से अपनी किट्स को वापस लेने को कहा था।
इसके अलावा इससे पहले चेक रिपब्लिक भी चीनी किट्स को लेकर ऐसी ही बात कह चुका है। ताइवान के एक न्यूज़ पोर्टल की माने तो चीन ने दोयम दर्जे के टेस्ट किट चेक गणराज्य को भेजे थे, जिसके लिए उसने बहुत मोटी रकम वसूली। एक चेक न्यूज़ साइट iROZHLAS की माने तो चीन ने डेढ़ लाख टेस्ट किट के बदले 14 मिलियन चेक क्राउन ऐंठे थे। परन्तु उन टेस्ट किट्स में से 80 प्रतिशत घटिया दर्जे के निकले।
इसी तरह तुर्की ने भी चीन के टेस्टिंग किट को उसकी खराब गुणवत्ता के लिए नकार दिया था। तुर्की ने एक मंत्री ने कहा था कि हम अभी यह नहीं कह सकते कि जो टेस्टिंग किट स्पेन को दिया गया था वही हमे भी दिया गया है।
इसी तरह मलेशिया ने भी यह कहते हुए मना कर दिया कि उनके टेस्ट किट की accuracy सही नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेशिया के अब अस्पताल सिंगापुर और दक्षिण कोरिया से टेस्ट किट मांगने पर विचार कर रहे हैं।
मेड इन चाइना माल पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्ता के लिए बदनाम रही है, अब ऐसे में कोविड-19 टेस्टिंग किट्स के मामले में भी चीन की यह खराब गुणवत्ता कई देशों पर भारी पड़ रही है। इसी वजह से अब सभी चीन को उसका नकली समान वापस लौटा रहे हैं। यह विश्व के लिए ही अच्छा है। पूरी दुनिया में जहां कोरोना की वजह से काम-काज ठप पड़ा है, तो वहीं चीन अब इन देशों में फर्जी वेंटिलेटर और मेडिकल किट्स भेजकर बड़ी मात्रा में इनसे पैसे एंठ रहा था।
चीन का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कोई नया नहीं है, बल्कि इससे पहले कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर भी वह अमेरिका के साथ ब्लेम गेम खेल चुका है। लेकिन अमेरिका ने भी ताइपेई एक्ट पारित कर चीन को उसकी जगह बता दिया है। अभी तो सभी ने चीन को उसके मेडिकल किट लौटाने का निर्णय लिया है, अभी और कड़े कदम होंगे। पूरी दुनिया को चीन के इस व्यवहार के लिए उसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए, और ज़रूरत पड़ने पर चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ प्रतिबंध भी लगाए जाने चाहिए।