राणा अय्यूब एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी, गलत कारणों से। मोहतरमा ने अभी हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसके कारण उन्हें न केवल देशभर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, परंतु उन्हीं के गुट के सदस्य अब उन्हे इस आपत्तिजनक ट्वीट के लिए आड़े हाथों लेते हुए उन्हे इस ट्वीट के लिए जमकर धोया, और उनका नेतृत्व किया स्वाति चतुर्वेदी ने, जो कभी राणा अय्यूब जैसों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाती थी।
राणा अय्यूब ने वुहान वायरस में भी प्रोपगैंडा ढूंढते हुए एक भारत विरोधी पोस्ट डाला, जिसमें कहा गया था, “जो राष्ट्र नैतिक रूप से मर चुका है, उसका एक वायरस क्या कर लेगा?।”
Only a mean soul would tweet this –
— pallavi ghosh (@_pallavighosh) March 16, 2020
इस पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया, और आश्चर्यजनक रूप से वामपंथी पत्रकार पल्लवी घोष ने भी राणा को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, “केवल एक घटिया मानसिकता वाली व्यक्ति ही ऐसा ट्वीट कर सकती है।”
Only a mean soul would tweet this –
— pallavi ghosh (@_pallavighosh) March 16, 2020
परंतु पल्लवी घोष के ट्वीट से प्रेरित होकर एक पत्रकार ने राणा अय्यूब की वो पोल खोली, जिसे देख आप भी बोल उठेंगे – यह सूरज किस दिशा से उगा है आज? हम बात कर रहे हैं वामपंथी पत्रकार और राणा अय्यूब की करीबी माने जाने वाली स्वाति चतुर्वेदी की, जिनका और राणा अय्यूब का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है। परंतु राणा अय्यूब के विरुद्ध स्वाति ने ट्वीट्स की ऐसी झड़ी लगाई, कि कोई भी व्यक्ति देख के खिलखिला पड़ेगा।
सर्वप्रथम तो स्वाति ने ट्वीट किया, “कैसी अवसरवादी है यह? अवसरवादी छोड़िए कितनी गिरी हुई इंसान है यह?” –
What an opportunist tweet. Forget journalists what a disgusting person pic.twitter.com/bqa2C4TmSq
— Swati Chaturvedi (@bainjal) March 17, 2020
पर रुकिए, यह तो सिर्फ शुरुआत थी। इसके बाद स्वाति चतुर्वेदी ने राणा की जो बखिया उधेड़ी, उसे आप आराम से पॉपकॉर्न खाते हुए देख सकते हैं। स्वाति ने ट्वीट करती हैं, “लोग मर रहे हैं, भारत एक महामारी से जूझ रहा है, और यहाँ यह इस बीमारी का उपहास बना रही हैं”।
People are dying, india is battling a pandemic & this vile person who has the empathy of door knob is gloating. The joke is on you if you consider this moral leper a journalist pic.twitter.com/dZcd1zRP5m
— Swati Chaturvedi (@bainjal) March 17, 2020
अभिसार शर्मा ने स्वाति की बातों का समर्थन किया जिसमें राणा की पोल खोलते हुए स्वाति ने ट्वीट कर कहा था कि, “राणा अय्यूब गुजरात दंगों को एक्स्पोज़ करने का दावा करती हैं। परंतु ‘तहलका’ की इस पत्रकार की माने तो सीबीआई गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती हैं। जब मैंने बताया कि सीबीआई गृह मंत्रालय को रिपोर्ट नहीं करती है, तो उसने मुझे ब्लॉक कर दिया”
Rana Ayyub claims to have exposed the Gujarat riots cover up of @PMOIndia by the CBI. Yet the “Tehelka” journalist thought the CBI reports to the home ministry. Ms Ayyub blocked me here when I told her that the CBI does not report to Rajnath Singh. 😂
— Swati Chaturvedi (@bainjal) March 17, 2020
परंतु स्वाती अकेली नहीं थी। वामपंथी पत्रकार निखिल वागले ने भी राणा के इस घटिया ट्वीट की धुलाई करते हुए ट्वीट किया, “यह तो बहुत ही घटिया ट्वीट है। आपके सेक्युलर वैल्यू में मानवता का कोई स्थान नहीं?” –
This is a pervert tweet. Do your secular values lack humanity? https://t.co/oYMmkLgQCh
— nikhil wagle (@waglenikhil) March 17, 2020
इसके अलावा एक व्यक्ति के जवाब में रोहिणी सिंह ने ट्वीट कर कहा, “एक 3 साल का बच्चा कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। क्या वो नैतिक रूप से भ्रष्ट है? जब लोग मर रहे हों, तो ऐसे स्टेटमेंट देना काफी निर्दयी प्रतीत होता है!” –
A 3 year old child has tested positive for Corona virus. Is she morally corrupt? It’s pretty heartless to say things like this when people are dying.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) March 17, 2020
स्वाति चतुर्वेदी ने राणा अय्यूब के पुस्तक ‘गुजरात फाइल्स’ का मज़ाक उड़ाने का अवसर भी हाथ से नहीं जाने दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से राणा के दलीलों की धुलाई की, उसे ट्वीट के रूप में स्वाति ने पोस्ट कर कहा, “बुक रिव्यू” –
Book review pic.twitter.com/XtcAXS2zjr
— Swati Chaturvedi (@bainjal) March 17, 2020
परंतु यह पहली बार नहीं है जब किसी वामपंथी पत्रकार को उसके ओछे वक्तव्य के लिए सोशल मीडिया के कोपभाजन का सामना करना पड़ा हो। दो वर्ष पहले स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के शुभारंभ पर जब नरेंद्र मोदी पधारे, तो काँग्रेस आईटी सेल की हेड और पूर्व अभिनेत्री दिव्या स्पंदाना ने पीएम मोदी का अपमान करते हुए एक आपत्तिजनक ट्वीट लिखा, जिसके पीछे उनकी निधि राज़दान, शेखर गुप्ता जैसे वामपंथी पत्रकारों से काफी तीखी झड़प हुई। सच कहें तो राणा अय्यूब अब उस मुकाम पर पहुँच गयी हैं, जहां पर उन्हें आम जनता का तो क्या, खुद वामपंथियों का भी समर्थन नहीं प्राप्त है। अब मोहतरमा न घर की रही, न घाट की।