दिल्ली के मरकज में जलसा करके तबलीगियों ने पूरे देश में कोरोना फैला दिया है. ज्यादातर मामले तबलीगियों से संबंधित ही आ रहे हैं लेकिन अब इनके बचाव में भी कई गैंग उतर आए हैं और इसमे विकिपीडिया भी शामिल है. दरअसल, विकिपीडडिया पर ‘2020 Tablighi Jamat coronavirus hotspot in Delhi’ नाम से एक लेख पब्लिश किया गया था, जिसे विकिपीडिया ने हटा दिया है. इस आर्टिकल में तबलीगी जमात के कारनामों के बारे में सिर्फ तथ्यों को ही लिखा गया था, लेकिन विकीपीडिया जैसी वामपंथी प्लेटफॉर्म को यह बात हजन न हो सकी और इस लेख को इन्होंने डिलीट कर दिया.
https://twitter.com/iamashu123/status/1251051646756388864?s=20
इसी तरह पाकिस्तान में भी तबलीगियों ने कोरोना फैलाया था. इस पर भी विकीपीडिया पर किसी ने तथ्यात्मक लेख लिखा था जिसे डिलीट कर दिया गया है. बता दें कि लेख ‘2020 Tablighi Jamat coronavirus hotspot in Pakistan’ था.
https://twitter.com/BhagwaErwin/status/1248568876977106945?s=20
इन लेखों के हटाए जाने से साफ स्पष्ट होता है कि वामपंथी विकिपीडिया को तबलीगी जमात से मधुर संबंध रहे हैं. मतलब साफ है कि ये इन्हें सपोर्ट करते हैं और इनके बारे में कोई भी तथ्य नहीं सुनना चाहते और न ही लोगों को पढ़ने देना चाहते हैं. क्योंकि लोग जब पढ़ेंगे तो इनकी पोल खुल जाएगी. कुछ ट्विटर यूजर्स का मानना है कि 30-40 प्रतिशत उन लेखों को विकिपीडिया ने डिलीट कर दिया है जो इस्लामिक चरमपंथियों के खिलाफ था.
ऐसा पहली बार नहीं है जब विकिपीडिया ने इस्लामिक आतंकियों से अपना प्रेम जाहिर किया हो. इससे पहले दिल्ली दंगे के दौरान भी विकिपीडिया पर एंटी हिंदू लेख लिखा गया था. विकिपीडिया ने इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा मचाए गए उत्पात को बिल्कुल भी कवर नहीं किया, उल्टे कपिल मिश्रा को पूरे प्रकरण के लिए दोषी सिद्ध करते हुए लिखा कि ये दंगे धार्मिक, राष्ट्रवाद और इस्लामोफोबिया के कारण हुए थे। हालांकि सच्चाई कोसों दूर है. इस पूरे प्रकरण में समुदाय विशेष के लोगों ने पत्थरबाजी की. एक शाहरुख नाम का मुस्लिम युवक तमंचा ताने हुए देखा गया जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके साथ ही अमानतुल्लाह खान और वारिस पठान को भी दोषी पाया गया है.
लिबरलों का नया अड्डा Wikipedia- दिल्ली दंगे पर लिखे प्रोपेगैंडे को 1600 से ज्यादा बार एडिट किया गया
कुल मिलाकर जब कोई राष्ट्रवादी विचारधारा का व्यक्ति विकिपीडिया पर किसी देशद्रोही या फिर किसी दंगाइयों के खिलाफ कुछ लिखता है तो विकिपीडिया के पेज पर उसे कोई जगह नहीं दिया जाता, चंद घंटों मे ही उसे डिलीट कर दिया जाता है. लेकिन अगर कोई वामपंथी, लिबरल और इस्लामिक कट्टर आदमी यहां कुछ लिखना चाहे तो विकिपीडिया बेहद सत्कार की भावना से उसे अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देती है. वह धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
‘कपिल मिश्रा और हिंदुओं ने दिल्ली दंगा भड़काया’, Wikipedia पर खुलेआम लिखा जा रहा Anti Hindu लेख
कुल मिलाकर विकीपीडिया वामपंथियों और लिबरलों का गढ़ बन गया है, जहां सिर्फ और सिर्फ प्रोपेगेंडा फैलाने का काम होता है. कहने को तो विकिपीडिया कई सोर्सेस को जांचने के बाद और तथ्यों को वेरिफाई करने के बाद ही अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देती है लेकिन जब बात वामपंथियों और लिबरलों की आती है तो इनका सारा नियम कानून धरा का धरा रह जाता है. इनकी पाबंदियां सिर्फ सच बोलने वाले राष्ट्रवादियों के खिलाफ है. और तबलीगियों से इन्हें कितना प्रेम है यह इन्होंने आर्टकल डिलीट करके बता दिया है.