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‘सुन पगली’ से लेकर ‘जय श्री राम’ तक- रामायण के Re-Telecast ने कैसे TikTok जेनरेशन को Hinduism की ओर मोड़ दिया

मीम्स से समझा जा सकता है कि टिकटोक स्टार रामायण को कितना जान चुके हैं

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
19 April 2020
in मत
रामायण, टिकटोक, मीम्स, राम,
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कभी सोचा था कि तेरी प्यारी–प्यारी दो अंखियां जैसे गानों पर टिक टोक के जरिए आड़ी तिरछी शक्ल बनाने वाले युवा ‘मंगल भवन अमंगल हारी‘ के प्रशंसक होंगे? नहीं ना!

परन्तु राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान डीडी नेशनल पर पुनः प्रसारित हो रही रामायण सीरियल की लोकप्रियता सातवें आसमान को छूने लगी हैं। जो कल तक ब्रेकिंग बैड, एवेंजर्स जैसे विदेशी प्रोजेक्ट को लेकर दंभ भरते थे, आज वही लोग लक्ष्मण को कूल समझते हैं, हनुमान जी के लंका दहन पर तालियां बजाई जाती हैं, और प्रत्येक प्रसंग पर एक नन्हें बालक की भांति अपार उत्साह दिखाते हैं। मिलेनियल जेनरेशन को रामायण खूब पसंद, और वे भर-भर के मीम्स बना रहे हैं, जैसे यह –

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उद्धव ने पूछा- “राम न होते तो क्या होता?” फिर तो उद्धव उस्मान होता!

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रामायम, राम, मीम, मिलेनियल्स, टिकटोक,

परन्तु रामायण फिर से इतना लोकप्रिय कैसे हुआ? इसके लिए हमें जाना होगा 1987 में, जब ये शो डीडी नेशनल पर प्रारंभ हुआ था। रामानंद सागर द्वारा निर्देशित का कार्यक्रम को अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ा। कुछ सूत्रों की माने तो डीडी नेशनल के कुछ उच्चाधिकारी इस सीरियल का प्रसारण ही नहीं करने देना चाहते थे, क्योंकि इससे भारत का सेक्यूलरिज़्म खतरे में आ जाएगा।

हालांकि सभी चुनौतियों को पार करते हुए रामायण का प्रसारण हुए, और जल्द ही इसकी लोकप्रियता सातवें आसमान पर पहुंच गई थी। उस समय ना कोई महामारी थी, और ना ही कोई आपातकाल, परन्तु फिर भी  रामायण के एपिसोड का प्रसारण होता था, तो सड़कें ख़ाली हो जाती थी। ये सीरियल इतना लोकप्रिय हुआ कि इसके स्टार कास्ट की सड़कों पर आरती उतारी जाती थी।

ऐसे में जब प्रसार भारती ने पुनः रामायण प्रसारित करने का निर्णय लिया, तो अहंकार में डूबे वामपंथियों ने इस निर्णय का मज़ाक उड़ाना प्रारंभ कर दिया। उनके मुताबिक देश के पास और अधिक महत्वपूर्ण काम है, और नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसी सुविधाओं के होते हुए भला कोई रामायण को दोबारा दूरदर्शन पर क्यों देखेगा?

परन्तु वामपंथियों को मानो दिन में तारे दिखाते हुए रामायण सीरियल 30 वर्ष पुराना होते हुए भी लोगों के दिलों पर छा गया। क्या सोशल मीडिया क्या टिक टॉक, सभी जगह रामायण और उसके पात्रों की जयजयकार होने लगी। स्थिति तो ऐसी हो गई कि रामायण के प्रथम एपिसोड के प्रसारण  के साथ ही डीडी का ऑनलाइन वेबसाइट क्रैश हो गया।  शायद एक मीम में सही ही कहा गया है।

चूंकि सोशल मीडिया पर अच्छा हो या बुरा, हर विषय पर मीम बनने प्रारंभ हुए, इसलिए रामायण और उसके पात्रों पर भी अनेकों प्रकार के मीम बनने लगे। लेकिन यदि कोई इसके कारण एक बार फिर सुर्खियों में है, तो वे है सुनील लहरी और असलम खान। सुनील लहरी को जहां लक्ष्मण के पात्र के लिए सराहा गया, तो वहीं असलम खान को सीरियल मेज विभिन्न चरित्र निभाने के लिए प्रेम से ‘ दुग्गल साब ‘ बुलाया जाने लगा। विश्वास नहीं होता तो इन मीम को देख लीजिए-

ऐसे ही कुछ और मीम्स देखिए, आपको अंदाजा लग जाएगा कि किस कदर रामायण को आज की जेनरेशन पसंद कर रही है.

@LahriSunil @ChikhliaDipika @arungovil12 Best Picture on Internet. 🙏#Ramayana #Ramayan #RamayanOnDDNational #DDNational pic.twitter.com/jCdf7dl77z

— Kumar (@Kumar29263152) April 19, 2020

स्वयं सुनील लहरी भी इस ट्रेंड से काफी प्रसन्न हुए। वे कहते हैं, “मुझे बताया जाता है कि आप मीम तभी बनाते हैं जब आप पॉपुलर हों। मैं दर्शकों का बहुत आभारी हूं, कि उन्होंने मुझे इतना प्यार दिया“।

रामायण का इतना लोकप्रिय होना दूरदर्शन के पुराने दिन फिर से वापिस ले आया है। दूरदर्शन के नंबर एक बनने का सबसे प्रमुख कारण पुराने धारावाहिकों का वापस प्रसारण किया जाना है। लॉकडाउन के बाद 80 और 90 के दशक के कुछ मशहूर कार्यक्रमों की भी दूरदर्शन पर वापसी करवा दी गयी थी। इस लिस्ट में महाभारत, रामायण, ब्योमकेश बक्शी और सर्कस जैसे शो शामिल हैं। ऐसे में एक तरफ जहां इन टीवी शोज से दर्शकों को खुशी मिली है तो वहीं अब चैनल के लिए भी खुशखबरी सामने आई है।

कुछ दिनों पहले ही रामायण ने टीआरपी के कई रिकॉर्ड तोड़े थे। यहां तक कि साल 2015 से लेकर अब तक जनरल एंटरटेनमेंट कैटगरी के मामले में यह बेस्ट सीरियल बन गया है। इस बात की जानकारी प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने ट्विटर के माध्यम से दी थी।

उन्होंने बताया, ‘मुझे यह बताते हुए काफी अच्छा लग रहा है कि दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहा शो ‘रामायण‘ 2015 से अब तक का सबसे अधिक टीआरपी जनरेट करने वाला हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट शो बन गया है।‘

इससे स्पष्ट होता है कि अभी भी ऐसे धारावाहिकों का महत्व है और लोग देखना पसंद कर रहे हैं। यह न सिर्फ सरकार के लिए अच्छी खबर है बल्कि दूरदर्शन और देखने वालों के लिए भी फायेदेमंद है।  रामायण और महाभारत के कारण इस लोकप्रियता के आसमान छूने से दूरदर्शन और सरकार दोनों को मुनाफा होगा। इसके साथ ही देश की नई पीढ़ी को भारत के इतिहास और संस्कृति का अच्छा एक्सपोजर भी मिलेगा। भारत की संस्कृति का पुनरुत्थान प्रारंभ हो चुका है, और मिलैनियल जेनरेशन में इसकी अपार लोकप्रियता इसका सबसे प्रत्यक्ष प्रमाण है।

Tags: टिकटोकमिलेनियल्समीमरामरामायम
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