हाल ही में हमनें आप को बताया था कि कैसे चीन अब कोरोना वायरस का फायदा उठाकर दुनियाभर की कंपनियों में निवेश बढ़ाने में जुटा है। हाल ही में चीन ने ना सिर्फ यूरोप के कई देशों की कंपनियों में निवेश करने की कोशिश की, बल्कि चीन के सरकारी Peoples Bank of China ने भारत के HDFC बैंक के भी 1 प्रतिशत से ज़्यादा शेयर्स खरीद लिए।
लेकिन अब चीन के ये आर्थिक गुंडागर्दी के मंसूबे कभी पूरे नहीं हो पाएंगे, क्योंकि चीन के इस आर्थिक आक्रमण को रोकने के लिए अब भारत ने भी कमर कस ली है। दरअसल, भारत के Securities exchange board of India यानि SEBI ने ना सिर्फ भारत के शेयर बाज़ार में सभी चीनी निवेश का ब्यौरा मांगा है बल्कि भविष्य में चीन द्वारा किए जाने वाले सभी लेनदेन की गंभीरता से जांच करने की बात भी कही है।
SEBI ने अपना यह कदम तब उठाया है जब हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि चीन के सरकारी बैंक Peoples Banks of China यानि PBC ने भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक HDFC में 1 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीद ली है। बता दें कि PBC ने HDFC के एक करोड़ 74 लाख 92 हज़ार शेयर्स खरीदे हैं। चीन ने ऐसा कदम तब उठाया है जब पिछले महीने ही HDFC के शेयर्स में 25 प्रतिशत की कमी देखने को मिली थी। यानि चीन का प्लान है कि कैसे दुनियाभर में कोरोना का भरपूर आर्थिक फायदा उठा लिया जाये।
The People’s Bank of China has bought a 1.01% stake in Housing Development Finance, according to the shareholding data released by India’s biggest mortgage lender https://t.co/SfpBglnkUS
— Bloomberg (@business) April 12, 2020
चीन की इस चाल का अब सभी पश्चिमी देशों को पता लग चुका है। तभी तो यूरोप के कई देशों जैसे जर्मनी, स्पेन और इटली ने अपने FDI नियमों में बड़े बदलाव किए हैं ताकि उनके देश की कमजोर कंपनियाँ चीन की मुट्ठी में ना चली जाएं। इसका एक उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब बीते सोमवार को इटली की सरकार ने नियमों में बदलाव कर किसी विदेशी कंपनी द्वारा बैंक, ट्रांसपोर्ट, बीमा, ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों की कंपनियों के टेकओवर पर प्रतिबंध लगा दिया।
कुछ इसी तरह के नियम स्पेन ने बनाए हैं। स्पेन के नियमों के मुताबिक अगर किसी देश को स्पेन की कंपनी में 10 प्रतिशत से ज़्यादा निवेश करना है, तो उसे पहले स्पेन की सरकार से इजाज़त लेनी होगी। इसी तरह के नियम जर्मनी ने भी बनाए हैं जिसके बाद किसी विदेशी कंपनी द्वारा जर्मनी की कंपनी को टेकओवर करना मुश्किल हो जाएगा।
#Gravitas | A new report claims that state-owned Chinese companies are looking for investment opportunities in Europe.
The countries fear hostile takeovers of businesses by China. @palkisu tells you how Italy, Germany and Spain are now tightening their foreign investment rules pic.twitter.com/eSWRL2BHwa— WION (@WIONews) April 8, 2020
चीन के इस एजेंडे से यह स्पष्ट होता है कि कोरोना के कारण चीन का प्रॉफ़िट कमाने का प्लान सिर्फ मास्क या मेडिकल सप्लाई बेचने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह इसके माध्यम से दुनिया पर अपना कब्जा करना चाहता है, फिर चाहे वह विदेशी कंपनियों पर कब्जा करके हो या फिर वहां हुवावे जैसी विवादित कंपनियों के पक्ष में ज़मीन तैयार करने के माध्यम से हो। भारत की SEBI ने समय रहते चीन के निवेशों की गहरी जांच करने की बात से यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत चीन की सभी चालाकियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन पहले ही भारत को नकली PPE किट्स और टेस्टिंग किट्स बेचकर चूना लगा रहा है, जिसके लिए भारत ने चीन के पास आपत्ति भी दर्ज कराई है, अब भारत सरकार चीन के आर्थिक आक्रमण को लेकर भी जागरूक है और उसे रोकने के लिए सरकार ने ज़रूरी कदम उठाने शुरू कर दिये हैं।