आज सुबह 9 बजे जब पीएम मोदी ने कोरोना संकट के समय तीसरी बार लोगों के सामने आकर संदेश दिया, तो पूरे देश ने उनकी कही एक एक बात को बड़े ध्यान से सुना। इस संकट के समय में इससे पहले दो बार देश से मुखातिब हो चुके हैं और दोनों ही बार लोगों ने उनकी कही एक एक बात का अनुसरण किया है। 19 मार्च को जब पीएम मोदी सबके सामने आए थे तो उन्होंने देश से जनता कर्फ़्यू का पालन करने की अपील की थी। इसी के साथ-साथ उन्होंने देश से शाम 5 बजे क मिनट के लिए खड़े होकर ताली और थाली बजाकर देशवासियों से सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी और स्वास्थ्यकर्मियों का हौसला बढ़ाने की अपील की थी, लोगों ने तब उनकी एक एक बात को माना था।
आज फिर पीएम मोदी ने लोगों से ऐसी ही एक गुजारिश की। फिर से देशवासियों को एकजुट करने के लिए पीएम मोदी ने अब की बार आगामी रविवार यानि 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सभी लाइट्स बंद करे दीये या मोमबत्ती जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें इसके जरिये कोरोनावायरस की वजह से करोड़ों लोगों के जीवन में आए अंधकार को दूर करने की कोशिश करना है।
जब लोगों को आपस में जोड़ने की बात हो, और हमारे देश के लिबरल इससे ना चिढ़े, भला ऐसा कैसे हो सकता है? प्रधानमंत्री मोदी के 10 मिनट के इस सम्बोधन ने देश के लिबरलों में मानो भूचाल ला दिया और देखते ही देखते कई लिबरलों ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर अपनी भड़ास निकाली, लेकिन बाद में जनता ने इन्हें खूब ट्रोल किया।
कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने सबसे पहले पीएम मोदी का विरोध करने के लिए बेतुका कारण दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जान-बूझकर 9 बजे और 9 मिनट कार्यक्रम कर रहे हैं क्योंकि हिन्दू धर्म में 9 का महत्व है और वे इसकी सहायता से कोरोना से लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा अपने ट्वीट में शशि थरूर राम नवमी को लेकर भी कनफ्यूज़ नज़र आए और वे 3 अप्रैल को राम नवमी समझ रहे थे। लोगों ने इस ट्वीट पर थरूर को खूब ट्रोल किया।
This is no accident: the PM spoke on Ram Navami at 9 am for 9 mins, asked us to light diyas & candles on 5/4 at 9 pm for 9 mins. He is invoking all the auspicious elements Hinduism associates with number 9. Back to Ram Bharose?! #COVID19 must be more serious than we thought!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) April 3, 2020
इसी तरह स्वघोषित इतिहासकार रामचन्द्र गुहा को भी पीएम मोदी की इस अपील से भारी पीड़ा पहुंची। गुहा ने ट्वीट किया कि ये सरकार जल्द ही देश के संविधान में बदलाव कर एस्ट्रोलोजी, अंधविश्वास को बढ़ावा देगी, क्योंकि गुहा के मुताबिक दीया जलाना और मोमबत्ती जलाना अंधिविश्वास का प्रतीक है। ऐसा बोलकर न सिर्फ गुहा ने देश के क्रिश्चियन्स का अपमान किया है बल्कि हिन्दुओ का भी मज़ाक उड़ाया है।
The Constitution lists as a citizen's fundamental duties "to develop the scientific temper, humanism and the spirit of inquiry and reform". An Amendment is in order; to ask us all to promote astrology and voodoo and blind faith instead.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) April 3, 2020
इसी तरह एक वामपंथी पोर्टल द वायर के संस्थापक संपादक एम के वेणु ने एक बेहद नफरत भरा ट्वीट करते हुए लिखा “इस तरह के कार्यक्रम से क्या ज़मीन पर कोई फायदा होगा? देश में लाखों मजदूर घर से बाहर हैं, नौकरी नहीं है, अर्थव्यवस्था गिर रही है। एक बार ये सही हो जाएगा तो 9 मिनट क्या 9 महीने मोमबत्ती जलायी जा सकती है”।
How much can events substitute real solutions on the ground. The millions of migrant labour and workers out of jobs in an economy falling off a cliff need concrete palliatives. Once this is delivered, candles can be lit permanently, not just for 9 minutes.
— M K Venu (@mkvenu1) April 3, 2020
इसी तरह बॉलीवुड में काम करने वाली एक एक्टर तापसी पन्नू भी पीएम मोदी के इस आह्वान से काफी चिढ़ी नज़र आई। उन्होंने लिखा “एक और नया काम, ये ये ये”।
New task is here ! Yay yay yayy !!!
— taapsee pannu (@taapsee) April 3, 2020
ऐसे ही अपने आप को लेखक बताने वाले अतुल खत्री नाम के एक लिबरल ने लिखा “मेरे पिता इसपर कहते – ये क्या *तियापा है”।
https://twitter.com/one_by_two/status/1245920837149982720?s=20
इन सब लिबरलों को यह पच नहीं रहा है कि देश इस बहाने एक बार फिर साथ आएगा और कोरोना के समय इस लड़ाई में एकजुटता ही सबसे बड़ा हथियार है। जैसे 22 मार्च को भारत ने दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया था, वैसे ही इस रविवार को भी हम सबके पास ऐसा करने का मौका होगा। लेकिन इस मौके को भुनाने की बजाय देश के लिबरल एजेंडा चलाने में ही अपना विश्वास रख रहे हैं, जिसकी जितनी निंदा की जाये, उतनी कम है।