हाल ही में यूपी के मुरादाबाद से मेडिकल टीम और पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए गए थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए योगी सरकार ने एक्शन लेने की बात कही थी और 17 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। योगी अदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले को इतनी गंभीतरा से लिया कि पुलिस ने इन्हें जल्द से जल्द कोर्ट में पेश करने की अपील की और अदालत ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सुबह 3 बजे ही कोर्ट के दरवाजे खोल दिए। इन सभी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। इस प्रकरण में सुरक्षा के मद्देनजर रिमांड मजिस्ट्रेट के आवास पर कोर्ट लगाई गई थी।
देश भर में कोरोना के समय में अगर सबसे अधिक सक्षम और त्वरित निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्रियों को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने सबसे बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। चाहे वो डॉक्टरों पर हमला करने वालों पर त्वरित कार्रवाई करनी हो या तबलीगीयों को बाहर निकालने की बात हो या फिर विदेशी जामतियों को जेल भेजना हो या फिर केजरीवाल सरकार द्वारा यूपी बार्डर पर प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक ही पहुंचना क्यों न हो।
योगी आदित्यनाथ ने इस महामारी के समय में अपने आप को एक ऐसे नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है जिसे आने वाले इतिहास में भी याद रखा जाएगा।
बता दें कि 15 अप्रैल को मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक वर्ग के कुछ लोगों ने संभवत: कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति को लेने गई मेडिकल एंबुलेंस पर जमकर पथराव किया। इस दौरान मानवता के दुश्मनों ने डॉक्टरों को बुरी तरह से पीटा और उन्हें बंधक बना लिया। इस हमले में दो एंबुलेंस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 2 स्वास्थ्य कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले में महिलाएं भी शामिल थीं और छत के ऊपर से हमला कर रही थीं। बता दें कि कुछ लोगों ने पुलिस पर भी हमला किया। इस हमले में कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये। इसी पर अन्य राज्यों के लिए उदाहरण पेश करते हुए योगी सरकार ने तुरंत कार्रवाई की। मुरादाबाद के नवाबपुरा में हाजी नेब की मस्जिद के चौराहे के पास कोरोना के योद्धाओं की टीम पर हमला और पथराव करने वालों की तलाश में रात भर पुलिस दबिश देती रही।
गुरुवार सुबह 3 बजे कोर्ट खुला और 5 बजे तक 17 उपद्रवियों को कोर्ट से सभी को जेल भिजवा दिया गया। मामले में पुलिस ने 12 और लोगों को हिरासत में लिया है। उनकी निशानदेही पर खोजबीन की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर पुलिस ने 40 उपद्रवियों की पहचान की है। हमलावरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई होगी।
योगी अदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि “ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी”। इससे पहले जब तबलीगी जमात के लोगों द्वारा गाजियाबाद के अस्पताल में नर्सों के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया था, तब भी योगी सरकार ने उन लोगों पर NSA के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
यही नहीं योगी अदित्यनाथ ने तबलीगी जमात के छिपे हुए सदस्यों को बाहर निकालने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। सीएम योगी ने साफ शब्दो में कहा कि ऐसे लोगों को आश्रय देने वालों और उनकी तलाशी न लेने वाले थानेदारों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन में जमाती नहीं मिले तो थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी ने सभी एडीजी, आईजी और एसएसपी को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
योगी पहले ही विदेशी जमातियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ ने क्वारंटाइन से छुटे जमातियों को जेल का रास्ता दिखाया था, जमातियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए योगी सरकार ने 17 विदेशी जमातियों को हवालात में हवा खाने के लिए भेजा है। इन सभी पर महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट नियमों के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया था।
योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से एक के बाद एक त्वरित निर्णय ले कर UP जैसे राज्य को संभाला है वह न सिर्फ सराहनीय है बल्कि, किसी प्रशासक को सीखने योग्य भी है। अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों को योगी अदित्यनाथ से सीखना चाहिए जिससे वे अपने राज्य और जनता की भलाई के लिए निर्णय ले सकें।