जब से वुहान वायरस अथवा COVID 19 एक वैश्विक महामारी बनके उभरी है, तब से चीन को लेने के देने पड़ चुके हैं। एक ओर चीनी सरकार पर वुहान वायरस को छुपाने के आरोप लगाए हैं, तो दूसरी ओर चीन सरकार के रवैये का विरोध करने वाले चीनी नागरिक एक-एक कर गायब होते जा रहे हैं। हाल ही में चीनी सरकार को वुहान वायरस के लिए आड़े हाथों लेने वाले एक बिजनेस टाइकून Ren Zhiqiang गायब हुए हैं, और उनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
बता दें कि चीन के वुहान शहर में उत्पन्न वुहान वायरस [COVID 19] के कारण विश्व भर में अफरा-तफरी मची हुई है। इस घातक बीमारी से लगभग 154000 लोग विश्वभर में संक्रमित हैं। इससे अब तक 5700 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। दुनिया भर के कुल मामलों में चीन में अकेले 52 प्रतिशत केस COVID 19 के पॉज़िटिव पाए गये हैं. वहीं चीन पर कोरोना वायरस से मरने वालों के आंकड़ों को छुपाने के भी आरोप लगे हैं।
बिजनेस टाइकून Ren Zhiqiang अपने सरकार विरोधी पोस्ट्स के लिए काफी चर्चा में रहते थे। हाल ही में उन्होंने एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों का जीवन वायरस और एक सड़े हुए सिस्टम के कारण अस्त-व्यस्त है। यूं तो Ren Zhiqiang ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का नाम तो नहीं लिया, परंतु उन्होंने जिनपिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे पास एक clown है, जिसे मीडिया न सिर पर चढ़ा रखा है।
बस इसी के बाद से Ren Zhiqiang गायब चल रहे हैं, और उनके समर्थकों के अनुसार रेन को या तो चीनी सरकार ने हिरासत में लिया है, या फिर उनकी हत्या कर दी है। इससे पहले भी Ren Zhiqiang चीन के निशाने पर आ चुके हैं, और 2013 में उन्हें सोशल मीडिया से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था।
परंतु समस्या यहीं पर खत्म नहीं होती। कोरोना पर आवश्यक डेटा इकट्ठा करने के बाद भी न तो चीन इसे विश्व भर के साथ साझा कर रहा है, और न ही वह वुहन वायरस को रोकने के लिए कोई सार्थक प्रयास कर रहा है। उल्टे जो भी व्यक्ति चीन सरकार के लचर व्यवस्था पर उंगली उठाने का साहस करता है, उसे चीन सरकार गायब कर देती है।
Ren Zhiqiang से पहले दो ऐसे पत्रकार गायब हो चुके हैं जो वुहान वायरस का केंद्र कहे जाने वाले वुहान शहर में ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे थे। इन दोनों पत्रकारों के नाम थे फांग बिन और चेन कियुषी। ये दोनों ना सिर्फ अपनी जान दांव पर लगा कर वुहान से रिपोर्टिंग कर रहे थे, बल्कि इसे यूट्यूब और अन्य चीनी मीडिया सोशल साइट्स पर अपलोड करके दुनिया तक पहुंचा भी रहे थे। यही बात शायद चीनी सरकार को खल गयी और अब उनके सोशल मीडिया अकाउंट पूरी तरह शांत पड़ चुके हैं।
इसके अलावा चीन अपने यहाँ से किसी भी प्रकार की वुहान वायरस से संबन्धित जानकारी बाहर भेजने से कतरा रहा है, जिससे पूरी दुनिया में इस बीमारी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। चीन ने उस डॉक्टर को दंडित कर मौत की नींद सुला दिया जिसने सबसे पहले इस वायरस के होने की खबर को सार्वजनिक किया था। तब वुहान शहर की पुलिस ने उस डॉक्टर को ‘अफवाह’ फैलाने के दोष में पकड़ा और उसे हर तरीके से परेशान किया, और फलस्वरूप वह डॉक्टर वुहान वायरस की वजह से दम तोड़ चुका है।
इसके अलावा वुहान वायरस के मरीजों का उपचार करने वाले डॉक्टर्स को चीन में पूरी दुनिया से अलग कर दिया गया है, उनपर अपने परिवार वालों से भी कोई जानकारी साझा करने पर पाबंदी है। ऐसे में भला हम चीन से यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि वह इस वायरस से निपटने के लिए कोई सहायता प्रदान करेगा।
यहाँ पर मतलब स्पष्ट है, न केवल चीन ने वुहान वायरस को दुनियाभर में फैलाया बल्कि अब वह दुनिया को इस वायरस से निपटने में मदद करने से भी अपने हाथ पीछे खींच रहा है, और जो भी उसके विरुद्ध उंगली उठा रहा है, उसे वह हर तरह से कुचलना चाहता है। विश्व के अग्रणी देशों को चीन पर इस तरह की लापरवाही के लिए दबाव बनाना चाहिए और भविष्य में चीन से ऐसी कोई बड़ी बीमारी ना फैले, इसके लिए भी चीन को एक्शन लेने पर मजबूर करना होगा। वुहान वायरस से लड़ाई जरूरी है लेकिन इसी के साथ-साथ चीन को इसका दोषी ठहराना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।